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राजसमंदः श्रीनाथजी मंदिर में हुई गोवर्धन पूजा, ग्वालबालों ने खूब रिझाया गायों को

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Published : Oct 28, 2019, 8:18 PM IST

दीपावली में श्रीनाथजी के मंदिर का प्रभु श्रीनाथजी के मंदिर में विशेष महत्व है. नाथद्वारा में दीपावली के दूसरे दिन सोमवार को गोवर्धन पूजा का उत्सव मनाया गया. वहीं, गोवर्धन पूजा से पहले गौ क्रीड़ा का आयोजन किया गया जिसमें ग्वाल बालों की ओर से गायों को रिझाया गया. इस गौ क्रीड़ा को देखने के लिए आसपास के इलाकों से काफी संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा

गोवर्धन पूजा न्यूज , Govardhan Pooja News

नाथद्वारा (राजसमंद). दीपावली में गोवर्धन पूजा का प्रभु श्रीनाथजी के मंदिर में विशेष महत्व है. नाथद्वारा में दीपावली के दूसरे दिन सोमवार को गोवर्धन पूजा का उत्सव मनाया गया. इस उत्सव के दौरान गौ क्रीड़ा का आयोजन किया गया, जिसमें ग्वाल बाल गायों को रिझाते हुए नजर आए.

ग्वालबालों ने खूब रिझाया गायों को

बता दें कि पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय की प्रधान पीठ श्रीनाथजी मंदिर में हर्षोल्लास के साथ गोवर्धन पूजा का उत्सव मनाया गया. इस दौरान श्रीनाथजी की गौशाला से लाई गायों का पूजन किया गया. वहीं, मंदिर के गोवर्धन पूजा चौक में गाय के गोबर से गोवर्धन बनाकर उसका पूजन पूज्य पाद गोस्वामी तिलकायत राकेश महाराज और युवराज विशाल बावा की ओर से किया गया. इसके बाद गायों से गोवर्धन को कुचलवा उन्हें अगले वर्ष जल्द आने का न्योता भी दिया.

पढ़ें- गोवर्धन पूजा: चित्तौड़गढ़ के कपासन-मेवाड़ में प्रख्यात कृष्ण धाम सांवलिया जी के मंदिर में हुई पूजा-अर्चना

जानकारी के अनुसार गोवर्धन पूजा से पहले गौ क्रीड़ा का आयोजन किया गया, जिसमें ग्वाल बालों की ओर से गायों को रिझाया गया. इस गौ क्रीड़ा को देखने के लिए आसपास के इलाकों से काफी संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. वहीं, गोवर्धन पूजा के बाद गायों को फिर से नाथूवास स्थिति श्रीनाथजी गौशाला ले जाया गया. इस दौरान रास्ते पर जगह-जगह ग्वाल बाल गायों के संग खेलते हुए निकले. इन्हें देखने मंदिर परिसर से लेकर गौशाला मार्ग में काफी संख्या में लोग खड़े रहे.

नाथद्वारा (राजसमंद). दीपावली में गोवर्धन पूजा का प्रभु श्रीनाथजी के मंदिर में विशेष महत्व है. नाथद्वारा में दीपावली के दूसरे दिन सोमवार को गोवर्धन पूजा का उत्सव मनाया गया. इस उत्सव के दौरान गौ क्रीड़ा का आयोजन किया गया, जिसमें ग्वाल बाल गायों को रिझाते हुए नजर आए.

ग्वालबालों ने खूब रिझाया गायों को

बता दें कि पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय की प्रधान पीठ श्रीनाथजी मंदिर में हर्षोल्लास के साथ गोवर्धन पूजा का उत्सव मनाया गया. इस दौरान श्रीनाथजी की गौशाला से लाई गायों का पूजन किया गया. वहीं, मंदिर के गोवर्धन पूजा चौक में गाय के गोबर से गोवर्धन बनाकर उसका पूजन पूज्य पाद गोस्वामी तिलकायत राकेश महाराज और युवराज विशाल बावा की ओर से किया गया. इसके बाद गायों से गोवर्धन को कुचलवा उन्हें अगले वर्ष जल्द आने का न्योता भी दिया.

पढ़ें- गोवर्धन पूजा: चित्तौड़गढ़ के कपासन-मेवाड़ में प्रख्यात कृष्ण धाम सांवलिया जी के मंदिर में हुई पूजा-अर्चना

जानकारी के अनुसार गोवर्धन पूजा से पहले गौ क्रीड़ा का आयोजन किया गया, जिसमें ग्वाल बालों की ओर से गायों को रिझाया गया. इस गौ क्रीड़ा को देखने के लिए आसपास के इलाकों से काफी संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. वहीं, गोवर्धन पूजा के बाद गायों को फिर से नाथूवास स्थिति श्रीनाथजी गौशाला ले जाया गया. इस दौरान रास्ते पर जगह-जगह ग्वाल बाल गायों के संग खेलते हुए निकले. इन्हें देखने मंदिर परिसर से लेकर गौशाला मार्ग में काफी संख्या में लोग खड़े रहे.

Intro:इंद्र के अभिमान को भंग करने व ब्रज वासियों की रक्षा के लिए श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाया था, 7 दिनों तक लगातार बारिश के बावजूद ब्रज वासियों को तनिक भी नही भीगने दिया आखिर इंद्र ने हार मान कृष्ण भगवान से क्षमा मांगी थी तब से ही गोवर्धन पूजा की परंपरा चली आ रही है । Body:नाथद्वारा, राजसमंद ।
पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय की प्रधान पीठ श्रीनाथजी मंदिर में हर्षोल्लास के साथ गोवर्धन पूजा का उत्सव मनाया गया इस दौरान श्रीनाथजी की गौशाला से लाई गायों का पूजन किया गया वही मंदिर के गोवर्धन पूजा चौक में गाय के गोबर से गोवर्धन बनाकर उसका पूजन पूज्य पाद गोस्वामी तिलकायत राकेश महाराज व युवराज विशाल बावा द्वारा किया गया इसके बाद गायों से गोवर्धन को कुचलवा उन्हें अगले वर्ष जल्द आने का न्योता भी दिया वही गोवर्धन पूजा से पहले ग्वाल बालों द्वारा गायों को खूब रिझाया गया । इस गो क्रेडा को देखने के लिए आसपास के इलाकों से काफी संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा लोग घरों की छतों ,खिड़कियों ,चबूतरो आदि पर खड़े होकर इस नजारे को देख रहे थे गोवर्धन पूजा के बाद गायों को फिर से नाथूवास स्थिति श्रीनाथजी गौशाला में ले जाया गया इस दौरान रास्ते पर जगह-जगह ग्वाल बाल गायों के संग खेलते हुए निकले इन्हें देखने मंदिर परिसर से लेकर गौशाला मार्ग में काफी संख्या में लोग खड़े रहे । Conclusion:
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