ETV Bharat / state

निगमों के एकीकरण की मंशा का विरोध, कांग्रेस जिलाध्यक्ष बोले- नई लीडरशिप को खत्म करना चाह रही है भाजपा सरकार - MERGING OF NAGAR NIGAMS

जयपुर के दोनों निगमों के प्रस्तावित एकीकरण के विरोध में कांग्रेस नेता डीएलबी पहुंचे और विभाग के निदेशक को ज्ञापन दिया.

merging of nagar nigams
स्वायत्त शासन निदेशक को ज्ञापन देते कांग्रेस कार्यकर्ता (ETV Bharat Jaipur)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 18, 2025, 8:06 PM IST

Updated : Feb 18, 2025, 10:21 PM IST

जयपुर: जयपुर सहित प्रदेश के तीन नगर निगमों के एकीकरण को लेकर फिलहाल सरकार ने कोई आखिरी फैसला नहीं लिया है, लेकिन इस मुद्दे पर सियासत गर्म होती जा रही है. स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा सहित भाजपा के कई नेता साफ तौर पर यह कह चुके हैं कि एक शहर में एक ही नगर निगम रखा जाएगा. इस बीच कांग्रेस भाजपा सरकार के इस प्रस्तावित फैसले का लगातार विरोध कर रही है. जयपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आरआर तिवाड़ी के नेतृत्व में मंगलवार को जनप्रतिनिधि, संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ता स्वायत्त शासन विभाग पहुंचे और निदेशक को ज्ञापन देकर जयपुर के दोनों नगर निगमों को यथावत रखने की मांग की है.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी को जयपुर की जनता और कार्यकर्ताओं ने विजय दिलवाई है, लेकिन ये आमजन के साथ ही अपने कार्यकर्ताओं का भी नुकसान कर रहे हैं. भाजपा सरकार नई लीडरशिप को खत्म करना चाहती है.

आरआर तिवाड़ी, अध्यक्ष (ETV Bharat Jaipur)

पढ़ें:'वन स्टेट-वन इलेक्शन' की ओर बढ़ते कदम, नवंबर 2025 में सभी निकायों में एक साथ हो सकते हैं चुनाव, मंत्री ने दिए संकेत

जनता के अरमानों पर पानी फेर रही सरकार: इस मौके पर जयपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आरआर तिवाड़ी ने कहा कि आने वाले समय में जयपुर की जनसंख्या 60 लाख से ज्यादा होगी. दोनों निगमों को एक कर और वार्डों की संख्या कम कर जनता के अरमानों पर पानी फेर रहे हैं. इसके साथ ही यह फैसला भाजपा के कार्यकर्ताओं के हितों के भी खिलाफ होगा. शहर के दो निगमों में 250 वार्ड में अगर 250 कांग्रेस के कार्यकर्ता चुनाव लड़ेंगे तो इतने ही भाजपा कार्यकर्ता भी चुनाव लड़ेंगे. भाजपा के नेताओं को आखिर किस बात का डर है.

सुशासन देने के लिए बढ़ाए थे वार्ड: उन्होंने कहा, राजस्थान की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा तुगलकी फरमान के साथ राजधानी के लोगों के साथ अन्याय करना चाहते हैं. उसके खिलाफ कांग्रेस लड़ाई लड़ रही है. पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार ने सुशासन देने के लिए वार्डों की संख्या बढ़ाई थी, ताकि शासन का हर निर्णय जनता के आखिरी छोर तक जा सके.

ज्यादा वार्ड में समस्याओं की सुनवाई आसान: उन्होंने कहा, हमारी सरकार ने दो नगर निगम बनाए. एक तो 40 हजार की आबादी पर पार्षद हो और एक दस हजार की आबादी पर एक पार्षद हो. दस हजार की आबादी पर पार्षद होने का मतलब है कि जनता की समस्याओं को वह बेहतर तरीके से समझ सकता है और उनका निराकरण करवा सकता है. जनता की भलाई के लिए यह फैसला किया गया था. जबकि 40 हजार की जनसंख्या पर एक पार्षद होने से जनता को परेशान होगी.

