राजसमंद. सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में चाइल्डलाइन एडवाइजरी बोर्ड की बैठक हुई. जिसमें बच्चों को सुरक्षा एवं सहायता पहुंचाने के लिए संचालित हो रही हेल्प लाइन के जरिए सामने आए आंकड़ों से सामने आया कि 3 वर्ष में 1595 मामले विभिन्न श्रेणी से प्राप्त हुए हैं. जिनमें संबंधित विभागों में समन्वय स्थापित कर सहायता की गई है. लेकिन अभी तक कई ऐसे मामले हैं, जिनमें बाल श्रमिक बच्चों को रेस्क्यू करने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
पढ़ें: जयपुर: मॉडल्स ने 7 सीक्वेंस में खूबसूरत रैम्प वॉक कर डिजाइनर कलेक्शन को किया प्रजेंट
साथ ही भिक्षावृत्ति वाले बच्चों का निवारण नहीं हो पाना और दस्तावेज की कमी के कारण कई बच्चों का योजनाओं से वंचित रह जाना जैसे मामले सामने आए. जिसको लेकर चाइल्डलाइन एडवाइजरी बोर्ड ने एक सलाहकार समिति का गठन किया है. वहीं बैठक में समिति का गठन अतिरिक्त जिला कलेक्टर राकेश कुमार की अध्यक्षता में हुआ. जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव नरेंद्र कुमार भी मौजूद रहे.