प्रतापगढ़. जिले के देवगढ़ इलाके के जोलर के जंगल में एक पैंथर मृत अवस्था में मिला. वन विभाग ने पैंथर के शव का पशुपालन विभाग की टीम से पोस्टमार्टम कराया. जिसमें पैंथर की मौत अन्य पैंथर के साथ हुई लड़ाई से होना का सामने आया. जिसके बाद इसका अंतिम संस्कार करा दिया गया है.
उपवन संरक्षक संग्राम सिंह कटियार ने बताया कि देवगढ़ क्षेत्रीय वन अधिकारी नरपत सिंह राठौड़ और कर्मचारी जोलर के जंगल में गश्त कर रहे थे. इस दौरान जंगल में एक स्थान पर पैंथर का शव मिला. उसके शरीर पर कई घाव थे. इस पर शव को देवगढ़ रेंज में लाया गया. यहां से शव को प्रतापगढ़ के करमदिया नर्सरी में रखा. जहां पशुपालन विभाग की टीम ने पोस्टमार्टम किया.
जिसमें सामने आया कि यह नर पैंथर था, जिसकी उम्र 6-7 वर्ष की है. इस पैंथर के शरीर पर कई घाव भी थे. पोस्टमार्टम में सामने आया कि इसकी अन्य पैंथर से संघर्ष के दौरान मौत हुई. इस पर पुलिस, प्रशासन और वन विभाग की टीम की मौजूदगी में पैंथर का अंतिम संस्कार कर दिया गया.
इस मौके पर पुलिस उप अधीक्षक, ग्राम पंचायत मनोहरगढ़ के सरपंच गोमालाल मीणा, वनपाल भूपेंद्रसिंह शक्तावत, उप निरीक्षक जवाहरलाल, पटवारी प्रभुलाल, पटवारी अंगुरबाला मीणा, पशुपालन विभाग से पशु चिकित्सक जय प्रकाश परतानी, डॉ. मुकेशचन्द्र मीणा, डॉ. गणेशलाल नायक, ग्राम विकास अधिकारी, वनरक्षक देवीलाल मीणा, ओमप्रकाश खटीक, अंकिता निनामा, वनकर्मी दलवीरसिंह, कालूलाल, शंभूलाल मौजूद थे.
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यह होती है वर्चस्व की जंग
अमुमन जंगल में रहने वाले पैंथर और अन्य शक्तिशाली वन्यजीवों का एक अपना इलाका होता है. जिस पर यहां के नर का अधिकार होता है. कई बार किसी नर के इलाके में अन्य नर प्रवेश कर लेता है. वहीं कइ बार इलाका बढ़ाने पर भी संघर्ष होता है. वहीं किसी मादा पर अपना अधिकार करने के लिए भी दो नरों में संघर्ष होता है.
इस प्रकार के संघर्ष में जो नर जीत जाता है, उसका संबंधित क्षेत्र और मादा पर अधिकार हो जाता है. ऐसे में कई बार संघर्ष इतना भयानक होता है कि एक नर की मौत तक हो जाती है. क्षेत्रीय वन अधिकारी नरपतसिंह राठौड़ ने बताया कि मौका स्थिति को देखकर यही अंदाज लगाया जा रहा है कि यहां दो नर पैंथर में खूनी संघर्ष हुआ. जिसमें एक की मौत हो गई.