प्रतापगढ़. जिले सहित आसपास के इलाकों में सुबह से ही बरसात हो रही है. जिससे आम जनजीवन प्रभावित हुआ है. एक ओर तो फसलों के लिए यह बरसात अमृत मानी जाती है. मावठ की इस बरसात से गेहूं, चना और अफीम की फसलों को काफी फायदा होता है. वहीं दूसरी ओर शहर में चल रहे विवाह समारोह के आयोजनों में इस बारिश ने खलल पैदा किया है. जिसके करण लोग घरों में दुबकने को मजबूर हैं.
सुबह 4 बजे से प्रतापगढ़ शहर और आसपास के इलाकों में मावठ का दौर जारी है. अलसुबह से शुरू हुई बारिश दिन में भी रुक-रुक कर होती रही. टांडा, कुलमीपुरा, सिद्धपुरा, धमोतर आदि कई इलाकों में कभी रिमझिम तो कभी तेज बरसात हो रही है. इस पर किसान मांगीलाल ने बताया कि रबी की फसलों के लिए मावठ काफी फायदेमंद है. इस समय गेहूं, चना और अफीम की फसलों को पानी की काफी आवश्यकता होती है, जो इस मावठ से पूरी हो रही है. दूसरी ओर विवाह समारोह के आयोजनों पर इस बारिश ने खलल डाला है. जिससे लोगों की परेशानियां बढ़ी है.
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मावठ की बारिश सिंचाई से मिलेगी मुक्ति
कृषि विशेषज्ञ डॉ. योगेश कनोजिया ने बताया कि बारिश होना गेहूं की फसल के लिए बहुत अच्छा है. बारिश सभी इलाकों में समान होती हैं. जिससे किसानों को सिंचाई खर्च बचाने में भी मदद मिलेगी. वहीं तापमान में भी कमी आएगी. जिससे पाला पड़ने की संभावना कम होने से फसलों को नुकसान नहीं होगा. बारिश के बाद कोहरा अधिक नहीं होगा और जब कोहरा नहीं होता तो उत्पादन अधिक रहता है. वहीं यह बारिश सरसों की फसल के लिए भी अच्छी हैं. बरसात से फसलों के उत्पादन में फायदा इस लिए होगा कि बरसात के पानी के साथ नाइट्रोजन भी आता है. इससे किसानों को यूरिया खाद की आवश्यकता कम होगी. वहीं सिंचाई से भी मुक्ति मिलेगी.