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Menstrual Hygiene Day 2022: भावना की पीरियड पाठशाला ने बदली महिलाओं की सोच...गांव-गांव जाकर मासिक धर्म के प्रति किया जागरूक

राजसमंद की भावना पालीवाल करीब 12 वर्षों से मासिक धर्म से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए गांव-गांव जाकर पीरियड पाठशाला लगाती हैं. उन्होंने करीब 56 हजार सेनेटरी पैड मुफ्त बांटे (Free sanitary pads distribution) हैं. आज विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस (28 मई) पर पढ़िए भावना पालीवाल की संघर्ष और उनके अभियान की सच्ची कहानी...

Inspirational story of Rajsamad lady Bhawna Paliwal who aware people for menstrual hygiene
पीरियड पाठशाला लगाने वाली भावना पालीवाल ने मासिक धर्म पर बदली लोगों की सोच, बांटे 56 हजार निशुल्क सेनेटरी पैड
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Published : May 28, 2022, 4:55 PM IST

देवगढ़ (राजसमंद). सालों पहले मासिक धर्म को लेकर कई मिथक थे. वो सभी संसाधनों की कमी के कारण थे. पुराने जमाने में न तो सिले हुए कपड़े थे, ना सेनेटरी नेपकिन. यही वजह है कि महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान एक ही जगह रखा जाता था, लेकिन बदलते दौर में सबकुछ बदल गया है. लेकिन आज भी मासिक धर्म को लेकर समाज और परिवार में चुप्पी देखी जाती है. बंदिशें लगाकर उन्हें अकेला रखा जाता है. इसी मौन और चुप्पी को तोड़ने के लिए राजसमन्द जिले के देवगढ़ की रहने वाली भावना पालीवाल पिछले 12 वर्षों से कार्य कर रही हैं.

शनिवार को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस (28 मई) है. भावना पालीवाल ने देवगढ़ ही नहीं जिले के कई गांवों में पिछले बारह वर्षों से 'चुप्पी तोड़ो सयानी बनो' स्त्री स्वाभिमान अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत गांव-गांव पीरियड पाठशाला लगाई जाती है. पालीवाल बताती हैं (Bhawna Paliwal views on menstrual) कि न मुंह छुपा के जिएं हम, न सिर झुका के जीएं' मासिक धर्म कोई अपराध नहीं. जो स्‍वयं सृष्‍टि का आधार है, वह कैसे अपवित्र हो सकती है. समाज में आज मासिक धर्म को लेकर शर्म के कारण अभी भी काफी लोग इस बारे में खुलकर बातें नहीं करते, जिससे अन्धविश्वास फैलता है.

उनका कहना है कि लोगों को समझना होगा कि ये दाग अच्छे हैं. सिर्फ सोच बदलनी है. मासिक धर्म प्रकृति की ओर से दिया गया महिलाओं को एक तोहफा है. इन्ही सब बातों को लेकर झिझक तोड़ पीरियड के दिनों को लेकर चर्चा कर उनके मन की तमाम भ्रांतियों को दूर किया जाता है. वहीं अब बदलाव स्वरुप हजारों महिलाएं और युवतिया हाथों पर लाल बिंदी लगाकर इस अनूठे अभियान का हिस्सा बनी हैं. पालीवाल द्वारा इस प्रकार के अभियान को लेकर अब उन्हें जिले में पैडवुमन के नाम से जाना जाता (Bhawna Paliwal known as pad woman) है.

पढ़ें: अलवर: मासिक धर्म से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने और महिलाओं को जागरूक करने के लिए मनीषा देवी को मिला राज्य स्तरीय सम्मान

मजाक भी उड़ाया, ताने भी मारे: इस काम में भावना को कई बार लोगों के ताने सुनने पड़े. लोगों ने मजाक भी उड़ाया. हालांकि इन सबसे से तंग आकर घर बैठने के बजाय भावना ने अपना मिशन जारी रखा और पिछले 12 वर्षों से सेनेटरी पैड यात्रा के तहत पीरियड पाठशाला पर जिले की कई पंचायतो में 55000 से अधिक सेनेटरी पेड़ बांटकर 250 से अधिक कार्यशालाए कीं. इन सभी कार्यों के पीछे भावना का एक ही उद्देश्य रहा कि कौन शुरूआत करेगा, इसका मत कीजिए. आपकी एक कोशिश हजारों का जीवन बदल सकती है.

