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Exclusive : जनता के प्यार के कारण आज मैदान में : दीप्ति 'किरण' माहेश्वरी

राजसमंद विधानसभा उपचुनाव की सियासी बिसात बिछने लगी है. कांग्रेस और भाजपा के प्रमुख नेताओं ने मैदान में ताल ठोकनी शुरू कर दी है. ऐसे में एक नाम इस वक्त सबसे अधिक चर्चाओं में है. वह है दीप्ति 'किरण' माहेश्वरी, जिसे आज हर कोई रियल या वर्चुअल में देखना और सुनना चाहता है. दीप्ति ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कई अहम मुद्दों पर बेबाकी से जवाब दिया. आप भी सुनिये...

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दीप्ति 'किरण' माहेश्वरी से खास बातचीत
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Published : Mar 11, 2021, 2:31 PM IST

राजसमंद. विधायक किरण माहेश्वरी के असामयिक निधन के बाद खाली हुई राजसमंद विधानसभा सीट पर जल्द ही उपचुनाव होगा. ऐसे में कांग्रेस और भाजपा के दावेदारों ने मैदान में अपनी उपस्थिति दर्ज करवानी शुरू कर दी है. इस समय एक नाम जो सबसे अधिक चर्चाओं में है, वह है दीप्ति 'किरण' माहेश्वरी. किरण माहेश्वरी की पुत्री दीप्ति माहेश्वरी, जो भाजपा से टिकट मांग रही हैं और इन दिनों राजसमंद विधानसभा क्षेत्र में अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रही हैं. ऐसे में दीप्ति से ईटीवी भारत के संवाददाता ने खास बातचीत की...

दीप्ति 'किरण' माहेश्वरी से खास बातचीत

सवाल- राजसमंद में दीप्ति माहेश्वरी ही क्यों ?

जवाब- जब किरण माहेश्वरी जी का निधन हुआ था, तब रोजाना 100 से अधिक लोग घर पर संवेदना जताने आते थे. वह सभी यह चाहते थे कि जिस प्रकार किरण माहेश्वरी ने राजसमंद की जनता की सेवा की है, वह सुख-दुख में हमेशा यहां की जनता के साथ खड़ी रहीं. ऐसे में किरण जी के बाद उनके परिवार का कोई एक सदस्य जनता का साथ देने के लिए आगे आए. जिस प्रकार का विश्वास किरण जी में जनता को था, उसी विश्वास को बरकरार रखने के लिए परिवार का कोई सदस्य आगे आए. ऐसे में मैं यह नहीं कहना चाहूंगी कि राजसमंद में दीप्ति क्यों ? यह राजसमंद की जनता चाहती है कि किरण माहेश्वरी के परिवार से एक सदस्य कोई जनता के बीच में आए. जो विश्वास किरण जी के प्रति राजसमंद की जनता ने जताया, जितनी किरण माहेश्वरी ने राजसमंद की जनता के दिलों में अपनी जगह बनाई. ऐसे में जनता चाहती है, यहां के कार्यकर्ता चाहते हैं कि कोई उनका प्रतिनिधित्व करे.

सवाल- नगर परिषद चुनाव में जीत से कांग्रेस के हौसले बुलंद, बीजेपी में कई दावेदार, ऐसे में खुद को कहां देखती हैं ?

जवाब- नगर परिषद चुनाव में कांग्रेस की जीत कोई जीत नहीं है. किरण जी के निधन के बाद राजसमंद में एक जगह खाली हो गई थी, जिसे भाजपा के लिए भर पाना मुश्किल था. ऐसे में कार्यकर्ताओं को पहले यह लगता था कि किरण जी हमारे बीच थीं और वह सब कुछ संभाल लेंगे. वह कमी किरण जी की महसूस की गई और उसका फायदा कांग्रेस को मिला. दीप्ति ने कहा कि कांग्रेस को सिर्फ 2000 वोट ही अधिक मिले हैं. ऐसे में यह कोई जीत का बड़ा मार्जिन नहीं है. दीप्ति ने कहा कि कांग्रेस के बड़े नेताओं ने राजसमंद में आकर किरण माहेश्वरी जी का जो अपमान किया है, उस अपमान का बदला राजसमंद की जनता उपचुनाव में कांग्रेस से लेगी और उन्हें सबक सिखाएगी.

