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राजसमंदः बाल श्रमिकों को रेस्क्यू करने में नाकाम रहा चाइल्डलाइन - बाल श्रमिक बच्चों का रेस्क्यू

राजसमंद जिला कलेक्ट्रेट सभागार में सोमवार को चाइल्डलाइन एडवाइजरी बोर्ड की बैठक हुई. जिसमें सामने आया कि कई मामले ऐसे हैं, जिनमें बाल श्रमिक बच्चों को रेस्क्यू करने में बोर्ड अब तक नाकाम रहा है.

चाइल्डलाइन एडवाइजरी बोर्ड बैठक, Childline Advisory Board meeting
चाइल्डलाइन एडवाइजरी बोर्ड बैठक
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Published : Jan 6, 2020, 10:32 PM IST

राजसमंद. सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में चाइल्डलाइन एडवाइजरी बोर्ड की बैठक हुई. जिसमें बच्चों को सुरक्षा एवं सहायता पहुंचाने के लिए संचालित हो रही हेल्प लाइन के जरिए सामने आए आंकड़ों से सामने आया कि 3 वर्ष में 1595 मामले विभिन्न श्रेणी से प्राप्त हुए हैं. जिनमें संबंधित विभागों में समन्वय स्थापित कर सहायता की गई है. लेकिन अभी तक कई ऐसे मामले हैं, जिनमें बाल श्रमिक बच्चों को रेस्क्यू करने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

बाल श्रमिक बच्चों को रेस्क्यू करने में नाकाम रहा चाइल्डलाइन

पढ़ें: जयपुर: मॉडल्स ने 7 सीक्वेंस में खूबसूरत रैम्प वॉक कर डिजाइनर कलेक्शन को किया प्रजेंट

साथ ही भिक्षावृत्ति वाले बच्चों का निवारण नहीं हो पाना और दस्तावेज की कमी के कारण कई बच्चों का योजनाओं से वंचित रह जाना जैसे मामले सामने आए. जिसको लेकर चाइल्डलाइन एडवाइजरी बोर्ड ने एक सलाहकार समिति का गठन किया है. वहीं बैठक में समिति का गठन अतिरिक्त जिला कलेक्टर राकेश कुमार की अध्यक्षता में हुआ. जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव नरेंद्र कुमार भी मौजूद रहे.

राजसमंद. सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में चाइल्डलाइन एडवाइजरी बोर्ड की बैठक हुई. जिसमें बच्चों को सुरक्षा एवं सहायता पहुंचाने के लिए संचालित हो रही हेल्प लाइन के जरिए सामने आए आंकड़ों से सामने आया कि 3 वर्ष में 1595 मामले विभिन्न श्रेणी से प्राप्त हुए हैं. जिनमें संबंधित विभागों में समन्वय स्थापित कर सहायता की गई है. लेकिन अभी तक कई ऐसे मामले हैं, जिनमें बाल श्रमिक बच्चों को रेस्क्यू करने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

बाल श्रमिक बच्चों को रेस्क्यू करने में नाकाम रहा चाइल्डलाइन

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साथ ही भिक्षावृत्ति वाले बच्चों का निवारण नहीं हो पाना और दस्तावेज की कमी के कारण कई बच्चों का योजनाओं से वंचित रह जाना जैसे मामले सामने आए. जिसको लेकर चाइल्डलाइन एडवाइजरी बोर्ड ने एक सलाहकार समिति का गठन किया है. वहीं बैठक में समिति का गठन अतिरिक्त जिला कलेक्टर राकेश कुमार की अध्यक्षता में हुआ. जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव नरेंद्र कुमार भी मौजूद रहे.

Intro:राजसमंद- जिला कलेक्ट्रेट सभागार में सोमवार को चाइल्डलाइन एडवाइजरी बोर्ड की बैठक हुई. जिसमें कई मुद्दों को लेकर चर्चाएं हुई. जानकारी के अनुसार बच्चों की सुरक्षा एवं आपातकालीन स्थिति में सहायता पहुंचाने के लिए भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय एवं जतन संस्थान द्वारा बच्चों को त्वरित मदद के लिए एक हेल्प लाइन संचालित की जा रही है. जिसकी आज जिला स्तरीय सलाहकार समिति का गठन अतिरिक्त जिला कलेक्टर राकेश कुमार की अध्यक्षता में हुई.


Body:जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव नरेंद्र कुमार भी मौजूद रहे. बैठक में सबसे पहले चाइल्डलाइन के 3 साल की कार्य प्रगति रिपोर्ट पर चर्चा की जिसमें बताया गया कि 3 वर्ष में 1595 मामले विभिन्न श्रेणी से प्राप्त हुए हैं जिनमें संबंधित विभागों में समन्वय स्थापित कर सहायता की गई है लेकिन अभी तक भी कई ऐसे मामले जिनमें बाल श्रमिक बच्चों को रेस्क्यू करने में भी अभी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है भिक्षावृत्ति वाले बच्चों का निवारण नहीं हो पाना तथा दस्तावेज की कमी के कारण कई बच्चे योजनाओं से वंचित रह रहे हैं इन सभी आवश्यकताओं को देखते हुए जिले के बच्चों के मामलों में और अधिक प्रभावी रूप से कार्य करने के लिए चार लाइन एडवाइजरी बोर्ड गठित की गई.


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