राजसमंद. 20 साल पहले 11 नवंबर 2000 को अक्षय पात्र फाउंडेशन के पहले किचन का उद्घाटन तत्कालीन केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री श्री मुरली मनोहर जोशी द्वारा किया गया था. तब से अब तक पूरे भारत वर्ष में 330 करोड़ मिड-डे मील परोसे जा चुके हैं. अपने संस्थान के बीस वर्ष पूरे होने पर अक्षय पात्र फाउंडेशन नवंबर माह को जश्न के रूप में मना रहा है. वहीं कोरोना के चलते स्कूल बंद होने के कारण जरूरतमंद लोगों तक घर-घर फ़ूड पैकेट बांटे जा रहे है. सेवा के तीसरे दशक में प्रवेश कर रहे फाउंडेशन को कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने बधाइयां दी है.
नाथद्वारा स्थित अक्षय पात्र किचन के प्रबंधक राहुल कुमार झा ने बताया कि भारत सरकार के प्रमुख स्कूली पोषण कार्यक्रम, मिड-डे मील के कार्यान्वयन भागीदार के रूप में अक्षय पात्र देश के 12 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के 19,039 सरकारी और सरकार अनुदानित स्कूलों में 18 लाख से ज्यादा बच्चों को अपनी सेवाएं प्रदान करता है. इस कार्यक्रम के ज़रिए स्थानीय यूनिट द्वारा राजसमंद और खमनोर पंचायत समिति के 587 स्कूल के 48 हजार बच्चों तक मिड-डे मील का खाना पहुंचाया जाता रहा है.
पढ़ें- राजसमंद: मास्क नहीं पहनने पर सख्त कार्रवाई...5 प्रतिष्ठानों को किया सीज
कोविड-19 महामारी के कारण वर्तमान में स्कूलों के बंद होने के कारण फाउंडेशन द्वारा कमज़ोर समुदायों के लिए राहत उपलब्ध कराने के लिए सरकार की कोशिशों में मदद हेतु अन्न सहायता दी जा रही है. कमज़ोर समुदायों को अन्न राहत उपलब्ध कराने के लिए सरकार के साथ काम कर रही है. मार्च 2020 से अन्न राहत किट के रूप में 10 करोड़ भोजन की व्यवस्था की जा चुकी है.
हैप्पीनेस बॉक्स उपलब्ध कराकर अक्षय पात्र सक्रिय रुप से सरकार और के साथ काम कर रही है. पोषण के अलावा ये बक्से उनकी सामग्री के साथ साफ-सफाई और शिक्षा पर भी ध्यान केंद्रित करती है. इन बक्सों की सामग्री में ग्लूकोज बिस्किट और रागी आटा से लेकर रंगीन पेन्सिल और एक्टिविटी बुक तक बहुत कुछ शामिल है. वहीं कोरोना काल में अक्षय पात्र नाथद्वारा से 252868 भोजन वितरण किया गया है.