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ढोलक और मादल की ताल में 'गैर' से रिझाया द्वारिकाधीश को - प्रभु द्वारिकाधीश मंदिर

श्री द्वारिकाधीश मंदिर में शीतला सप्तमी गैर नृत्य का आयोजन किया गया. इस अवसर पर श्रध्दालु एक दूसरे को रंग लगा कर उत्सव मनाते हैं. ढोलक और मादल की ताल पर नृत्य करते हैं.

गैर नृत्य
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Published : Mar 27, 2019, 11:35 PM IST


राजसमंद. वल्लभ संप्रदाय के तृतीय पीठ श्री द्वारिकाधीश मंदिर में शीतला सप्तमी के अवसर पर पारंपरिक गैर नृत्य का आयोजन किया गया. यह नृत्य प्रभु द्वारिकाधीश मंदिर के गोवर्धन चौक में किया जाता है, जिसमें अलग अलग गांव के लोग टुकड़िया बनाकर गैर नृत्य के लिए आते हैं और ढोलक और मादल की ताल पर नृत्य करते हैं.

गैर नृत्य


श्रद्धालु हाथों में लकड़ी लेकर एक दूसरे के साथ नृत्य करते हैं. आयोजन वल्लभ संप्रदाय के तृतीय पीठ श्री द्वारिकाधीश मंदिर में हुआ. आपको बता दें कि प्रभु द्वारिकाधीश मंदिर में इस अवसर का श्रद्धालु साल भर से इंतजार करते हैं.

वहीं इस अवसर पर श्रध्दालु एक दूसरे को रंग लगा कर उत्सव मनाते हैं. बुधवार को हजारों की संख्या में इस नृत्य को देखने के लिए श्रद्धालु प्रभु द्वारिकाधीश मंदिर पहुंचे. इसके साथ श्रद्धालुओं ने प्रभु द्वारकाधीश के आरती के दर्शन भी किए.


राजसमंद. वल्लभ संप्रदाय के तृतीय पीठ श्री द्वारिकाधीश मंदिर में शीतला सप्तमी के अवसर पर पारंपरिक गैर नृत्य का आयोजन किया गया. यह नृत्य प्रभु द्वारिकाधीश मंदिर के गोवर्धन चौक में किया जाता है, जिसमें अलग अलग गांव के लोग टुकड़िया बनाकर गैर नृत्य के लिए आते हैं और ढोलक और मादल की ताल पर नृत्य करते हैं.

गैर नृत्य


श्रद्धालु हाथों में लकड़ी लेकर एक दूसरे के साथ नृत्य करते हैं. आयोजन वल्लभ संप्रदाय के तृतीय पीठ श्री द्वारिकाधीश मंदिर में हुआ. आपको बता दें कि प्रभु द्वारिकाधीश मंदिर में इस अवसर का श्रद्धालु साल भर से इंतजार करते हैं.

वहीं इस अवसर पर श्रध्दालु एक दूसरे को रंग लगा कर उत्सव मनाते हैं. बुधवार को हजारों की संख्या में इस नृत्य को देखने के लिए श्रद्धालु प्रभु द्वारिकाधीश मंदिर पहुंचे. इसके साथ श्रद्धालुओं ने प्रभु द्वारकाधीश के आरती के दर्शन भी किए.

Intro:राजसमंद - वल्लभ संप्रदाय के तृतीय पीठ श्री द्वारिकाधीश मंदिर में शीतला सप्तमी के अवसर पर पारंपरिक गैर नृत्य का आयोजन किया गया यह नृत्य प्रभु द्वारिकाधीश मंदिर के गोवर्धन चौक में किया जाता है जिसमें अलग अलग गांव के लोग टुकड़िया बनाकर गैर नृत्य के लिए आते हैं और ढोलक और मादल की ताल पर नृत्य करते हैं श्रद्धालु हाथों में लकड़ी लेकर एक दूसरे के साथ नृत्य करते हैं


Body:आपको बता दें कि प्रभु द्वारिकाधीश मंदिर में इस अवसर का श्रद्धालु साल भर से इंतजार करते हैं गैर नृत्य को खेलने के लिए वहीं इस अवसर पर एक दूसरे को रंग लगा कर उत्सव मनाते हैं वही आज हजारों की संख्या में इस नृत्य को देखने के लिए श्रद्धालु प्रभु द्वारिकाधीश मंदिर पहुंचे इसके साथ श्रद्धालुओं ने प्रभु द्वारकाधीश के आरती के दर्शन भी किए


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