पढ़ें: जयपुर : अंतरराष्ट्रीय महावारी स्वच्छता दिवस पर राज्यस्तरीय कर्यक्रम का आयोजन, जागरूकता का दिया संदेश

पूरी प्रक्रिया की इस प्रकार देती है जानकारी: पालीवाल गांव की चौपाल, गली-मोहल्लों, स्कूल-कॉलेज में महिलाओं और युवतियों को एकत्रित कर माहवारी पर 2 से 3 घंटे की कार्यशाला में अनियमित माहवारी, कारण, लक्षण, इलाज, पीरियड्स में क्या है नॉर्मल, क्या है ऐब्नॉर्मल, मासिक धर्म चक्र के चरण, मासिक धर्म की उम्र और मासिक धर्म की समस्याओं के बारे में जानकारी प्रदान करती हैं. उनके प्रयास से आज कई जगह पर बच्चियां इस बारे में अपनी मां से भी बात करती हैं. पालीवाल कार्यशाला में उन्हें सेनेटरी पैड का वितरण कर उन्हे निस्तारण संबन्धित सभी जानकारी देती हैं.

पढ़ें: मासिक स्वच्छता दिवस: उन दिनों में हाइजीन का महिलाएं रखें खास ख्याल

पैडवुमन पालीवाल को अभियान को मिले सम्मान: पालीवाल की मासिक धर्म पर पीरियड पाठशाला को भारत सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद, महिला अधिकारिता विभाग राजस्थान सरकार से मंत्री ममता भूपेश, तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष गर्ग, राजसमन्द सांसद दिया कुमारी, जयपुर ग्रामीण सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़, भीम देवगढ़ विधायक सुदर्शन सिंह रावत, मावली विधायक धर्म नारायण जोशी, पूर्व मगरा विकास बोर्ड अध्यक्ष हरी सिंह रावत की ओर से सराहना की गई है. वहीं वोडाफोन इंडिया फाउंडेशन के देश की वुमन ऑफ वंडर का खिताब, इंटरनेशनल यूथ सोसायटी के राष्ट्रीय महिला गौरव अवार्ड, विप्र फाउंडेशन के देश की तेजस्विनी महिला, हरियाणा में महिला रत्न अवार्ड, महिला अधिकारिता विभाग का राजसमन्द की विशिष्ट महिला सहित कई संस्थाओं की ओर से पालीवाल को सम्मानित किया है.

देवगढ़ (राजसमंद). सालों पहले मासिक धर्म को लेकर कई मिथक थे. वो सभी संसाधनों की कमी के कारण थे. पुराने जमाने में न तो सिले हुए कपड़े थे, ना सेनेटरी नेपकिन. यही वजह है कि महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान एक ही जगह रखा जाता था, लेकिन बदलते दौर में सबकुछ बदल गया है. लेकिन आज भी मासिक धर्म को लेकर समाज और परिवार में चुप्पी देखी जाती है. बंदिशें लगाकर उन्हें अकेला रखा जाता है. इसी मौन और चुप्पी को तोड़ने के लिए राजसमन्द जिले के देवगढ़ की रहने वाली भावना पालीवाल पिछले 12 वर्षों से कार्य कर रही हैं.

शनिवार को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस (28 मई) है. भावना पालीवाल ने देवगढ़ ही नहीं जिले के कई गांवों में पिछले बारह वर्षों से 'चुप्पी तोड़ो सयानी बनो' स्त्री स्वाभिमान अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत गांव-गांव पीरियड पाठशाला लगाई जाती है. पालीवाल बताती हैं (Bhawna Paliwal views on menstrual) कि न मुंह छुपा के जिएं हम, न सिर झुका के जीएं' मासिक धर्म कोई अपराध नहीं. जो स्‍वयं सृष्‍टि का आधार है, वह कैसे अपवित्र हो सकती है. समाज में आज मासिक धर्म को लेकर शर्म के कारण अभी भी काफी लोग इस बारे में खुलकर बातें नहीं करते, जिससे अन्धविश्वास फैलता है.

