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राजसमंद के द्वारिकाधीश मंदिर में मनाया गया परंपरागत खेंखडा..देवगढ़ में महिलाओं ने की गोवर्धन पूजा

राजसमंद में गोवर्धन पर्व हर्ष और उल्लास से मनाया गया. कांकरोली के द्वारिकाधीश मंदिर में परंपरागत खेंखडा और गोवर्धन पर्व मनाते हुए कोरोना गाइडलाइन का विशेष ध्यान रखा गया. इस बार भगवान की प्रतिमा को गोवर्धन चौक नहीं लाया गया. मंदिर परिसर में ही भगवान का पूजन किया गया. वहीं जिले के देवगढ़ भीम इलाके में महिलाओं ने घर में गाय के गोबर से गोवर्धन बनाकर परिवार के लिए मंगल कामना की.

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राजसमंद के द्वारकाधीश मंदिर में खेंखडा पर्व और गोवर्धन
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Published : Nov 15, 2020, 8:07 PM IST

राजसमंद. जिला मुख्यालय के कांकरोली स्थित श्रीद्वारिकाधीश मंदिर में परंपरागत खेंखडा पर्व और गोवर्धन पूजा का त्योंहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का ध्यान रखा गया. खेंखड़ा पर्व के लिए श्रीद्वारकाधीश मंदिर में परंपरानुसार द्वारकेश गोशाला से कुछ गायों को तैयार कर गोवर्धन चौक लाया गया. जहां ग्वाल बालों ने गऊ क्रीडा कर खेंखड़ा पर्व मनाया.

राजसमंद के द्वारकाधीश मंदिर में खेंखडा पर्व और गोवर्धन

भगवान द्वारकाधीश इस बार गोवर्धन पूजा के लिए गोवर्धन चौक नहीं पधारे. परंपरानुसार पूजन भगवान के निज मंदिर के बाहर स्थित प्रांगण में किया गया. जहां मंदिर के महाराज सहित सेवादारों की उपस्थिति में पूजा अर्चना की गई. कोरोना संकट के चलते इस बार श्रद्धालुओं के मंदिर के मुख्य कार्यक्रमों में आने पर प्रशासन ने रोक लगा रखी है.

पढ़ें - दिवाली पर गृहणियां मांडणे और रंगोली से सजाती हैं व्यापारिक प्रतिष्ठान, डीडवाना की है वर्षों पुरानी परंंपरा

भगवान द्वारिकाधीश में आम प्रवेश रहा प्रतिबंधि

इस बार कोरोना महामारी के वजह से आम श्रद्धालुओं का प्रवेश मंदिर में प्रतिबंधित रहा. जनसंपर्क अधिकारी विनीत सनाढ्य ने बताया कि ठाट-बाट के साथ प्रभु की परंपराओं का विधिविधान से निर्वहन किया गया. यह परंपराएं यहां कई वर्षों से जारी हैं. इस बार कोरोना महामारी की वजह से आम दर्शनार्थियों को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया गया. हर साल इस पर्व पर सैकड़ों श्रद्धालु देश के कोने-कोने से प्रभु द्वारिकाधीश के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. लेकिन इस बार मंदिर में आम श्रद्धालु नजर नहीं आए.

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महिलाओं ने गोबर से बनाए भगवान गोवर्धन

देवगढ़ क्षेत्र में महिलाओं ने की गोवर्धन पूजा

जिले के देवगढ़ भीम क्षेत्र में महिलाओं ने प्रातःकाल शुभमुहूर्त में घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन भगवान का प्रतीक बनाकर परिवार की खुशहाली की कामना की. दिवाली के दूसरे दिन क्षेत्र में महिलाएं अपने निवास स्थान के बाहर गाय के गोबर से भगवान गोवर्धन बनाती हैं. महिलाओं ने कुमकुम रोली आदि से विधिवत पूजा अर्चना कर भगवान गोवर्धन से अपने परिवार के लिए सुख शांति की कामना की. ग्रामीण क्षेत्रों इस पर्व का काफी महत्व है. इस दिन पालतू गाय बछड़ों का विशेष श्रंगार किया जाता है. मान्यता है कि भगवान गोवर्धन की पूजा अर्चना करने से घर में सुख शांति बनी रहती है.

