प्रतापगढ़. नवजात शिशुओं की सेहत दुरुस्त रखने के लिए सरकार ने एक और प्रयास किया है. अब डॉक्टर अपने वार्ड में भर्ती नवजात बच्चों के शरीर के तापमान की निगरानी अपने मोबाइल से भी कर सकेंगे. यदि उनके वार्ड में रेडिएंट वार्मर पर भर्ती बच्चे के शरीर का तापमान कम या ज्यादा हुआ तो डॉक्टर जहां पर है, वहीं से अपने स्टाफ को चिकित्सकीय सलाह दे सकेंगे.
जिला अस्पताल प्रतापगढ़ में इसकी शुरुआत भी कर दी गई है. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. वीके जैन ने बताया कि जिला अस्पताल में यूएनडीपी संस्था की तरफ से एसएनसीयू में रेडिएंट वार्मर में टेम्प लॉगर लगाए गए हैं. यह टेम्प लॉगर ऑनलाइन एप्लीकेशन के जरिए हेडसेट से कनेक्ट होंगे. आरसीएमएचओ डॉ. दीपक मीणा ने बताया कि टेम्प लॉगर एप्लीकेशन और उसकी बारे में सभी टेक्निकल जानकारी जिला अस्पताल के स्टाफ को दी गई. यह जानकारी टेम्प लॉगर लगाने वाली संस्था यूएनडीपी के प्रतिनिधि एसपीओ डॉक्टर सोनिका और पीओ मुदित माथुर ने दी.
इस दौरान डॉक्टर नंदलाल मीणा ने लॉगर की कार्यप्रणाली से शिशुओं की सेहत की ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए जरूरी और आवश्यक उपकरणों के बारे में भी बताया. जानकारी के अनुसार जिले के सभी कोल्ड चेन पॉइंट को पूर्व में ही ऑनलाइन किया जा चुका है. इससे टीकों के तापमान को ऑनलाइन ही मॉनिटर किया जा रहा है. गौरतलब है कि तापमान की कमी या अधिकता होने के कारण टिकों की गुणवत्ता प्रभावित होती थी. टेम्प लॉगर की सहायता से टीको की सोफी डी गुणवत्ता सुनिश्चित की जा रही है.
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वहीं नवजातों की मौत का एक बड़ा कारण हाइपर थर्मिया और हाइपो थर्मिया है. इस उपकरण की सहायता से रेडिएंट वार्मर को ऑनलाइन किया जा सकेगा. इससे उस पर भर्ती नवजात के शरीर का तापमान ऑनलाइन देखा जा सकेगा और जरूरी होने पर डॉक्टर कहीं से भी अपने स्टाफ को निर्देश दे सकेंगे. इससे शिशु मृत्यु दर कम करने में मदद मिलेगी.