प्रतापगढ़. जिला मुख्यालय पर अब जिले के अधिकारियों की लापरवाही खुलकर सामने आने लगी है. ऐसा ही एक मामला जिला मुख्यालय की सड़क का है, जो लंबे समय से खस्ताहाल पड़ी है.
यह सड़क जिले के कलेक्टर से लेकर तमाम अधिकारियों को अपने कार्यालय मिनी सचिवालय तक लेकर जाती है. लेकिन हद तो तब हो जाती है, जब जिले के कलेक्टर सहित तमाम अधिकारी अपनी बंद शीशों की लग्जरी कारों में बैठकर इस समस्या की ओर से अपना मुंह फेरकर निकल जाते हैं.
रोजाना आधा दर्जन से ज्यादा वाहन चालक गिरकर होते है चोटिल
अधिकारियों और ठेकेदारों की लापरवाही के कारण इस मार्ग पर चलने वाले दोपहिया वाहन चालक अक्सर गड्ढ़ों का शिकार होते रहते हैं. रोजाना चार-पांच दोपहिया वाहन चालक यहां गिरकर चोटिल होते हैं, हालांकि गनीमत है कि अभी तक कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ है.
पैचवर्क के नाम पर भी होती है खानापूर्ति
अधिकारियों की ओर से ठेकेदार को सड़क मरम्मत करने के आदेश तो दिए जाते हैं, लेकिन ठेकेदार भी अधिकारियों के आदेशों पर खानापूर्ति कर सड़क पर गिट्टी डाल आदेशों पर कार्रवाई कर देते हैं, लेकिन बाद में अधिकारी इस ओर ध्यान देना उचित नहीं समझते. इस सड़क पर पैचवर्क कर दिए जाते हैं, जो कुछ ही दिन में उखड़ जाते हैं और सड़क फिर से खस्ताहाल हो जाती है.
पहले भी दो पार्टों के बीच पिसता रहा है यह एक किलोमीटर
कुछ वर्ष पूर्व में भी यह एक किलोमीटर की सड़क दो पाटों के बीच पिसती रही है. नगर परिषद क्षेत्र में आने वाली इस सड़क पर न तो नगर परिषद ध्यान दे रही और न ही पीडब्ल्यूडी. करीब चार वर्ष पूर्व नगर परिषद की ओर से जिला प्रशासन की अनुमति से इस सड़क को 7 मीटर से चौड़ाकर 14 मीटर कर बीच में डिवाइडर बनाया गया था. तब से यह सड़क नगर परिषद के क्षेत्राधिकार में ही है. सड़क के परिषद के क्षेत्राधिकार में लिए जाने के बाद से पीडब्ल्यूडी ने इस सड़क से अपना पल्ला झाड़ रखा था. वहीं नगरपरिषद का इस पर कोई ध्यान नहीं है.