राजसमंद. सांसद दीया कुमारी ने जनता को भारी भरकम बिजली बिल थमाने को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया. उन्होंने कहा हैं कि कोरोना वायरस के कारण पूरे राज्य में पिछले एक माह से लॉकडाउन है. कारखाना और उद्योगों में कार्य बंद है. आमजनता को जीवन यापन में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हैं. ऐसे में बिल माफी तो दूर की बात, विद्युत विभाग की ओर से से भारी-भरकम बिल बनाकर भेजे जा रहे हैं.
सांसद दीया कुमारी ने कहा कि 3 अप्रैल को पत्र भेजकर राज्य सरकार से 2 माह की बिजली और पानी के बिल माफी की मांग की थी. लेकिन सरकार ने बिल माफी के बजाय बिल स्थगित करने का ऐलान कर दिया और उस पर भी अपने वादे पर कायम नहीं रह सकी. सांसद ने कहा कि राजस्थान की जनता खुद्दार है. उसे फ्री का कुछ भी नहीं चाहिए. लेकिन अप्रत्याशित परिस्थितियों से उत्पन्न विपत्तियों के कारण ऐसे गुहार लगानी पड़ रही हैं.
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सांसद दीया कुमारी ने कहा कि अजमेर विद्युत वितरण निगम, जयपुर विद्युत वितरण निगम सहित प्रदेश के सभी निगमों में एक प्रक्रिया अपनाई गई हैं.
उन्होंने कहा कि इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार की मंशा में खोट है. जानबूझकर की गई ऐसी प्रक्रिया सरकार और विभाग की सृजनशीलता को दर्शाती हैं. मीडिया संयोजक मधु प्रकाश लड्ढा ने बताया कि सरकार की मंशा को जनविरोधी करार देते हुए सांसद दीया कुमारी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बिजली बिल माफी पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया हैं.