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गहलोत भी नहीं लगा पाए अवैध बजरी खनन पर रोक...जनता में रोष... - ashok ghelot

सूबे में गहलोत सरकार आने के बाद माना जा रहा था कि अवैध बजरी खनन पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ प्रदेशभर में अवैध बजरी खनन जारी है. ऐसा ही एक मामला राजसमंद जिले के पीपली आचार्य गांव से सामने आया है. जहां बनास नदी के किनारे धड़ल्ले से अवैध बजरी का खनन किया जा रहा है.

राजसमंद में माफिया बजरी का कर रहे हैं अवैध खनन
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Published : Mar 22, 2019, 5:12 PM IST

राजसमंद.जिले के पीपली आचार्य गांव में बनास नदी के किनारे से बजरी माफिया भारी मात्रा में बजरी का खनन कर रहा है. प्रशासन की नाक के नीचे अवैध बजरी खनन का पूरा खेल चल रहा है, और प्रशासन मौन है. बनास नदी से माफिया दिन हो या रात बगैर किसी डर के धड़ल्ले से बजरी खनन कर रही है. बजरी माफिया बजरी का खनन कर प्रतिदिन सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि पहुंच रहे हैं.

राजसमंद में माफिया बजरी का कर रहे हैं अवैध खनन

वहीं अवैध बजरी खनन को लेकर पीपली आचार्य गांव के ग्रामीणों का कहना है कि हमारे गांव से निरंतर अवैध बजरी खनन हो रहा है. प्रशासन कोई सर्तकता नहीं दे रही है. जिसके कारण माफिया के हौसले बुलंद हैं. दिन के समय में ही बजरी से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉली सड़कों पर दौड़ती हुई नजर आ जाएंगी. जो पीपली आचार्य से नाथद्वारा और उदयपुर के लिए जाती है. जहां माफिया बजरी बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहा है. वहीं प्रशासन की कार्यप्रणाली को लेकर भी ग्रामीणों में रोष है.

राजसमंद.जिले के पीपली आचार्य गांव में बनास नदी के किनारे से बजरी माफिया भारी मात्रा में बजरी का खनन कर रहा है. प्रशासन की नाक के नीचे अवैध बजरी खनन का पूरा खेल चल रहा है, और प्रशासन मौन है. बनास नदी से माफिया दिन हो या रात बगैर किसी डर के धड़ल्ले से बजरी खनन कर रही है. बजरी माफिया बजरी का खनन कर प्रतिदिन सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि पहुंच रहे हैं.

राजसमंद में माफिया बजरी का कर रहे हैं अवैध खनन

वहीं अवैध बजरी खनन को लेकर पीपली आचार्य गांव के ग्रामीणों का कहना है कि हमारे गांव से निरंतर अवैध बजरी खनन हो रहा है. प्रशासन कोई सर्तकता नहीं दे रही है. जिसके कारण माफिया के हौसले बुलंद हैं. दिन के समय में ही बजरी से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉली सड़कों पर दौड़ती हुई नजर आ जाएंगी. जो पीपली आचार्य से नाथद्वारा और उदयपुर के लिए जाती है. जहां माफिया बजरी बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहा है. वहीं प्रशासन की कार्यप्रणाली को लेकर भी ग्रामीणों में रोष है.

Intro:राजसमंद जिले के पीपली आचार्य गांव के बनास नदी किनारे अवैध बजरी खनन का कारोबार धड़ल्ले से किया जा रहा है राजस्थान में सरकार परिवर्तन होने के बाद भी रेत माफियाओं में अवैध खनन को लेकर हौसले बुलंद नजर आ रहे हैं जिसको लेकर दिनदहाड़े ही भू माफिया अवैध बजरी खनन कर रहे हैं जोकि ईटीवी भारत के कैमरे में देखा जा सकता है जेसीबी से धड़ल्ले से अवैध बजरी खनन किया जा रहा है इससे अनुमान लगाया जा सकता है की बजरी खनन कारोबार किस तेज गति से चल रहा है


Body:वहीं पीपली आचार्य के ग्रामीणों का कहना है कि हमारे गांव से निरंतर अवैध बजरी खनन हो रहा है ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन किस प्रकार की सर्तकता नहीं दिखा रहा जिसके कारण वह माफियाओं के हौसले बुलंद नजर आ रहे हैं वहीं ग्रामीणों ने कहा कि दिन के समय में ही बजरी से भरे अतरौलिया सड़कों पर देखी जा सकती है जो पीपली आचार्य से नाथद्वारा और उदयपुर के लिए धड़ल्ले से चलती है जिसका भू माफिया ट्रॉली की कीमत हजारों रुपए में भेज रहे हैं


Conclusion:वहीं ग्रामीणों को चिंता है कि निरंतर चलनी होती बनास नदी जोकि जीवनदायिनी थी उसको आज जिस प्रकार से छलनी किया जा रहा है प्रशासन की कुंभकरण की नींद के कारण बनारस खोकरी होती जा रही है
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