सवाल- किरण जी के ऐसे कौन से अधूरे सपने, जिन्हें मौका मिलने पर आप पूरा करना चाहेंगी ?

जवाब- किरण जी का सबसे बड़ा सपना राजसमंद झील को लेकर था वह चाहती थी कि यह झील हमेशा भरी रहे. किरण जी राजसमंद में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हर पल प्रयासरत रहती थीं. किरण जी जब भी परिवार के साथ कहीं वेकेशन पर किसी दूसरे शहर या टूरिस्ट स्पॉट पर जाती थीं तो वहां की अच्छी चीजों को देखकर उसे राजसमंद में कैसे लागू किया जाए, हर पल यही सोचती रहती थीं. वो हमेशा यही चाहती थीं कि राजसमंद में कुछ अच्छे होटल का निर्माण हो, जहां बाहर से टूरिस्ट आएं. राजसमंद खारी फीडर को चौड़ा करना और मावली मारवाड़ आमान परिवर्तन को प्राथमिकता से पूरा कराना किरण जी का सपना था, जिसे अगर मौका मिलता है तो मैं पूरा करने की पुरजोर कोशिश करूंगी.

सवाल- बीजेपी पार्टी विद द डिफरेंस, आप पर परिवारवाद के आरोप, कैसे देखती हैं ?

जवाब- किरण जी ने अपने जीते जी कभी परिवारवाद को बढ़ावा नहीं दिया, आपने कभी किरण जी के समय में हमारे परिवार के किसी सदस्य को यहां नहीं देखा होगा, लेकिन किरण जी के असामयिक निधन के बाद जनता के लिए कमी हो गई. ऐसे में उस कमी को पूरा करने के लिए जनता खुद चाहती थी कि किरण जी के परिवार का कोई सदस्य आगे आए और किरण जी की जगह ले. दीप्ति ने कहा कि मैं आज फिर कहना चाहूंगी कि आज मैं जो यहां खड़ी हूं वह राजसमंद की जनता का प्यार है. जो विश्वास राजसमंद की जनता को किरण जी में था वही विश्वास जनता आज हमारे परिवार में देख रही है. किरण जी ने राजसमंद की जनता के हर सुख दुख में उनका साथ निभाया. उन्होंने हर व्यक्ति के लिए कार्य किया. ऐसे में यहां की जनता के प्यार और उनके विश्वास को पर खरा उतरने के लिए हम मैदान में हैं. राजसमंद कोई विधानसभा क्षेत्र नहीं, बल्कि किरण जी का परिवार था. ऐसे में परिवारवाद का आरोप सही नहीं है.

सवाल- किरण माहेश्वरी के नाम से कॉलेज की घोषणा कांग्रेस की ओर से श्रद्धांजलि या पॉलिटिकल माइलेज लेने की कोशिश ?

जवाब- सरकार ने किरणजी के नाम पर कॉलेज का एलान किया है. इसके लिए मैंने स्वयं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी को फोन कर उनका धन्यवाद दिया, साथ ही मैंने उनसे यह भी कहा कि राजसमंद नगर परिषद का जो नया भवन बनकर तैयार हुआ है, उसे भी किरण माहेश्वरी जी के नाम पर रखा जाए. ऐसे में मुख्यमंत्री जी ने मुझे आश्वस्त किया कि आप प्रस्ताव बनाकर भिजवा दें. इस पर भी कार्रवाई करेंगे. ऐसे में एक बार फिर मुख्यमंत्री जी का धन्यवाद देना चाहूंगी कि उन्होंने किरण जी के नाम से कॉलेज का एलान किया.

