उदयपुर. राजस्थान की राजसमंद लोकसभा सीट इन दिनों काफी चर्चा में है, लेकिन इस सीट से लोकसभा प्रत्याशी को लेकर प्रदेश भाजपा दो खेमों में बटती नजर आ रही है. सीट के लिए सामने आए तीन नामों में से एक को चुनना पार्टी आलाकमान के लिए मुश्किल साबित होता नजर आ रहा है.
लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. राजस्थान में लोकसभा की 25 सीटें हैं, जिनमें से भाजपा ने 16 सीटों पर अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है. वहीं, 9 सीटों पर अभी उम्मीदवारों की घोषणा होनी बाकी है. ऐसे में राजस्थान में इस बार राजसमंद सीट को लेकर काफी चर्चा बनी हुई है. राजसमंद लोकसभा सीट इस बार राजस्थान की सबसे हाईप्रोफाइल सीट बन गई है.
राजसमंद लोकसभा सीट पर वर्तमान में हरि सिंह राठौर सांसद हैं, जिन्होंने स्वास्थ्य कारणों के चलते चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है. ऐसे में भाजपा की ओर से इस सीट पर नए चेहरे की तलाश शुरू कर दी गई. इस तलाश में तीन चेहरे निकल कर सामने आए, जिसमें पहला चेहरा पूर्व विधायक और जयपुर राज परिवार की सदस्य दीया कुमारी का निकला, दूसरा चेहरा राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी का और तीसरा चेहरा मसूदा की पूर्व विधायक सुशीला कंवर के पति भंवर सिंह पलाड़ा सामने आया.
इन तीनों ही नामों को भारतीय जनता पार्टी के पैनल में दिल्ली भेजा गया है. साथ ही सीट के लिए सामने नामों में से ही भाजपा की ओर से किसी एक चेहरे को राजसमंद सीट से लोकसभा का प्रत्याशी बनाए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन भाजपा में किसी एक को चुनना पार्टी आलाकमान के लिए काफी मुश्किल हो गया है, क्योंकि राजसमंद सीट को लेकर भाजपा ही दो खेमों में बटती नजर आ रही है.
प्रत्याशी का फैसला लेना है मुश्किल
भाजपा का एक खेमा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राजसमंद लोकसभा सीट से दीया कुमारी को चुनाव लड़ाने के पक्ष में है तो वहीं, दूसरा खेमा इस सीट से किरण माहेश्वरी या फिर भंवर सिंह पलाड़ा को चुनाव लड़ाना चाहता है. ऐसे में भाजपा आलाकमान के लिए इस सीट पर फैसला ले पाना मुश्किल होता जा रहा है. अपने प्रत्याशी को लेकर भाजपा के नेता भी बयानबाजी करने में जुट गए हैं.
कटारिया के फैसले को नहीं टालेगी पार्टी
हाल ही में दीया कुमारी के खिलाफ कुछ नेताओं और राजपूत समाज के प्रत्याशियों ने विरोध का बिगुल बजा दिया था. वहीं उदयपुर शहर अध्यक्ष और गुलाबचंद कटारिया के नजदीकी माने जाने वाले पूर्व यूआईटी चेयरमैन रविंद्र श्रीमाली ने दीया कुमारी के चुनाव लड़ने पर दबी जुबान में ही समर्थन दे दिया है, साथ ही कहा है कि मेवाड़ में गुलाबचंद कटारिया काफी कद्दावर नेता हैं और उनकी बात को आलाकमान नहीं टालेगा. ऐसे में यह माना जा सकता है कि इस सीट पर गुलाब चंद कटारिया खेमे का ही प्रत्याशी चुनावी रण में उतरेगा.
बता दें कि इस सीट पर लड़ाई सिर्फ लोकसभा टिकट की नहीं बल्कि राजनीतिक वर्चस्व की है, क्योंकि मेवाड़ में लंबे समय से धोखे में राजनीति की जा रही है. जिसमें एक खेमा है नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का तो दूसरा खेमा पूर्व मंत्री और राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी का है. जहां, कटारिया खेमा इस चुनाव में दीया कुमारी को मौका देकर किरण माहेश्वरी को कमजोर करने में जुटे हैं.
वहीं, किरण माहेश्वरी का खेमा इस सीट पर भंवर सिंह पलाड़ा या फिर खुद किरण महेश्वरी को चुनाव लड़ाना चाह रहा है. सीट की लड़ाई में किरण महेश्वरी को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का समर्थन मिल रहा है तो कटारिया को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का साथ मिला हुआ है. ऐसे में अब देखना होगा भाजपा आलाकमान किस खेमे का प्रत्याशी इस सीट से उतरता है.