ETV Bharat / state

राजसमंद: आजीवन मानव सेवा के लिए समर्पित रहे डॉ. विजय खिलनानी का निधन - राजस्थान ताजा हिंदी खबरें

आजीवन मानव सेवा करने वाले समाजसेवी डॉ. विजय कुमार खिलनानी का 76 साल की आयु में निधन हो गया. वे पिछले एक पखवाड़े से अस्वस्थ चल रहे थे तथा शहर के एक निजी अस्पताल में उनका उपचार हो रहा था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. सोमवार सुबह राजनगर स्थित मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया.

social worker Dr Vijay Khilnani, Vijay Khilnani died
आजीवन मानव सेवा के लिए समर्पित रहे डॉ. विजय खिलनानी का निधन
author img

By

Published : May 11, 2021, 9:33 AM IST

राजसमंद. मानव सेवा को ही अपने जीवन का परम लक्ष्य मानकर जीवन पर्यन्त निष्काम सेवा कार्यों में जुटे रहे जिले के जाने-माने समाजसेवी एवं सेवाभावी कार्यकर्ता डॉ. विजय कुमार खिलनानी का निधन हो गया. वे शहर से लेकर गांव-ढाणी तक में असहाय, निर्धन एवं अभावग्रस्त लोगों के लिए आशा की किरण थे. उनके निधन पर क्षेत्र भर में शोक छा गया. वहीं विभिन्न सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक एवं स्वयंसेवी संगठनों, संस्थाओं ने शोक व्यक्त किया.

डॉ. खिलनानी 76 वर्ष के थे और अपने पीछे एक पुत्र, एक पुत्री एवं दो पौत्रियां छोड़ गए हैं. वे पिछले एक पखवाड़े से अस्वस्थ चल रहे थे तथा कुछ दिनों से शहर के एक निजी अस्पताल में उपचाररत थे. जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. डॉ. खिलनानी मूलतः देवगढ़ के निवासी हैं, लेकिन राजकीय सेवा में होकर चिकित्सकीय पेशे के चलते वे पिछले करीब चार दशक से राजसमंद जिला मुख्यालय पर ही रह रहे थे. उनके पिता स्व. डॉ. बूलचंद खिलनानी स्वतंत्रता सेनानी थे, जो देवगढ़ नगरपालिका अध्यक्ष भी रहे हैं. शहर के सौ फीट रोड स्थित राणा राजसिंह नगर में उनका आवास है. सोमवार सुबह राजनगर स्थित मुक्ति धाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया.

डॉ. खिलनानी ने अपने मानव सेवा कार्य में बाधक बन रहे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जैसे अहम पद तक को त्याग कर स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली थी और फिर पूरी तरह से पीड़ित मानवता की सेवा में जुट गए. उनकी पत्नी डॉ. पुष्पा खिलनानी भी राजकीय सेवा में होकर प्रसूति रोग विशेषज्ञ थी तथा वे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) पद से सेवानिवृत्त हुई थी. डॉ. खिलनानी दम्पती चिकित्सा सेवा में रहते हुए आजीवन एक सदस्य का वेतन हमेशा मानव सेवा को समर्पित करता रहा, जो सदैव अनुकरणीय रहेगा. पत्नी डॉ. पुष्पा का 6 वर्ष पूर्व निधन हो गया था.

पढ़ें- सोनू सूद ने सुनी अजमेर की बेटियों की पुकार, ऑक्सीजन सिलेंडर और रेमडेसिविर पहुंचाकर बचाई दो लोगों की जान

डॉ. खिलनानी जिले के सैकड़ों गांवों-ढाणियों में एकाधिक बार निःशुल्क चिकित्सा शिविर आयोजित करते रहे तथा इन शिविरों में वे न सिर्फ लोगों का उपचार कर निःशुल्क दवाइयां देते थे, बल्कि बस्तियों में निर्धन, असहाय एवं जरूरतमंद लोग मिलने पर उन्हें वस्त्र, जूता-चप्पल, कम्बल आदि सामग्री भी प्रदान करते थे. कई असहाय परिवारों को खाद्य सामग्री सहित अन्य जरूरी संसाधन भी मुहैया करते थे. यही नहीं ऐसे परिवारों को वे बाद में भी समय-समय पर जाकर सम्भालने के साथ यथासम्भव मदद करते रहते थे. वहीं तीज-त्यौहारों पर उनके घर मिठाई पहुंचाने से भी नहीं चूकते थे.