ताल जय जैन गौशाला में भी यह पर्व मनाया गया. तपोचार्य श्रीजयमाला मारासा की प्रेरणा से गोशाला की गायों का भी श्रंगार किया गया. वही श्रद्धालुओं ने इस अवसर पर गायों को गुड़ की मीठी लापसी बनाकर भी खिलाई.

राजसमंद. जिला मुख्यालय के कांकरोली स्थित श्रीद्वारिकाधीश मंदिर में परंपरागत खेंखडा पर्व और गोवर्धन पूजा का त्योंहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का ध्यान रखा गया. खेंखड़ा पर्व के लिए श्रीद्वारकाधीश मंदिर में परंपरानुसार द्वारकेश गोशाला से कुछ गायों को तैयार कर गोवर्धन चौक लाया गया. जहां ग्वाल बालों ने गऊ क्रीडा कर खेंखड़ा पर्व मनाया.

राजसमंद के द्वारकाधीश मंदिर में खेंखडा पर्व और गोवर्धन

भगवान द्वारकाधीश इस बार गोवर्धन पूजा के लिए गोवर्धन चौक नहीं पधारे. परंपरानुसार पूजन भगवान के निज मंदिर के बाहर स्थित प्रांगण में किया गया. जहां मंदिर के महाराज सहित सेवादारों की उपस्थिति में पूजा अर्चना की गई. कोरोना संकट के चलते इस बार श्रद्धालुओं के मंदिर के मुख्य कार्यक्रमों में आने पर प्रशासन ने रोक लगा रखी है.

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भगवान द्वारिकाधीश में आम प्रवेश रहा प्रतिबंधि

इस बार कोरोना महामारी के वजह से आम श्रद्धालुओं का प्रवेश मंदिर में प्रतिबंधित रहा. जनसंपर्क अधिकारी विनीत सनाढ्य ने बताया कि ठाट-बाट के साथ प्रभु की परंपराओं का विधिविधान से निर्वहन किया गया. यह परंपराएं यहां कई वर्षों से जारी हैं. इस बार कोरोना महामारी की वजह से आम दर्शनार्थियों को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया गया. हर साल इस पर्व पर सैकड़ों श्रद्धालु देश के कोने-कोने से प्रभु द्वारिकाधीश के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. लेकिन इस बार मंदिर में आम श्रद्धालु नजर नहीं आए.

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महिलाओं ने गोबर से बनाए भगवान गोवर्धन

देवगढ़ क्षेत्र में महिलाओं ने की गोवर्धन पूजा

जिले के देवगढ़ भीम क्षेत्र में महिलाओं ने प्रातःकाल शुभमुहूर्त में घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन भगवान का प्रतीक बनाकर परिवार की खुशहाली की कामना की. दिवाली के दूसरे दिन क्षेत्र में महिलाएं अपने निवास स्थान के बाहर गाय के गोबर से भगवान गोवर्धन बनाती हैं. महिलाओं ने कुमकुम रोली आदि से विधिवत पूजा अर्चना कर भगवान गोवर्धन से अपने परिवार के लिए सुख शांति की कामना की. ग्रामीण क्षेत्रों इस पर्व का काफी महत्व है. इस दिन पालतू गाय बछड़ों का विशेष श्रंगार किया जाता है. मान्यता है कि भगवान गोवर्धन की पूजा अर्चना करने से घर में सुख शांति बनी रहती है.

ताल जय जैन गौशाला में भी यह पर्व मनाया गया. तपोचार्य श्रीजयमाला मारासा की प्रेरणा से गोशाला की गायों का भी श्रंगार किया गया. वही श्रद्धालुओं ने इस अवसर पर गायों को गुड़ की मीठी लापसी बनाकर भी खिलाई.

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