प्रतापगढ़. जिले के सुहागपुरा पंचायत समिति के कचोटिया पंचायत के सकथल गांव स्थित प्राथमिक स्कूल में 15 जुलाई को एक साथ 23 बच्चों की तबीयत बिगड़ने की वजह आयरन की गोली नहीं थी. बच्चों की जांच रिपोर्ट में 10 बच्चों में डेंगू के लक्षण पाए गए (Symptoms of dengue found in 10 children) हैं. वहीं दो बच्चों में स्क्रब टायफस के लक्षण पाए गए हैं. अन्य में बुखार पाया गया है. इसके साथ ही 10 बच्चों में डेंगू की पुष्टि होने के बाद चिकित्सा विभाग सतर्क हो गया है. गांव में चिकित्सा टीम पहुंची. जहां जांच अभियान शुरू किया गया है. वहीं, चिकित्साधिकारी भी गांव में पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया.
जिला कलक्टर सौरभ स्वामी ने सोमवार को इस संबंध जानकारी देते हुए बताया कि परिजनों की ओर से आयरन की गोली से तबीयत बिगडने की प्राथमिक वजह बताई गई थी. जिसके बाद बच्चों के सैंपल जांच के लिए भिजवाए गए थे. जिसमें 10 बच्चों की जांच रिपोर्ट में डेंगू आईजीएम एलाइजा की रिपोर्ट पॉजिटिव थी. वहीं, दो बच्चों में स्क्रब टायफस भी पॉजिटिव मिला. इसके बाद जिला कलेक्टर सौरभ स्वामी ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ वीडी मीना को क्षेत्र में मच्छरजनित रोगों के बचाव के लिए अभियान को तेज करने के निर्देश दिए. इस पर वे चिकित्सकों की टीम के साथ सकथल गांव पहुंचे. सीएमएचओ डॉ. वीडी मीना ने बताया कि प्रभावित स्थान पर उनकी टीम युद्ध स्तर पर जुटी हुई है. वहीं एंटी लार्वारल एक्टीविटीए, सोर्स रिडक्शन का कार्य किया जा रहा है.
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चिकित्सा और शिक्षा विभाग को निर्देश: कलेक्टर ने विद्यालयों में भी पानी एकत्रित नहीं होने देने, टंकियों की साफ, सफाई, पुराने के कबाड़ और भंगार को तत्काल हटवाने के निर्देश मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी को दिए. उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कहा कि प्रत्येक विद्यालय में मौसमी बीमारियों के जागरूकता का एक सेंशन जरूर लिया जाएं. इसी के साथ पशुपालन विभाग के अधिकारियों को स्क्रब टॉयफस नियंत्रण के लिए गतिविधियां आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं.
सघन डेंगूरोधी अभियान शुरू : सीएमएचओ ने क्षेत्र में एंटी लार्वारल गतिविधियों को युद्ध स्तर पर आयोजित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि बारिश और तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण मच्छरों के लिए यह समय मुफीद है. ऐसे में मच्छरजनित रोग फैलने की संभावना ज्यादा रहती है. उन्होंने बताया कि 18 जुलाई से 25 जुलाई तक सघन डेंगू रोधी अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें घरों और आस-पास सोर्स रिडक्शन, पानी के पात्रों को खाली करवाने और एंटी लार्वारल गतिविधियां आयेाजित करने के निर्देश दिए. इसी के साथ सभी बीसीएमओ को मौसमी और मच्छरजनित बीमारियों से निपटने के लिए अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि हमारा अभियान न सिर्फ एंटी लार्वारल गतिविधियों के लिए होना चाहिए, बल्कि आमजन को जागरूक किया जाना भी मुख्य उद्देश्य है.