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स्पेशल रिपोर्टः बारिश बनी आफत, अन्नदाता अब सरकार के भरोसे

प्रदेश में इस बार औसत से ज्यादा बारिश होने के कारण जहां एक ओर सभी जलाशयों में पानी की आवक हुई है. तो वहीं दूसरी तरफ किसानों के खेतों में पानी भर गया. जिसके कारण फसलों की कटाई में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने राजसमंद के गांवो में जाकर देखा. अधिक बारिश के कारण किसानों के खेतों की क्या स्थिति है?

खेतों में भरा पानी, फसल भी चौपट, Due to excess rains, fields are filled with water, बारिश बनी आफत
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Published : Sep 21, 2019, 3:54 PM IST

Updated : Sep 21, 2019, 5:19 PM IST

राजसमंद. मूसलाधार बारिश में किसानों के खेतों की क्या स्थिति है. इस बात की तह तक जाने के लिए हमने गांव के किसान ओंकार गुर्जर की मदद से ईटीवी ने गांव के सभी खेतों का दौरा किया. इस गांव में करीब 200 घर हैं. जिनमें सभी किसान रहते है.

मानसून की औसत से ज्यादा बारिश से खेतों का बुरा हाल

वहीं किसान ओंकार गुर्जर के अनुसार इस बार की बारिश के कारण इस गांव में सभी खेतों में अभी पानी भरा हुआ है. जिससे लगभग फसलें खराब हो गई है. जिसको लेकर किसान बेहद चिंता में है. क्योंकि उनकी मेहनत अधिक होने के बावजूद भी बारिश अधिक होने के कारण और हमारी फसल लगभग खराब हो गई है. यहां के खेतों में मक्के की फसल में पानी भरा हुआ नजर आया. लगभग फसलें पानी में गली हुई दिखाई दी. लेकिन किसान खेत में पानी भरने के बावजूद भी अपनी फसलों को काटता हुए दिखाई दिए.

पढे़ं- उदयपुरः जिला अध्यक्ष के खिलाफ पार्टी कार्यकर्ताओं ने खोला मोर्चा....प्रभारी मंत्री से की जिला अध्यक्ष को हटाने की मांग

किसान लुंबाराम ने बताया कि उन्होंने 4 बीघा जमीन में मक्के की फसल बोई थी. लेकिन इस बार की बारिश ने सब कुछ चौपट कर दिया. इस बार फसल बुवाई जुताई के लिए उन्होंने 22000 खर्च किए थे. वहीं उनका कहना है कि इस फसल से 10 पशुओं का चारा और अन्य काम किया जाता. लेकिन अधिक बारिश के कारण पूरी फसल खराब हो गई.

खेतों में भरा पानी, फसल भी चौपट, Due to excess rains, fields are filled with water, बारिश बनी आफत
किसान ओमकार गुर्जर अपने खेतों का हाल बताते हुए

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ईटीवी से किसानों ने साझा किया अपना दु:ख

किसानों ने अपना दु:ख ईटीवी भारत से साझा करते हुए कहा कि उनकी कमाई का एकमात्र स्रोत खेती है. वे रात दिन लगकर इसका पालन-पोषण करते हैं. इसी के सहारे तो बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और परिवार का गुजारा होता है. लेकिन इस बार फसल में नुकसान काफी हुआ है. सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए. वहीं इनके अलावा किसान सूरज बाई का कहना है कि उन्होंने 4 बीघा में मक्की की फसल बोई थी.लेकिन बारिश के कारण व फसल लगभग खराब होती हुई नजर आ रही है. जिससे उन्हें भारी नुकसान पहुंचा है.

खेतों में भरा पानी, फसल भी चौपट, Due to excess rains, fields are filled with water, बारिश बनी आफत
किसानों के खेतों में भरा पानी

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दूसरी तरफ खेतों में पानी भरे होने के बावजूद भी किसान बची-कुछी फसल को काटने में लगा हुआ है. किसानों की मांग है कि इस बार फसल में काफी नुकसान हुआ है. बारिश के कारण जिसको लेकर सरकार को भी हमारी मदद करनी चाहिए. अब देखना होगा कि देश का अन्नदाता की सरकार कितनी मदद करती है. यह तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा.