पढ़ें : टिकट के दावेदारों ने कांग्रेस की बढ़ाई मुश्किलें, जानिए किस सीट पर क्या हैं हालात

हालांकि, विधानसभा उपचुनाव में अभी कुछ समय भले ही शेष हो, दोनों ही दलों में कई दावेदार नेताओं ने मैदान में ताकत झोंक रखी हो, लेकिन राजसमंद की जनता के दिल में दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी की अमिट छाप आज भी मौजूद है.

राजसमंद. विधायक किरण माहेश्वरी के असामयिक निधन के बाद खाली हुई राजसमंद विधानसभा सीट पर जल्द ही उपचुनाव होगा. ऐसे में कांग्रेस और भाजपा के दावेदारों ने मैदान में अपनी उपस्थिति दर्ज करवानी शुरू कर दी है. इस समय एक नाम जो सबसे अधिक चर्चाओं में है, वह है दीप्ति 'किरण' माहेश्वरी. किरण माहेश्वरी की पुत्री दीप्ति माहेश्वरी, जो भाजपा से टिकट मांग रही हैं और इन दिनों राजसमंद विधानसभा क्षेत्र में अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रही हैं. ऐसे में दीप्ति से ईटीवी भारत के संवाददाता ने खास बातचीत की...

दीप्ति 'किरण' माहेश्वरी से खास बातचीत

सवाल- राजसमंद में दीप्ति माहेश्वरी ही क्यों ?

जवाब- जब किरण माहेश्वरी जी का निधन हुआ था, तब रोजाना 100 से अधिक लोग घर पर संवेदना जताने आते थे. वह सभी यह चाहते थे कि जिस प्रकार किरण माहेश्वरी ने राजसमंद की जनता की सेवा की है, वह सुख-दुख में हमेशा यहां की जनता के साथ खड़ी रहीं. ऐसे में किरण जी के बाद उनके परिवार का कोई एक सदस्य जनता का साथ देने के लिए आगे आए. जिस प्रकार का विश्वास किरण जी में जनता को था, उसी विश्वास को बरकरार रखने के लिए परिवार का कोई सदस्य आगे आए. ऐसे में मैं यह नहीं कहना चाहूंगी कि राजसमंद में दीप्ति क्यों ? यह राजसमंद की जनता चाहती है कि किरण माहेश्वरी के परिवार से एक सदस्य कोई जनता के बीच में आए. जो विश्वास किरण जी के प्रति राजसमंद की जनता ने जताया, जितनी किरण माहेश्वरी ने राजसमंद की जनता के दिलों में अपनी जगह बनाई. ऐसे में जनता चाहती है, यहां के कार्यकर्ता चाहते हैं कि कोई उनका प्रतिनिधित्व करे.

सवाल- नगर परिषद चुनाव में जीत से कांग्रेस के हौसले बुलंद, बीजेपी में कई दावेदार, ऐसे में खुद को कहां देखती हैं ?

जवाब- नगर परिषद चुनाव में कांग्रेस की जीत कोई जीत नहीं है. किरण जी के निधन के बाद राजसमंद में एक जगह खाली हो गई थी, जिसे भाजपा के लिए भर पाना मुश्किल था. ऐसे में कार्यकर्ताओं को पहले यह लगता था कि किरण जी हमारे बीच थीं और वह सब कुछ संभाल लेंगे. वह कमी किरण जी की महसूस की गई और उसका फायदा कांग्रेस को मिला. दीप्ति ने कहा कि कांग्रेस को सिर्फ 2000 वोट ही अधिक मिले हैं. ऐसे में यह कोई जीत का बड़ा मार्जिन नहीं है. दीप्ति ने कहा कि कांग्रेस के बड़े नेताओं ने राजसमंद में आकर किरण माहेश्वरी जी का जो अपमान किया है, उस अपमान का बदला राजसमंद की जनता उपचुनाव में कांग्रेस से लेगी और उन्हें सबक सिखाएगी.

सवाल- किरण जी के ऐसे कौन से अधूरे सपने, जिन्हें मौका मिलने पर आप पूरा करना चाहेंगी ?

