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CMHO ने ली समीक्षा बैठक, मौसमी बामारियों को लेकर दिए आवश्यक दिशा-निर्देश - सीएमएचओ डॉ. प्रकाश चन्द्र शर्मा

जिले में बुधवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रकाश चन्द्र शर्मा ने अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली. इस दौरान उन्होंने समस्त अधिकारियों को जिले में मौसमी बिमारियों की रोकथाम के साथ-साथ अन्य कार्यक्रमों और योजनाओं की सफलता के लिए सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ता के जनसभागिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.

राजसमंद CMHO की समीक्षा बैठक, Rajsamand CMHO Review Meeting
राजसमंद CMHO की समीक्षा बैठक
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Published : Nov 4, 2020, 5:24 PM IST

राजसमंद. जिले में बुधवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रकाश चन्द्र शर्मा ने अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली. इस दौरान उन्होंने समस्त अधिकारियों को जिले में मौसमी बिमारियों की रोकथाम के साथ-साथ अन्य कार्यक्रमों और योजनाओं की सफलता के लिए सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ता के जनसभागिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि गांव-ढाणी में मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए सूखा दिवस के आयोजन और एन्टी लार्वल गतिविधियां सम्पादित करने और जनकल्याणकारी योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने के लिए लोगों को जागरूक कर विभागीय गतिविधियों से जोड़े. उन्होंने कहा कि आगामी रविवार को जनसहभागिता से व्यापक स्तर पर जिले के सभी कस्बों गांवों और ढाणी में सूखा दिवस आयोजित किया जाएगा.

पढ़ेंः जयपुर नगर निगम चुनाव में भाजपा के कई दिग्गज अपने ही घर में चित्त, देखिए खास रिपोर्ट..

जिसमें जनसहभागिता सुनिश्चत करते हुए सार्वजनिक पानी की टंकियों, पशुओं के लिए पीने के पानी और घरों में पानी के सभी बर्तनों, कूलर, परिण्डे, हौज को खाली कर सुखाया जाएगा. जिससे मच्छरों के लार्वा को खत्म किया जा सके और मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी गंभीर घातक बीमारियों से आमजन को बचाया जा सकें. इसके लिए जिला स्तर से प्रभारियों की क्षेत्रवार नियुक्ति की जाएगी, जो सघन मॉनिटरिंग करेंगे.

इससे पूर्व जिला प्रजनन और शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुरेश मीणा ने कहा कि सेक्टर स्तर पर सभी स्वास्थ्य कार्यक्रमों और योजनाओं की निगरानी, रिपोर्टिंग और प्रबंधन का कार्य महिला स्वास्थ्य मार्गदर्शिका का है. उन्होंने कहा कि विभाग में नव पदस्थापित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को उनके कार्य के बारें में विस्तार से जानकारी दे, उनका सहयोग करें. नए स्वास्थ्य कार्येकर्ताओं की कमियां निकालने और उनके साथ रूखा व्यवहार करने से उनका मनोबल टूट सकता है. हमें सहयोगात्मक पर्यवेक्षण करते हुए उनके कौशल को बढ़ाना है.

उन्होंने कहा आगामी 10 दिनों में सभी के क्षेत्रों में आशा सहयोगिनी को उनके पास होने वाली आवश्यक दवाईंया, स्वास्थ्य जांच के उपकरण और सामग्री सेक्टर स्तर से देना सुनश्चित करें. जिससे आशा अपना कार्य आसानी से कर सकें. उन्होंने सेक्टर बैठक में आशाओं को सभी कार्यक्रमों की जानकारी देने के लिए निर्देशित किया और आशाओं के माध्यम से शत प्रतिशत गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल सुनिश्चत करने के लिए कहा.

उन्होंने प्रसूति नियोजन दिवस के दिन गर्भवती महिलाओं से आधार पहचान पत्र, बैंक पासबुक और जन आधार पहचान पत्र की फोटोकॉपी लेना सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया. जिससे कोई भी लाभार्थी योजनाओं के लाभ से वंचित ना हों. गर्भवती महिला से संबंधित सभी आवश्यक डेटा ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज कराने और डुप्लीकेट डेटा एंट्री नहीं हो, इसके लिए सजग रहने के निर्देश दिए.

मौसमी बीमारियों की रोकथाम को लेकर उन्होंने कहा कि चिकित्सा संस्थानों पर ओपीडी का 10 प्रतिशत और समुदाय में जनसंख्या का एक प्रतिशत ब्लड स्लाइड कलेक्शन होना अनिवार्य है, यदि कम है, तो तत्काल इसमें सुधार करें और ब्लड स्लाइड कलेक्शन को बढ़ाएं.

परिवार कल्याण कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा महिलाओं के लिए सबसे आसान और सरल विश्वसनीय गर्भनिरोधक साधन है. इसके लिए आप सभी सही परामर्श दें, जिससे बच्चों में अंतर रखने और अवांछित गर्भ को रोका जा सके.

