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राजसमंद: हर-हर महादेव के जयघोष से सराबोर हुई धर्म नगरी, मंदिरों में उमड़ा आस्था का सैलाब - Crowd in the temples of Rajsamand

महाशिवरात्रि पर्व के मौके पर धर्म नगरी राजसमंद भगवान भोले के रंग में रंगी नजर आई. इस अवसर पर जिले भर में भगवान भोलेनाथ के मंदिरों में आस्था का सैलाब उमड़ा और श्रद्धालुओं ने अपने आराध्य को विभिन्न तरीकों से रिझाने की कोशिश की.

Mahashivratri celebrated in Rajsamand, Rajsamand News
राजसमंद में मनाया गया महाशिवरात्रि का पर्व
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Published : Mar 11, 2021, 6:21 PM IST

राजसमंद. धर्म नगरी राजसमंद में गुरुवार को महाशिवरात्रि का पर्व उल्लास के साथ मनाया गया. जिले भर के शिवालयों में सुबह से ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा रहा. इस अवसर पर कई जगह जागरण, भजन संध्या और विशेष आरती के आयोजन भी हुए. जिले के सबसे प्राचीन मंदिर फरारा ग्राम पंचायत में स्थित हर कुंतेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व पर विशेष धार्मिक अनुष्ठान हुए.

राजसमंद में मनाया गया महाशिवरात्रि का पर्व

हर कुंतेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी दीपक पुरी गोस्वामी ने बताया कि शिवरात्रि के अवसर पर मंदिर में भगवान भोलेनाथ को दूल्हे के रूप में श्रृंगार कराया गया, जबकि माता पार्वती को दुल्हन की भांति सजाया गया. समय-समय पर मंदिर में विशिष्ट अनुष्ठान हुए और विशेष महाआरती का भी आयोजन किया गया. इस अवसर पर रूद्र पाठ, रुद्राभिषेक और महाआरती का भी आयोजन किया गया.

मंदिर के इतिहास को लेकर दीपक पुरी गोस्वामी ने बताया कि जब महाभारत काल में माता कुंती अज्ञातवास के समय अपने पांचों पांडवों के साथ यहां आई थी, तो उन्होंने अपने आराध्य भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए इस मंदिर की स्थापना की थी. तभी से यहां भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाती है और कुंती के नाम पर ही इस मंदिर का नामकरण कुंतेश्वर महादेव के रूप में हुआ.

पढ़ें- राजसमंदः मेवाड़ का अमरनाथ परशुराम महादेव मंदिर, परशुराम ने अपने फरसे से किया था मंदिर का निर्माण

वहीं कुंतेश्वर महादेव धर्म प्रन्यास के अध्यक्ष बहादुर सिंह राठौड़ ने बताया कि कोरोना काल को देखते हुए मंदिर में दर्शनार्थियों के लिए कोरोना गाइडलाइन के अनुसार व्यवस्था की गई है. मंदिर में पुलिस, आरएसी के जवान, और स्वयंसेवकों को भीड़ को काबू में रखने और उन्हें कतार बद्ध करने के लिए लगाया गया है. भीड़ को सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजर के साथ ही मंदिर में दर्शन करवाए जा रहे हैं.

वहीं राजसमंद जिला मुख्यालय पर स्थित रामेश्वर महादेव, चौमुखा महादेव, गुप्तेश्वर महादेव, ओंकारेश्वर महादेव, शिव शंभू महादेव आदि मंदिरों में भी विभिन्न धार्मिक आयोजन हुए और भक्तों ने मंदिरों में दर्शन कर अपनी आस्था व्यक्त की. इस अवसर पर जगह-जगह श्रद्धालुओं के खानपान की भी व्यवस्था की गई. वहीं सड़कों पर श्रद्धालुओं का सैलाब देखा गया.