जवाब- किरण जी का सबसे बड़ा सपना राजसमंद झील को लेकर था वह चाहती थी कि यह झील हमेशा भरी रहे. किरण जी राजसमंद में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हर पल प्रयासरत रहती थीं. किरण जी जब भी परिवार के साथ कहीं वेकेशन पर किसी दूसरे शहर या टूरिस्ट स्पॉट पर जाती थीं तो वहां की अच्छी चीजों को देखकर उसे राजसमंद में कैसे लागू किया जाए, हर पल यही सोचती रहती थीं. वो हमेशा यही चाहती थीं कि राजसमंद में कुछ अच्छे होटल का निर्माण हो, जहां बाहर से टूरिस्ट आएं. राजसमंद खारी फीडर को चौड़ा करना और मावली मारवाड़ आमान परिवर्तन को प्राथमिकता से पूरा कराना किरण जी का सपना था, जिसे अगर मौका मिलता है तो मैं पूरा करने की पुरजोर कोशिश करूंगी.

सवाल- बीजेपी पार्टी विद द डिफरेंस, आप पर परिवारवाद के आरोप, कैसे देखती हैं ?

जवाब- किरण जी ने अपने जीते जी कभी परिवारवाद को बढ़ावा नहीं दिया, आपने कभी किरण जी के समय में हमारे परिवार के किसी सदस्य को यहां नहीं देखा होगा, लेकिन किरण जी के असामयिक निधन के बाद जनता के लिए कमी हो गई. ऐसे में उस कमी को पूरा करने के लिए जनता खुद चाहती थी कि किरण जी के परिवार का कोई सदस्य आगे आए और किरण जी की जगह ले. दीप्ति ने कहा कि मैं आज फिर कहना चाहूंगी कि आज मैं जो यहां खड़ी हूं वह राजसमंद की जनता का प्यार है. जो विश्वास राजसमंद की जनता को किरण जी में था वही विश्वास जनता आज हमारे परिवार में देख रही है. किरण जी ने राजसमंद की जनता के हर सुख दुख में उनका साथ निभाया. उन्होंने हर व्यक्ति के लिए कार्य किया. ऐसे में यहां की जनता के प्यार और उनके विश्वास को पर खरा उतरने के लिए हम मैदान में हैं. राजसमंद कोई विधानसभा क्षेत्र नहीं, बल्कि किरण जी का परिवार था. ऐसे में परिवारवाद का आरोप सही नहीं है.

सवाल- किरण माहेश्वरी के नाम से कॉलेज की घोषणा कांग्रेस की ओर से श्रद्धांजलि या पॉलिटिकल माइलेज लेने की कोशिश ?

जवाब- सरकार ने किरणजी के नाम पर कॉलेज का एलान किया है. इसके लिए मैंने स्वयं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी को फोन कर उनका धन्यवाद दिया, साथ ही मैंने उनसे यह भी कहा कि राजसमंद नगर परिषद का जो नया भवन बनकर तैयार हुआ है, उसे भी किरण माहेश्वरी जी के नाम पर रखा जाए. ऐसे में मुख्यमंत्री जी ने मुझे आश्वस्त किया कि आप प्रस्ताव बनाकर भिजवा दें. इस पर भी कार्रवाई करेंगे. ऐसे में एक बार फिर मुख्यमंत्री जी का धन्यवाद देना चाहूंगी कि उन्होंने किरण जी के नाम से कॉलेज का एलान किया.

पढ़ें : टिकट के दावेदारों ने कांग्रेस की बढ़ाई मुश्किलें, जानिए किस सीट पर क्या हैं हालात

हालांकि, विधानसभा उपचुनाव में अभी कुछ समय भले ही शेष हो, दोनों ही दलों में कई दावेदार नेताओं ने मैदान में ताकत झोंक रखी हो, लेकिन राजसमंद की जनता के दिल में दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी की अमिट छाप आज भी मौजूद है.

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