उनका कहना है कि लोगों को समझना होगा कि ये दाग अच्छे हैं. सिर्फ सोच बदलनी है. मासिक धर्म प्रकृति की ओर से दिया गया महिलाओं को एक तोहफा है. इन्ही सब बातों को लेकर झिझक तोड़ पीरियड के दिनों को लेकर चर्चा कर उनके मन की तमाम भ्रांतियों को दूर किया जाता है. वहीं अब बदलाव स्वरुप हजारों महिलाएं और युवतिया हाथों पर लाल बिंदी लगाकर इस अनूठे अभियान का हिस्सा बनी हैं. पालीवाल द्वारा इस प्रकार के अभियान को लेकर अब उन्हें जिले में पैडवुमन के नाम से जाना जाता (Bhawna Paliwal known as pad woman) है.

पढ़ें: अलवर: मासिक धर्म से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने और महिलाओं को जागरूक करने के लिए मनीषा देवी को मिला राज्य स्तरीय सम्मान

मजाक भी उड़ाया, ताने भी मारे: इस काम में भावना को कई बार लोगों के ताने सुनने पड़े. लोगों ने मजाक भी उड़ाया. हालांकि इन सबसे से तंग आकर घर बैठने के बजाय भावना ने अपना मिशन जारी रखा और पिछले 12 वर्षों से सेनेटरी पैड यात्रा के तहत पीरियड पाठशाला पर जिले की कई पंचायतो में 55000 से अधिक सेनेटरी पेड़ बांटकर 250 से अधिक कार्यशालाए कीं. इन सभी कार्यों के पीछे भावना का एक ही उद्देश्य रहा कि कौन शुरूआत करेगा, इसका मत कीजिए. आपकी एक कोशिश हजारों का जीवन बदल सकती है.

पढ़ें: जयपुर : अंतरराष्ट्रीय महावारी स्वच्छता दिवस पर राज्यस्तरीय कर्यक्रम का आयोजन, जागरूकता का दिया संदेश

पूरी प्रक्रिया की इस प्रकार देती है जानकारी: पालीवाल गांव की चौपाल, गली-मोहल्लों, स्कूल-कॉलेज में महिलाओं और युवतियों को एकत्रित कर माहवारी पर 2 से 3 घंटे की कार्यशाला में अनियमित माहवारी, कारण, लक्षण, इलाज, पीरियड्स में क्या है नॉर्मल, क्या है ऐब्नॉर्मल, मासिक धर्म चक्र के चरण, मासिक धर्म की उम्र और मासिक धर्म की समस्याओं के बारे में जानकारी प्रदान करती हैं. उनके प्रयास से आज कई जगह पर बच्चियां इस बारे में अपनी मां से भी बात करती हैं. पालीवाल कार्यशाला में उन्हें सेनेटरी पैड का वितरण कर उन्हे निस्तारण संबन्धित सभी जानकारी देती हैं.

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पैडवुमन पालीवाल को अभियान को मिले सम्मान: पालीवाल की मासिक धर्म पर पीरियड पाठशाला को भारत सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद, महिला अधिकारिता विभाग राजस्थान सरकार से मंत्री ममता भूपेश, तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष गर्ग, राजसमन्द सांसद दिया कुमारी, जयपुर ग्रामीण सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़, भीम देवगढ़ विधायक सुदर्शन सिंह रावत, मावली विधायक धर्म नारायण जोशी, पूर्व मगरा विकास बोर्ड अध्यक्ष हरी सिंह रावत की ओर से सराहना की गई है. वहीं वोडाफोन इंडिया फाउंडेशन के देश की वुमन ऑफ वंडर का खिताब, इंटरनेशनल यूथ सोसायटी के राष्ट्रीय महिला गौरव अवार्ड, विप्र फाउंडेशन के देश की तेजस्विनी महिला, हरियाणा में महिला रत्न अवार्ड, महिला अधिकारिता विभाग का राजसमन्द की विशिष्ट महिला सहित कई संस्थाओं की ओर से पालीवाल को सम्मानित किया है.

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