राजसमंद. बस स्टैंड पर बीती रात मानसिक विक्षिप्त महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया. यह महिला मंदिर के पास स्थित सड़क पर लेटी हुई थी. जिसे देख वहां मौजूद कुछ ऑटो चालकों ने अपने घर से कपड़े लाकर राह गुजरती महिलाओं की मदद से जच्चा बच्चा को कपड़ों से ढका.
बाद में 108 एंबुलेंस सेवा को फोन किया लेकिन शर्म की बात है एक जिला मुख्यालय पर ही करीब 1 घंटे तक फोन करने के बावजूद एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंची. बार-बार फोन करने पर एंबुलेंस कर्मियों ने ठगा सा जवाब दिया कि वह तत्काल एंबुलेंस पहुंचाने में असमर्थ है और एंबुलेंस आने में करीब 1 घंटे का समय लगेगा.
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ऐसे में समाजसेवी लोगों ने निजी एंबुलेंस को मौके पर बुलाया और प्राथमिक उपचार मुहैया कराया. निजी एंबुलेंस की मदद से जब प्रसूता को अस्पताल ले जाने की कोशिश की तो डर के मारे उसने जाने से इंकार कर दिया. आपको बता दें कि प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इस महिला को लोक डाउन के दौरान करीब है पांच महीने पहले ही यहां देखा गया था. जिसके बाद यह महिला यहां नजर नहीं आई थी और एक दिन पहले ही वह यहां बस स्टैंड क्षेत्र में घूमती हुई नजर आई.
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लेकिन इस घटनाक्रम ने 108 एंबुलेंस सेवा की पोल खोल कर रख दी. अगर जिला मुख्यालय पर ही किसी मरीज को एंबुलेंस सेवा उपलब्ध नहीं हो पाती है तो बाहरी इलाकों में क्या हाल होता होगा इसका अंदाजा आप खुद ही लगा सकते हैं. हालांकि करीब 12:00 बजे करीब 108 एंबुलेंस पहुंची और मानसिक विक्षिप्त महिला को ले जाने कोशिश की.