शिविरों में आने वाले रोगियों का फॉलोअप उपचार भी करते थे. कई बार बस्तियों में पेयजल समस्या देखकर वे स्वयं के खर्च पर टैंकरों से जलापूर्ति भी कराते रहते थे. डॉ. खिलनानी ने सेवा धर्म मिशन नामक संस्था का गठन किया, जिसके आज जिले भर में सैकड़ों लोग जुड़े हुए हैं और अपने-अपने स्तर पर जरूरतमंदों की यथायोग्य सेवा के लिए तत्पर हैं. डॉ. खिलनानी का जीवन पूर्णतया मानव सेवा को समर्पित रहा है. विभिन्न संगठनों, संस्थाओं से जुड़े सदस्यों एवं शहर से लेकर गांव-ढाणी तक के लोगों ने डॉ. खिलनानी के निधन को दुःखद बताते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है.

जरूरतमंदों की सेवा में सतत जुटे रहते थे डॉ. खिलनानी

डॉ. खिलनानी जिला मुख्यालय की विभिन्न बस्तियों से लेकर कुंभलगढ़, खमनोर, देवगढ़, आमेट, रेलमगरा एवं भीम तक की गांव ढाणियों में प्रतिदिन जाकर बीमार लोगों का उपचार करते थे. साथ ही इस दौरान कहीं किसी परिवार में राशन सामग्री, कपड़े, जूते की जरूरत महसूस होने पर वे तत्काल अपने बैग से उन्हें उपलब्ध करा देते थे. साथ ही गांव के किसी किराना दुकानदार को पैसे देकर आते और कहकर आते थे कि जब भी इस परिवार को राशन की जरूरत हो तो दे दें, यदि पैसा कम पड़ेगा तो वह अगली बार आकर दे देंगे.

खास बात यह भी कि वे जहां भी जाते थे, दवाइयों के अलावा अपने साथ खाद्य सामग्री सहित अन्य दैनिक उपयोगी सामग्री लेकर ही जाते थे, ताकि आवश्यकता पड़ने पर तुरन्त मदद की जा सके. डॉ. खिलनानी हर वक्त समय मानव सेवा के लिए तैयार रहते थे. कहीं से भी उन्हें किसी असहाय के बीमार होने या जरूरतमंद के तकलीफ में होने की सूचना मिलती तो वे तत्काल हर संभव उसकी मदद करने पहुंच जाते थे. गत दिनों स्वयं के अस्वस्थ होने से ठीक पहले तक भी वे लगातार गांवों-बस्तियों में सेवा कार्य कर रहे थे.

राजसमंद. मानव सेवा को ही अपने जीवन का परम लक्ष्य मानकर जीवन पर्यन्त निष्काम सेवा कार्यों में जुटे रहे जिले के जाने-माने समाजसेवी एवं सेवाभावी कार्यकर्ता डॉ. विजय कुमार खिलनानी का निधन हो गया. वे शहर से लेकर गांव-ढाणी तक में असहाय, निर्धन एवं अभावग्रस्त लोगों के लिए आशा की किरण थे. उनके निधन पर क्षेत्र भर में शोक छा गया. वहीं विभिन्न सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक एवं स्वयंसेवी संगठनों, संस्थाओं ने शोक व्यक्त किया.

डॉ. खिलनानी 76 वर्ष के थे और अपने पीछे एक पुत्र, एक पुत्री एवं दो पौत्रियां छोड़ गए हैं. वे पिछले एक पखवाड़े से अस्वस्थ चल रहे थे तथा कुछ दिनों से शहर के एक निजी अस्पताल में उपचाररत थे. जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. डॉ. खिलनानी मूलतः देवगढ़ के निवासी हैं, लेकिन राजकीय सेवा में होकर चिकित्सकीय पेशे के चलते वे पिछले करीब चार दशक से राजसमंद जिला मुख्यालय पर ही रह रहे थे. उनके पिता स्व. डॉ. बूलचंद खिलनानी स्वतंत्रता सेनानी थे, जो देवगढ़ नगरपालिका अध्यक्ष भी रहे हैं. शहर के सौ फीट रोड स्थित राणा राजसिंह नगर में उनका आवास है. सोमवार सुबह राजनगर स्थित मुक्ति धाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया.

