राजसमंद. राजस्थान उपचुनाव को लेकर सियासत गर्म है. बुधवार को राजसमंद नगर परिषद प्रांगण में जनसंवाद कार्यक्रम में UDH मंत्री शांति धारीवाल ने राजसमंद की दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी को लेकर कहा कि किरण की विकास में दिलचस्पी नहीं थी. धारीवाल ने कहा कि राजसमंद की जनता ने 10 साल विपक्ष के साथ नाता जोड़कर देख लिया.
धारीवाल ने कहा कि किरण माहेश्वरी की राजसमंद के विकास में रुचि नहीं थी. मैंने कई बार कहा कि मुझे राजसमंद के लिए काम बताइए, किरण हमेशा कहा करती थीं कि मैं आपको लेकर चलूंगी. मैंने राजसमंद के अधिकारियों से पूछा कि राजसमंद में क्या-क्या कार्य हुआ है, लेकिन मुझे बड़ी निराशा हुई. मुझे ऐसा नहीं लगा कि जिस तरह की प्रतिभा किरण माहेश्वरी थीं, जिस लगन से काम करना चाहिए था, वैसा न्याय उन्होंने राजसमंद से किया. उनकी प्राथमिकता ही कुछ दूसरी थी. मैं कार्यों के बारे में आगे रहकर उनसे पूछता, लेकिन वह उसे टाल देती थीं. उसके बाद मैंने पूछना ही बंद कर दिया.
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मंत्री धारीवाल के बयान पर पलटवार करते हुए दिवंगत विधायक की पुत्री दीप्ति माहेश्वरी ने कहा कि उपचुनाव में हार के भय से कांग्रेस में हताशा का माहौल है. चरित्र हनन और मर्यादा हीनता की राजनीति ही कांग्रेस की पहचान बन गई है. कांग्रेस नेताओं ने दिवंगत विधायक का नहीं, राजसमंद की जनता का अपमान किया है. उपचुनाव में दिन तो ब्याज सहित इसका बदला लेगी. राजसमंद निकाय चुनाव प्रभारी और भाजपा के फायर ब्रांड नेता मदन दिलावर ने कहा कि शांति धारीवाल की अब उम्र हो चली है. उन्होंने दिवंगत किरण माहेश्वरी के बारे में जो कहा वह मर्यादा हीनता है.
दिलावर ने तो एक कदम आगे बढ़ते हुए इतना तक कह दिया कि शांति धारीवाल की अब उम्र हो चुकी है और उनका अब मानसिक संतुलन सही नहीं है. ऐसे में उन्हें इलाज के लिए मेंटल हॉस्पिटल भेज देना चाहिए. राजसमंद विधानसभा उपचुनाव की रणभेरी बजने के साथ ही अब शब्दभेदी बाण भी चलने लगे हैं. ऐसे में आगामी समय में शब्दों की मर्यादा और तार-तार होती नजर आएगी.