घोषणाएं पूरी की तो डर किस बात का: उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डरते किस बात से हैं. वे जयपुर शहर से चुने हुए हैं. जनता ने उन्हें सम्मान दिया है. उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी को भी जयपुर की जनता ने ही चुना है. जनता ने लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को जिताया है. वे बोले, मुख्यमंत्री दावा करते हैं कि उन्होंने बजट घोषणाओं के 50 फीसदी से ज्यादा काम कर दिए हैं तो फिर वे डर क्यों रहे हैं.

जयपुर: जयपुर सहित प्रदेश के तीन नगर निगमों के एकीकरण को लेकर फिलहाल सरकार ने कोई आखिरी फैसला नहीं लिया है, लेकिन इस मुद्दे पर सियासत गर्म होती जा रही है. स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा सहित भाजपा के कई नेता साफ तौर पर यह कह चुके हैं कि एक शहर में एक ही नगर निगम रखा जाएगा. इस बीच कांग्रेस भाजपा सरकार के इस प्रस्तावित फैसले का लगातार विरोध कर रही है. जयपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आरआर तिवाड़ी के नेतृत्व में मंगलवार को जनप्रतिनिधि, संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ता स्वायत्त शासन विभाग पहुंचे और निदेशक को ज्ञापन देकर जयपुर के दोनों नगर निगमों को यथावत रखने की मांग की है.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी को जयपुर की जनता और कार्यकर्ताओं ने विजय दिलवाई है, लेकिन ये आमजन के साथ ही अपने कार्यकर्ताओं का भी नुकसान कर रहे हैं. भाजपा सरकार नई लीडरशिप को खत्म करना चाहती है.

आरआर तिवाड़ी, अध्यक्ष (ETV Bharat Jaipur)

पढ़ें:'वन स्टेट-वन इलेक्शन' की ओर बढ़ते कदम, नवंबर 2025 में सभी निकायों में एक साथ हो सकते हैं चुनाव, मंत्री ने दिए संकेत

जनता के अरमानों पर पानी फेर रही सरकार: इस मौके पर जयपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आरआर तिवाड़ी ने कहा कि आने वाले समय में जयपुर की जनसंख्या 60 लाख से ज्यादा होगी. दोनों निगमों को एक कर और वार्डों की संख्या कम कर जनता के अरमानों पर पानी फेर रहे हैं. इसके साथ ही यह फैसला भाजपा के कार्यकर्ताओं के हितों के भी खिलाफ होगा. शहर के दो निगमों में 250 वार्ड में अगर 250 कांग्रेस के कार्यकर्ता चुनाव लड़ेंगे तो इतने ही भाजपा कार्यकर्ता भी चुनाव लड़ेंगे. भाजपा के नेताओं को आखिर किस बात का डर है.

सुशासन देने के लिए बढ़ाए थे वार्ड: उन्होंने कहा, राजस्थान की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा तुगलकी फरमान के साथ राजधानी के लोगों के साथ अन्याय करना चाहते हैं. उसके खिलाफ कांग्रेस लड़ाई लड़ रही है. पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार ने सुशासन देने के लिए वार्डों की संख्या बढ़ाई थी, ताकि शासन का हर निर्णय जनता के आखिरी छोर तक जा सके.

ज्यादा वार्ड में समस्याओं की सुनवाई आसान: उन्होंने कहा, हमारी सरकार ने दो नगर निगम बनाए. एक तो 40 हजार की आबादी पर पार्षद हो और एक दस हजार की आबादी पर एक पार्षद हो. दस हजार की आबादी पर पार्षद होने का मतलब है कि जनता की समस्याओं को वह बेहतर तरीके से समझ सकता है और उनका निराकरण करवा सकता है. जनता की भलाई के लिए यह फैसला किया गया था. जबकि 40 हजार की जनसंख्या पर एक पार्षद होने से जनता को परेशान होगी.

घोषणाएं पूरी की तो डर किस बात का: उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डरते किस बात से हैं. वे जयपुर शहर से चुने हुए हैं. जनता ने उन्हें सम्मान दिया है. उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी को भी जयपुर की जनता ने ही चुना है. जनता ने लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को जिताया है. वे बोले, मुख्यमंत्री दावा करते हैं कि उन्होंने बजट घोषणाओं के 50 फीसदी से ज्यादा काम कर दिए हैं तो फिर वे डर क्यों रहे हैं.

Last Updated : Feb 18, 2025, 10:21 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.