डॉ. खिलनानी ने अपने मानव सेवा कार्य में बाधक बन रहे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जैसे अहम पद तक को त्याग कर स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली थी और फिर पूरी तरह से पीड़ित मानवता की सेवा में जुट गए. उनकी पत्नी डॉ. पुष्पा खिलनानी भी राजकीय सेवा में होकर प्रसूति रोग विशेषज्ञ थी तथा वे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) पद से सेवानिवृत्त हुई थी. डॉ. खिलनानी दम्पती चिकित्सा सेवा में रहते हुए आजीवन एक सदस्य का वेतन हमेशा मानव सेवा को समर्पित करता रहा, जो सदैव अनुकरणीय रहेगा. पत्नी डॉ. पुष्पा का 6 वर्ष पूर्व निधन हो गया था.

पढ़ें- सोनू सूद ने सुनी अजमेर की बेटियों की पुकार, ऑक्सीजन सिलेंडर और रेमडेसिविर पहुंचाकर बचाई दो लोगों की जान

डॉ. खिलनानी जिले के सैकड़ों गांवों-ढाणियों में एकाधिक बार निःशुल्क चिकित्सा शिविर आयोजित करते रहे तथा इन शिविरों में वे न सिर्फ लोगों का उपचार कर निःशुल्क दवाइयां देते थे, बल्कि बस्तियों में निर्धन, असहाय एवं जरूरतमंद लोग मिलने पर उन्हें वस्त्र, जूता-चप्पल, कम्बल आदि सामग्री भी प्रदान करते थे. कई असहाय परिवारों को खाद्य सामग्री सहित अन्य जरूरी संसाधन भी मुहैया करते थे. यही नहीं ऐसे परिवारों को वे बाद में भी समय-समय पर जाकर सम्भालने के साथ यथासम्भव मदद करते रहते थे. वहीं तीज-त्यौहारों पर उनके घर मिठाई पहुंचाने से भी नहीं चूकते थे.

शिविरों में आने वाले रोगियों का फॉलोअप उपचार भी करते थे. कई बार बस्तियों में पेयजल समस्या देखकर वे स्वयं के खर्च पर टैंकरों से जलापूर्ति भी कराते रहते थे. डॉ. खिलनानी ने सेवा धर्म मिशन नामक संस्था का गठन किया, जिसके आज जिले भर में सैकड़ों लोग जुड़े हुए हैं और अपने-अपने स्तर पर जरूरतमंदों की यथायोग्य सेवा के लिए तत्पर हैं. डॉ. खिलनानी का जीवन पूर्णतया मानव सेवा को समर्पित रहा है. विभिन्न संगठनों, संस्थाओं से जुड़े सदस्यों एवं शहर से लेकर गांव-ढाणी तक के लोगों ने डॉ. खिलनानी के निधन को दुःखद बताते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है.

जरूरतमंदों की सेवा में सतत जुटे रहते थे डॉ. खिलनानी

डॉ. खिलनानी जिला मुख्यालय की विभिन्न बस्तियों से लेकर कुंभलगढ़, खमनोर, देवगढ़, आमेट, रेलमगरा एवं भीम तक की गांव ढाणियों में प्रतिदिन जाकर बीमार लोगों का उपचार करते थे. साथ ही इस दौरान कहीं किसी परिवार में राशन सामग्री, कपड़े, जूते की जरूरत महसूस होने पर वे तत्काल अपने बैग से उन्हें उपलब्ध करा देते थे. साथ ही गांव के किसी किराना दुकानदार को पैसे देकर आते और कहकर आते थे कि जब भी इस परिवार को राशन की जरूरत हो तो दे दें, यदि पैसा कम पड़ेगा तो वह अगली बार आकर दे देंगे.

खास बात यह भी कि वे जहां भी जाते थे, दवाइयों के अलावा अपने साथ खाद्य सामग्री सहित अन्य दैनिक उपयोगी सामग्री लेकर ही जाते थे, ताकि आवश्यकता पड़ने पर तुरन्त मदद की जा सके. डॉ. खिलनानी हर वक्त समय मानव सेवा के लिए तैयार रहते थे. कहीं से भी उन्हें किसी असहाय के बीमार होने या जरूरतमंद के तकलीफ में होने की सूचना मिलती तो वे तत्काल हर संभव उसकी मदद करने पहुंच जाते थे. गत दिनों स्वयं के अस्वस्थ होने से ठीक पहले तक भी वे लगातार गांवों-बस्तियों में सेवा कार्य कर रहे थे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.