प्रतापगढ़. कोरोना की दूसरी लहर में जिले के मरीजों और परिजनों को आवश्यक संसाधन के लिए काफी परेशान होना पड़ा है. ऐसे में अब जिला चिकित्सालय ने कोरोना उपचार के लिए खुद को तैयार कर लिया है. जिसमें ऑक्सीजन उत्पादन, सिलेंडर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, वेंटिलेटर, मानव संसाधनों की आपूर्ति की गई है. जिससे आगामी दिनों में कोरोना के उपचार को लेकर काफी राहत मिलेगी.
गौरतलब है कि कोराना की दूसरी लहर ने कई लोगों को अपनी चपेट में लिया है. ऐसे में मरीजों को भर्ती कराने पर चिकित्सालयों में कई समस्याओं का सामना करना पड़ा. कभी बेड नहीं तो कभी ऑक्सीजन की कमी, कभी चिकित्साकर्मियों की कमी से मरीजों और परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. इसे देखते हुए जहां सरकार की ओर से आवश्यक संसाधनों की कमी को पूरी की है. वहीं भामाशाहों ने भी दान देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. इसी का परिणाम है कि चिकित्सालयों में संसाधनों की कमी पूरी हो गई है. एक तरह से हम कह सकते है कि चिकित्सालय आत्मनिर्भर बनते जा रहे है.
बढ़ाया ऑक्सीजन का उत्पादन
जिला चिकित्सालय में 30 सिलेंडर की ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा था. कमी होने पर यहां प्रथम चरण में सरकार की ओर से 60 सिलेंडर के उत्पादन का प्लांट स्वीकृत किया गया. इसका कार्य अभी चल रहा है. वहीं चार सौ और डेढ़ सौ सिलेंडर के दो प्लांट और स्वीकृत किए गए है.
बढ़े डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ
कोरोना में मरीजों का उपचार करने के दौरान चिकित्साकर्मियों की कमी काफी खली है. इस पर यहां गत दिनों 40 नर्सिंग स्टाफ और 10 चिकित्सक भी बढ़ाए गए है. जिससे अब आगामी दिनों में काफी सुविधा रहेगी.
बेड और मशीनें बढ़ाई
यहां जिला चिकित्सालय में बेड और अन्य मशीनों की सुविधाओं में विस्तार किया गया है. जिसमें 40 बेड और नए तैयार किए गए है. वहीं पहले 125 बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा थी. इसे बढ़ाकर दो सौ कर दी गई है. इसके साथ ही सरकार और भामाशाहों ने मिलाकर सिलेंडर की संख्या सवा पांच सौ तक कर दी गई है. इसके साथ ही ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी पहले 14 ही थे, जो अब 70 हो गए है.