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बैठक में उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी हेल्थ डॉ. राजकुमार खोलिया ने मौसमी बीमारियों की सेक्टर वार समीक्षा की और रोकथाम के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. बैठक में जिला क्षय रोग निवारण अधिकारी डॉ. रामनिवास जाट ने दो सप्ताह से अधिक की खांसी वाले मरीजों को नजदीकी स्वास्थ्य केंन्द्र पर रेफर करने और बलगम का सैंपल लेना सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया और निक्षय पोषण योजना का लाभ देने के लिये टीबी के सभी मरीजो को बैंक खाता संख्या लेने के लिए कहा.

राजसमंद. जिले में बुधवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रकाश चन्द्र शर्मा ने अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली. इस दौरान उन्होंने समस्त अधिकारियों को जिले में मौसमी बिमारियों की रोकथाम के साथ-साथ अन्य कार्यक्रमों और योजनाओं की सफलता के लिए सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ता के जनसभागिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि गांव-ढाणी में मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए सूखा दिवस के आयोजन और एन्टी लार्वल गतिविधियां सम्पादित करने और जनकल्याणकारी योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने के लिए लोगों को जागरूक कर विभागीय गतिविधियों से जोड़े. उन्होंने कहा कि आगामी रविवार को जनसहभागिता से व्यापक स्तर पर जिले के सभी कस्बों गांवों और ढाणी में सूखा दिवस आयोजित किया जाएगा.

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जिसमें जनसहभागिता सुनिश्चत करते हुए सार्वजनिक पानी की टंकियों, पशुओं के लिए पीने के पानी और घरों में पानी के सभी बर्तनों, कूलर, परिण्डे, हौज को खाली कर सुखाया जाएगा. जिससे मच्छरों के लार्वा को खत्म किया जा सके और मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी गंभीर घातक बीमारियों से आमजन को बचाया जा सकें. इसके लिए जिला स्तर से प्रभारियों की क्षेत्रवार नियुक्ति की जाएगी, जो सघन मॉनिटरिंग करेंगे.

इससे पूर्व जिला प्रजनन और शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुरेश मीणा ने कहा कि सेक्टर स्तर पर सभी स्वास्थ्य कार्यक्रमों और योजनाओं की निगरानी, रिपोर्टिंग और प्रबंधन का कार्य महिला स्वास्थ्य मार्गदर्शिका का है. उन्होंने कहा कि विभाग में नव पदस्थापित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को उनके कार्य के बारें में विस्तार से जानकारी दे, उनका सहयोग करें. नए स्वास्थ्य कार्येकर्ताओं की कमियां निकालने और उनके साथ रूखा व्यवहार करने से उनका मनोबल टूट सकता है. हमें सहयोगात्मक पर्यवेक्षण करते हुए उनके कौशल को बढ़ाना है.

उन्होंने कहा आगामी 10 दिनों में सभी के क्षेत्रों में आशा सहयोगिनी को उनके पास होने वाली आवश्यक दवाईंया, स्वास्थ्य जांच के उपकरण और सामग्री सेक्टर स्तर से देना सुनश्चित करें. जिससे आशा अपना कार्य आसानी से कर सकें. उन्होंने सेक्टर बैठक में आशाओं को सभी कार्यक्रमों की जानकारी देने के लिए निर्देशित किया और आशाओं के माध्यम से शत प्रतिशत गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल सुनिश्चत करने के लिए कहा.

उन्होंने प्रसूति नियोजन दिवस के दिन गर्भवती महिलाओं से आधार पहचान पत्र, बैंक पासबुक और जन आधार पहचान पत्र की फोटोकॉपी लेना सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया. जिससे कोई भी लाभार्थी योजनाओं के लाभ से वंचित ना हों. गर्भवती महिला से संबंधित सभी आवश्यक डेटा ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज कराने और डुप्लीकेट डेटा एंट्री नहीं हो, इसके लिए सजग रहने के निर्देश दिए.

मौसमी बीमारियों की रोकथाम को लेकर उन्होंने कहा कि चिकित्सा संस्थानों पर ओपीडी का 10 प्रतिशत और समुदाय में जनसंख्या का एक प्रतिशत ब्लड स्लाइड कलेक्शन होना अनिवार्य है, यदि कम है, तो तत्काल इसमें सुधार करें और ब्लड स्लाइड कलेक्शन को बढ़ाएं.

परिवार कल्याण कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा महिलाओं के लिए सबसे आसान और सरल विश्वसनीय गर्भनिरोधक साधन है. इसके लिए आप सभी सही परामर्श दें, जिससे बच्चों में अंतर रखने और अवांछित गर्भ को रोका जा सके.

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बैठक में उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी हेल्थ डॉ. राजकुमार खोलिया ने मौसमी बीमारियों की सेक्टर वार समीक्षा की और रोकथाम के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. बैठक में जिला क्षय रोग निवारण अधिकारी डॉ. रामनिवास जाट ने दो सप्ताह से अधिक की खांसी वाले मरीजों को नजदीकी स्वास्थ्य केंन्द्र पर रेफर करने और बलगम का सैंपल लेना सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया और निक्षय पोषण योजना का लाभ देने के लिये टीबी के सभी मरीजो को बैंक खाता संख्या लेने के लिए कहा.

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