राजसमंद. विधानसभा उपचुनाव के लिए गुरुवार देर रात दिल्ली में प्रत्याशियों की सूची जारी होते ही भाजपा प्रत्याशी के साथ ही पार्टी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों में हर्ष की लहर छा गई. राजसमंद विधानसभा सीट पर भाजपा ने उम्मीदवार के तौर पर दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी की पुत्री दीप्ति माहेश्वरी को अधिकृत प्रत्याशी बनाया है. गु दीप्ति को भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने के बाद सभी अफवाहों पर रोक लग गई है. वहीं, माना जा रहा है कि दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी की पुत्री को टिकट देकर भाजपा ने सिंपथी के आधार पर आपना वोट बैंक बनाए रखने के लिए दांव चला है.
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भाजपा आलाकमनान को माहेश्वरी की कौशलता से अपनी चुनावी नैया पार होने की उम्मीद बांधी है. वहीं, दूसरी ओर टिकट की आस लेकर पिछले दिनों से अपनी दावेदारी जता रहे नए चेहरों को मायूसी हाथ लगी है. गौरतलब है कि दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी वर्ष 2008, 2013 व 2018 के विधानसभा चुनाव में लगातार जीती हैं, जिसके बाद राजसमंद सीट भाजपा का गढ़ बन गई है. उसी गढ़ को बचाए रखने के लिए भाजपा ने दिवंगत विधायक उनकी बेटी दीप्ति माहेश्वरी को राजसमंद की जनता के बिच में रहने का मौका देकर टिकिट दिया है.
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वहीं, दीप्ति माहेश्वरी ने आमजन के साथ पार्टी आलाकमान का आभार जताते हुए कहाृ कि पार्टी ने मुझ पर जो विश्वास जताकर जिम्मेदारी दी है, उसे पूरी दृढ़ इच्छा से निभाऊंगी. दीप्ति ने कहा कि वो राजसमंद में अपनी मां के अधूरे विकास कार्यों के सपनों को पूरा करेंगी. उन्होंने कहा वो राजसमंद की जनता को अपने परिवार की तरह समझते हुए हर समय उनके उनके हर दु:ख-सु:ख में शामिल रहूंगी. उन्होंने कहा कि उनकी मां पिछले 20 साल से यहां की जनता के बी थी, जिसके चलते वो यहां के ही कहलाते थे. उन्होंने कहा कि वो भी उनके साथ यहां पर रहती थीं. इसलिए बाहरी होने का सवाल ही नहीं उठता है. भारतीय जनता पार्टी में सभी कार्यकर्ताओं को समान सम्मान मिलता है. पार्टी के हर एक कार्यकर्ता को टिकिट मांगने का हक है. अब टिकट फाइनल होने के बाद हर कार्यकर्ताओं का प्रत्याशी कमल का फूल है. कोई नाराज नहीं है, हम सब पार्टी के कार्यकर्ता है और पार्टी ही हमारा परिवार है. हम सब मिलकर राजसमंद विधानसभा सीट से कमल खिलाएंगे.
टिकट की दौड़ में शामिल नए चेहरे हुए निराश
दूसरी ओर सूची जारी होने के साथ ही राजसमंद सीट से टिकट मिलने की आस लगाए बैठे दावेदार नेताओं-कार्यकर्ताओं को निराशा हाथ लगी है. राजसमंद सीट से भाजपा जिला उपाध्यक्ष महेन्द्र कोठारी, कोषाध्यक्ष मानसिंह बारहठ, पूर्व सासंद हरिओम सिंह राठौड़ के पुत्र कर्णवीरसिंह राठौड़, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष अशोक रांका, मण्डल अध्यक्ष गणेश पालीवाल, पूर्व सरपंच पिपलांत्री श्यामसुंदर पालीवाल, एडवाकेट भावना पालीवाल, पूर्व उपप्रधान दिनेश बड़ाला, भाजयुमो जिलाध्यक्ष जगदीश पालीवाल सहित कुछ वरिष्ठ नेताओं ने अपनी दावेदारी पेश की थी, लेकिन उन्हें मायूस होना पड़ा. उन्होंने टिकट के लिए अपनी दावेदारी जताई थी, हालांकि इनमें से कुछ नामों की खास चर्चा जरूर हुई है. फिर भी दीप्ति माहेश्वरी को ही प्रबल दावेदार माना जा रहा था. सूत्रों की मानें तो नए चेहरों व युवाओं को टिकट नहीं दिए जाने तथा बार-बार बाहरी नेताओं को ही चुनाव में उतारने लेकर इन दावेदारों और इनके समर्थकों में खासी नाराजगी छा गई है तथा अलग-अलग ढंग से इनकी नाराजगी दिखाई दे रही है. सूत्र बताते हैं कि ये नाराज हुए लोग चुनाव में अपनी भूमिका को लेकर भी विचार और रणनीति बनाते नजर आ रहे हैं. इस मामले में दिलचस्प पहलू ये है कि टिकट नहीं मिलने से खफा नजर आ रहे ऐसे नेताओं-कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों की नाराजगी से टिकट पाने वाले प्रत्याशी काफी पहले से ही वाकिफ है और वे भी इस बारे में अपनी रणनीति को अंजाम तक दे रहे हैं.
दीप्ति माहेश्वरी (सिंघवी)
कार्य : गृहणी
शिक्षा - एमबीए, बीबीए
माता - दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी
पिता - सीए सत्यनारायण माहेश्वरी
पति - शशांक सिंघवी
व्यवसाय : मार्बल
ससुर : सुनील सिंघवी
राजनीति में अनुभव : नया चेहरा
निवासी : फतेहपुरा, उदयपुर, हाल राजसमंद