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प्रतापगढ़ः धनेसरी कांड में 20 साल से फरार 2 आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

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Published : Mar 2, 2020, 11:54 PM IST

प्रतापगढ़ के हथुनिया थाना क्षेत्र के धनेसरी गांव में 20 साल पहले हुई हत्या और लूट के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. ये आरोपी एमपी में अपनी पहचान बदलकर अपने परिवार के साथ रह रहे थे.

robbery in Pratapgarh, प्रतापगढ़ न्यूज
धनेसरी कांड में 20 साल से फरार 2 आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

प्रतापगढ़. जिले के हथुनिया थाना इलाके के धनेसरी गांव में 20 साल पहले की गई हत्या और लूट के मामले में फरार चल रहे दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपी मध्य प्रदेश में पहचान छुपाकर अपने परिवार के साथ रह रहे थे.

धनेसरी कांड में 20 साल से फरार 2 आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

डीएसपी बेनीप्रसाद मीणा ने बताया कि 19 मार्च 2001 की रात में गांव धनेसरी में कंजर गिरोह ने हमला किया था. जिसमें दो दर्जन लोग हथियार लेकर आए थे. यहां रात को हमले में निर्भयराम कुमावत, चैनराम भांभी और प्रकाश मीणा की मौके पर ही हत्या कर दी गई थी. जबकि दो दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

इस दौरान गांव से 30 किलो अफीम, लाखों रुपये नकदी, आभूषण आदि लूट कर आरोपी ले गए थे. इस मामले में पुलिस ने झालावाड़ जिले के उन्हैल गांव के टोकड़ा गांव के कंजर गिरोह के 20 लोगों को गिरफ्तार किया था. जबकि चार लोग फरार चल रहे थे. एसपी पूजा अवाना ने बताया कि इस वारदात को अंजाम देने में गिरोह के सरगना टोकडा गांव के सोहनिया उर्फ प्यारा कंजर और चार अन्य को फांसी की सजा दी गई थी. जबकि अन्य लोगों को आजीवन कारावास की सजा हुई थी. जबकि वहीं के गोतिया उर्फ गोलिया कंजर, गुमानिया कंजर, रामसिंह कंजर, कोला उर्फ केलिया कंजर फरार चल रहे थे.

पढ़ें- भारतवर्ष के प्रथम निशान संघ की पदयात्रा रवाना, 7 मार्च को खाटू के मुख्य मंदिर पर चढ़ेगा निशान

पुलिस को सूचना मिली कि गत दिनों एमपी के तीन जिलों की पुलिस ने कुछ कंजरों को गिरफ्तार किया है. ऐसे में धनेसरी कांड के लोग एमपी के रतलाम जिले के ताल में हो सकते हैं. थाना प्रभारी मदनलाल खटीक और डिप्टी के वाहन चालक नरेन्द्रसिंह के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई. जिसमें सामने आया कि ताल इलाके में दो लोग अपने परिवारों के साथ नाम बदल कर खेतिहर मजदूरी कर रहे हैं. मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की गई. जिसमें दोनों ने अपनी पहचान झालावाड़ जिले के उन्हैल के टोकड़ा गांव के कंजर गुमानिया और गोतिया कंजर के रूप में बताई. दोनों ने इस कांड में शामिल होना कबूल किया.

इस मांमले में अभी भी दो और आरोपी फरार चल रहे हैं. दोनों ने अपनी पहचान बदल ली थी. थाना प्रभारी मदनलाल ने बताया कि गुमानिया ने अपना नाम तोफानसिंह रख लिया था. जो गांव करमाखेड़ी थाना ताल में रह रहा था. जबकि गोलिया ने अपना नाम बंटी रख लिया था. जो गांव लसुडिया में रह रहा था. दोनों ही आरोपी यहां अपने परिवार के साथ रहे थे. जो यहां खेत पर मजदूरी कर रहे थे. अपने राशन कार्ड, पहचान पत्र आदि भी यहां के बना लिए थे.