राजसमंद. मूसलाधार बारिश में किसानों के खेतों की क्या स्थिति है. इस बात की तह तक जाने के लिए हमने गांव के किसान ओंकार गुर्जर की मदद से ईटीवी ने गांव के सभी खेतों का दौरा किया. इस गांव में करीब 200 घर हैं. जिनमें सभी किसान रहते है.

मानसून की औसत से ज्यादा बारिश से खेतों का बुरा हाल

वहीं किसान ओंकार गुर्जर के अनुसार इस बार की बारिश के कारण इस गांव में सभी खेतों में अभी पानी भरा हुआ है. जिससे लगभग फसलें खराब हो गई है. जिसको लेकर किसान बेहद चिंता में है. क्योंकि उनकी मेहनत अधिक होने के बावजूद भी बारिश अधिक होने के कारण और हमारी फसल लगभग खराब हो गई है. यहां के खेतों में मक्के की फसल में पानी भरा हुआ नजर आया. लगभग फसलें पानी में गली हुई दिखाई दी. लेकिन किसान खेत में पानी भरने के बावजूद भी अपनी फसलों को काटता हुए दिखाई दिए.

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किसान लुंबाराम ने बताया कि उन्होंने 4 बीघा जमीन में मक्के की फसल बोई थी. लेकिन इस बार की बारिश ने सब कुछ चौपट कर दिया. इस बार फसल बुवाई जुताई के लिए उन्होंने 22000 खर्च किए थे. वहीं उनका कहना है कि इस फसल से 10 पशुओं का चारा और अन्य काम किया जाता. लेकिन अधिक बारिश के कारण पूरी फसल खराब हो गई.

खेतों में भरा पानी, फसल भी चौपट, Due to excess rains, fields are filled with water, बारिश बनी आफत
किसान ओमकार गुर्जर अपने खेतों का हाल बताते हुए

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ईटीवी से किसानों ने साझा किया अपना दु:ख

किसानों ने अपना दु:ख ईटीवी भारत से साझा करते हुए कहा कि उनकी कमाई का एकमात्र स्रोत खेती है. वे रात दिन लगकर इसका पालन-पोषण करते हैं. इसी के सहारे तो बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और परिवार का गुजारा होता है. लेकिन इस बार फसल में नुकसान काफी हुआ है. सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए. वहीं इनके अलावा किसान सूरज बाई का कहना है कि उन्होंने 4 बीघा में मक्की की फसल बोई थी.लेकिन बारिश के कारण व फसल लगभग खराब होती हुई नजर आ रही है. जिससे उन्हें भारी नुकसान पहुंचा है.

खेतों में भरा पानी, फसल भी चौपट, Due to excess rains, fields are filled with water, बारिश बनी आफत
किसानों के खेतों में भरा पानी

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दूसरी तरफ खेतों में पानी भरे होने के बावजूद भी किसान बची-कुछी फसल को काटने में लगा हुआ है. किसानों की मांग है कि इस बार फसल में काफी नुकसान हुआ है. बारिश के कारण जिसको लेकर सरकार को भी हमारी मदद करनी चाहिए. अब देखना होगा कि देश का अन्नदाता की सरकार कितनी मदद करती है. यह तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा.

Intro:राजसमंद- जिले में इस बार मानसून की औसत से ज्यादा बारिश होने के कारण जहां एक और राजसमंद के सभी जलाशयों में पानी की आवक हुई है. तो वहीं दूसरी तरफ अधिक बारिश होने के कारण किसानों के खेतों में पानी भर गया.जिसके कारण फसलों की कटाई में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. तो वही ईटीवी भारत की टीम ने भी जानने की कोशिश की राजसमंद जिले में औसत से अधिक बारिश होने के कारण किसानों के खेतों की क्या स्थिति है. इसी को जानने के लिए राजसमंद जिला मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर दूर ईटीवी भारत की टीम मादडा गांव पहुंची.जहां किसानों से जानने की कोशिश की