ओसियां के शिवालयों में गूंजे बम-बम भोले के जयकारे, दिनभर भक्तों का रहा रेला

जोधपुर के ओसियां में महाशिवरात्रि का पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया. शिवालयों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा. हर तरफ बाबा के भक्त हाथों में कांवड़, जल आदि पूजन सामग्री लेकर शिवालयों में पहुंचे ओर धतूरा, भांग, बेर आदि के साथ ताड़ के पत्तों से बना दूल्हे का मुकुट लेकर भगवान को भेंट किये. वही आसपास के गांवों में नन्हे मुन्ने बच्चों द्बारा मिट्टी का शिवलिंग बनाकर पूजा अर्चना कि गई.

राजसमंद. धर्म नगरी राजसमंद में गुरुवार को महाशिवरात्रि का पर्व उल्लास के साथ मनाया गया. जिले भर के शिवालयों में सुबह से ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा रहा. इस अवसर पर कई जगह जागरण, भजन संध्या और विशेष आरती के आयोजन भी हुए. जिले के सबसे प्राचीन मंदिर फरारा ग्राम पंचायत में स्थित हर कुंतेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व पर विशेष धार्मिक अनुष्ठान हुए.

राजसमंद में मनाया गया महाशिवरात्रि का पर्व

हर कुंतेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी दीपक पुरी गोस्वामी ने बताया कि शिवरात्रि के अवसर पर मंदिर में भगवान भोलेनाथ को दूल्हे के रूप में श्रृंगार कराया गया, जबकि माता पार्वती को दुल्हन की भांति सजाया गया. समय-समय पर मंदिर में विशिष्ट अनुष्ठान हुए और विशेष महाआरती का भी आयोजन किया गया. इस अवसर पर रूद्र पाठ, रुद्राभिषेक और महाआरती का भी आयोजन किया गया.

मंदिर के इतिहास को लेकर दीपक पुरी गोस्वामी ने बताया कि जब महाभारत काल में माता कुंती अज्ञातवास के समय अपने पांचों पांडवों के साथ यहां आई थी, तो उन्होंने अपने आराध्य भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए इस मंदिर की स्थापना की थी. तभी से यहां भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाती है और कुंती के नाम पर ही इस मंदिर का नामकरण कुंतेश्वर महादेव के रूप में हुआ.

पढ़ें- राजसमंदः मेवाड़ का अमरनाथ परशुराम महादेव मंदिर, परशुराम ने अपने फरसे से किया था मंदिर का निर्माण

वहीं कुंतेश्वर महादेव धर्म प्रन्यास के अध्यक्ष बहादुर सिंह राठौड़ ने बताया कि कोरोना काल को देखते हुए मंदिर में दर्शनार्थियों के लिए कोरोना गाइडलाइन के अनुसार व्यवस्था की गई है. मंदिर में पुलिस, आरएसी के जवान, और स्वयंसेवकों को भीड़ को काबू में रखने और उन्हें कतार बद्ध करने के लिए लगाया गया है. भीड़ को सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजर के साथ ही मंदिर में दर्शन करवाए जा रहे हैं.

वहीं राजसमंद जिला मुख्यालय पर स्थित रामेश्वर महादेव, चौमुखा महादेव, गुप्तेश्वर महादेव, ओंकारेश्वर महादेव, शिव शंभू महादेव आदि मंदिरों में भी विभिन्न धार्मिक आयोजन हुए और भक्तों ने मंदिरों में दर्शन कर अपनी आस्था व्यक्त की. इस अवसर पर जगह-जगह श्रद्धालुओं के खानपान की भी व्यवस्था की गई. वहीं सड़कों पर श्रद्धालुओं का सैलाब देखा गया.

ओसियां के शिवालयों में गूंजे बम-बम भोले के जयकारे, दिनभर भक्तों का रहा रेला

जोधपुर के ओसियां में महाशिवरात्रि का पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया. शिवालयों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा. हर तरफ बाबा के भक्त हाथों में कांवड़, जल आदि पूजन सामग्री लेकर शिवालयों में पहुंचे ओर धतूरा, भांग, बेर आदि के साथ ताड़ के पत्तों से बना दूल्हे का मुकुट लेकर भगवान को भेंट किये. वही आसपास के गांवों में नन्हे मुन्ने बच्चों द्बारा मिट्टी का शिवलिंग बनाकर पूजा अर्चना कि गई.

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