पढ़ें- भीलवाड़ा: अंतरराज्यीय वाहन चोरों का पर्दाफाश, 3 गिरफ्तार

पुलिस ने बताया कि कंजर गिरोह ने 19 मार्च 2001 को धनेसरी गांव में रैकी के बाद हत्या और लूट की वारदात को अंजाम दिया था. जिसमें गिरोह के लोग ट्रैक्टर और बाइकें लेकर रात को आए थे. इन लोगों ने धनेसरी गांव से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर शिवना नदी के पास वाहन खड़े किए. इसके बाद हथियार लेकर पैदल ही गांव पर धावा बोला था.

प्रतापगढ़. जिले के हथुनिया थाना इलाके के धनेसरी गांव में 20 साल पहले की गई हत्या और लूट के मामले में फरार चल रहे दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपी मध्य प्रदेश में पहचान छुपाकर अपने परिवार के साथ रह रहे थे.

धनेसरी कांड में 20 साल से फरार 2 आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

डीएसपी बेनीप्रसाद मीणा ने बताया कि 19 मार्च 2001 की रात में गांव धनेसरी में कंजर गिरोह ने हमला किया था. जिसमें दो दर्जन लोग हथियार लेकर आए थे. यहां रात को हमले में निर्भयराम कुमावत, चैनराम भांभी और प्रकाश मीणा की मौके पर ही हत्या कर दी गई थी. जबकि दो दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

इस दौरान गांव से 30 किलो अफीम, लाखों रुपये नकदी, आभूषण आदि लूट कर आरोपी ले गए थे. इस मामले में पुलिस ने झालावाड़ जिले के उन्हैल गांव के टोकड़ा गांव के कंजर गिरोह के 20 लोगों को गिरफ्तार किया था. जबकि चार लोग फरार चल रहे थे. एसपी पूजा अवाना ने बताया कि इस वारदात को अंजाम देने में गिरोह के सरगना टोकडा गांव के सोहनिया उर्फ प्यारा कंजर और चार अन्य को फांसी की सजा दी गई थी. जबकि अन्य लोगों को आजीवन कारावास की सजा हुई थी. जबकि वहीं के गोतिया उर्फ गोलिया कंजर, गुमानिया कंजर, रामसिंह कंजर, कोला उर्फ केलिया कंजर फरार चल रहे थे.

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पुलिस को सूचना मिली कि गत दिनों एमपी के तीन जिलों की पुलिस ने कुछ कंजरों को गिरफ्तार किया है. ऐसे में धनेसरी कांड के लोग एमपी के रतलाम जिले के ताल में हो सकते हैं. थाना प्रभारी मदनलाल खटीक और डिप्टी के वाहन चालक नरेन्द्रसिंह के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई. जिसमें सामने आया कि ताल इलाके में दो लोग अपने परिवारों के साथ नाम बदल कर खेतिहर मजदूरी कर रहे हैं. मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की गई. जिसमें दोनों ने अपनी पहचान झालावाड़ जिले के उन्हैल के टोकड़ा गांव के कंजर गुमानिया और गोतिया कंजर के रूप में बताई. दोनों ने इस कांड में शामिल होना कबूल किया.

इस मांमले में अभी भी दो और आरोपी फरार चल रहे हैं. दोनों ने अपनी पहचान बदल ली थी. थाना प्रभारी मदनलाल ने बताया कि गुमानिया ने अपना नाम तोफानसिंह रख लिया था. जो गांव करमाखेड़ी थाना ताल में रह रहा था. जबकि गोलिया ने अपना नाम बंटी रख लिया था. जो गांव लसुडिया में रह रहा था. दोनों ही आरोपी यहां अपने परिवार के साथ रहे थे. जो यहां खेत पर मजदूरी कर रहे थे. अपने राशन कार्ड, पहचान पत्र आदि भी यहां के बना लिए थे.

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पुलिस ने बताया कि कंजर गिरोह ने 19 मार्च 2001 को धनेसरी गांव में रैकी के बाद हत्या और लूट की वारदात को अंजाम दिया था. जिसमें गिरोह के लोग ट्रैक्टर और बाइकें लेकर रात को आए थे. इन लोगों ने धनेसरी गांव से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर शिवना नदी के पास वाहन खड़े किए. इसके बाद हथियार लेकर पैदल ही गांव पर धावा बोला था.

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