Body:इस बार हुई.मूसलाधार बारिश में उनके खेतों की क्या स्थिति है. इसे लेकर हमें गांव के किसान ओंकार गुर्जर ने गांव के करीब दो दर्जन भर खेतों का दौरा करवाया. इस गांव में करीब 200 घर हैं. जो सभी किसान है. वही किसान ओंकार गुर्जर ने बताया कि इस बार की बारिश के कारण इस गांव में सभी खेतों में अभी पानी भरा हुआ है. जिससे लगभग फसलें खराब हो गई है. जिसको लेकर किसान बेहद चिंता में है. क्योंकि उनकी मेहनत अधिक होने के बावजूद भी बारिश अधिक होने के कारण और हमारी फसल लगभग खराब हो गई है. वही ईटीवी भारत की टीम ने भी गांव के करीब दो दर्जन भर खेतों का दौरा किया तो वहां मक्की की फसल में पानी भरा हुआ दिखाई दिया. जहां लगभग फसलें पानी में गली हुई दिखाई दी. वही एक और फसलों की कटाई का काम जारी था. लेकिन किसान खेत में पानी भरने के बावजूद भी अपनी फसलों को काटता हुआ दिखाई दिया.जिससे लेकर किसानों का कहना था. कि इस बार की मेहनत और फसलों की बुवाई जुटाई के लिए लगाया गया पैसा लगभग व्यर्थ ही चला गया. क्योंकि इस बार हुई झमाझम बारिश के बाद खेतों में खड़ी फसलों को बारिश के कारण भारी नुकसान हुआ है.
वही किसान लुंबाराम ने बताया कि उन्होंने 4 बिग्गा जमीन में मक्की की फसल बोई थी.लेकिन इस बार हुई. मानसून के अधिक बारिश के कारण सारी फसलों में पानी भरा हुआ है.जिससे अधिकांश फसल तो नष्ट हो गई. इस बार फसल बुवाई जुताई के लिए मैंने 22000 खर्च किए थे. वही उनका कहना है. कि इस फसल से 10 पशुओं का चारा और अन्य काम किया जाता. लेकिन अधिक बारिश के कारण पूरी फसल खराब हो गई. उन्होंने बताया कि हमारा एकमात्र स्रोत है. खेती रात दिन लगकर इसका पालन पोषण करते हैं. और इसी से बच्चों को पढ़ाया लिखाया और परिवार का गुजारा किया जाता है.लेकिन इस बार फसल में नुकसान काफी हुआ है. सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए.
वहीं इनके अलावा किसान सूरज बाई का कहना था.कि उन्होंने 4 बीघा में मक्की की फसल बोई थी.लेकिन बारिश के कारण व फसल लगभग खराब होती हुई नजर आ रही है. जिससे उन्हें भारी नुकसान पहुंचा है.
वहीं किसान उदय गोपाल लोहार ने बताया कि उन्होंने 3 बीघा जमीन पर मक्खी की फसल जबकि 2 बीघा में मूंग और ग्वार बोई थे लेकिन बारिश की अधिक मार होने के कारण इस बार मेरी फसल लगभग खराब हो गई है.


Conclusion:वहीं दूसरी तरफ खेतों में पानी भरे होने के बावजूद भी किसान बची कुछी फसल को काटने में लगा हुआ है. वही किसानों की मांग है.कि इस बार फसल में काफी नुकसान हुआ है. बारिश के कारण जिसको लेकर सरकार को भी हमारी मदद करनी चाहिए. अब देखना होगा. कि देश का अन्नदाता को सरकार उसकी कितनी मदद करती है. यह तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा. लेकिन जहां एक और किसान अधिक बारिश होने के कारण फसल खराब होने को लेकर चिंता में नजर आ रहा है. वही ईटीवी भारत ने तो आपको केवल एक गांव की हकीकत से रूबरू करवाया है ऐसी ही हालत अन्य गांव की भी बनी हुई है. सरकार को इस मोर कदम उठाने चाहिए और किसानों की मदद के लिए आगे आना चाहिए
बाइट- सभी किसानों की
Last Updated : Sep 21, 2019, 5:19 PM IST
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