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प्रतापगढ़ : 16 जून को होगी सीवरेज प्लांट मामले में अगली सुनवाई, प्रदूषण नियंत्रण मानकों के उल्लंघन का आरोप - pratapgarh news

प्रतापगढ़ में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के खिलाफ स्थानीय लोगों ने याचिका दाखिल की थी. जिसकी अगली सुनवाई 16 जून को होनी है. इसमें कहा गया है कि यह प्लांट प्रदूषण नियंत्रण के मानकों का उल्लंघन करता है.

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16 जून को होगी सीवरेज प्लांट मामले में अगली सुनवाई
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Published : Jun 15, 2021, 9:38 AM IST

Updated : Jun 15, 2021, 10:12 AM IST

प्रतापगढ़. शहर में सीवर लाइन के लिए लगाए जा रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) में प्रदूषण नियंत्रण के मानकों के उल्लंघन का आरोप लगा है. जिसे लेकर स्थानीय लोग लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. इस मामले में कुछ लोगों ने याचिका दाखिल की थी, जिसकी अगली सुनवाई 16 जून को होनी है.

दरअसल, सीवर लाइन के लिए लगाए जा रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को नियमों के अनुसार शहर की सीमा से पांच से दस किलोमीटर दूर बनाया जाना चाहिए. लेकिन यह दो किलोमीटर के दायरे में ही है.

पढ़ें: राम मंदिर निर्माण के लिए बोहरा समाज के लोग भी कर रहे हैं दान, प्रतापगढ़ में अब तक 3 करोड़ से अधिक राशि एकत्रित

साथ ही यह शहर की कुछ कॉलोनियों और दीपेश्वर महादेव मंदिर से 100 मीटर दूर भी नहीं है. ऐसे में मंदिर के श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों को इलाके में वायु प्रदूषण फैलने की आशंका है.

सिविल न्यायालय में यह याचिका धर्मराज सोनी, विश्वदीपसिंह राणावत निवासी बाणेश्वरी कॉलोनी, संजय सोनी निवासी इंदिरा कॉलोनी, मनसुख सोनी निवासी गोपालगंज, गजेन्द्र खत्री और मनीष रावल की ओर से दायर किया गया. वाद में जिला कलक्टर, नगर परिषद, स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक, तहसीलदार और सीवरलाइन डालने का काम करने वाली फर्म खिलाड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ दायर की है.

पढ़ें: प्रतापगढ़ में घर-घर औषधि योजना में 89 हजार परिवारों में बंटेंगे 7.74 लाख पौधे

याचिका में कहा गया है कि शहर में सीवर लाइन डाली जा रही है. इसके गंदे पानी को साफ करने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है. यह प्लांट शहर की बाणेश्वर कॉलोनी के पास और गोशाला के पीछे वाले हिस्से में एराव नदी के किनारे बनाया जा रहा है. इस प्लांट की दूरी बाणेश्वरी कॉलानी से मात्र 50 मीटर और दीपेश्वर मंदिर से मात्र सौ मीटर से भी कम है.

याचिका में आशंका जताई गई कि यह प्लांट बनने से बाणेश्वरी कॉलोनी, इंदिरा कॉलोनी सहित आसपास के क्षेत्र में बदबू आएगी. इससे जन स्वास्थ्य को हानि होगी. दूसरी ओर प्रस्तावित प्लांट के पास ही दीपेश्वर, गुप्तेश्वर महादेव और श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ जैसे सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थल है. दीपेश्वर महादेव मंदिर करीब 250 वर्ष पुराना है. यह प्रसिद्ध तपोभूमि है.

प्लांट लगाने के लिए मंदिर और नदी के पास के वर्षों पुराने आम व अन्य पेड़ काटे जा रहे हैं. इससे पर्यावरण संतुलन बिगडऩे का खतरा है. इसलिए अदालत इस प्लांट को रुकवाने के लिए पाबंद करे.

पढ़ें: प्रतापगढ़: अपर जिला न्यायाधीश ने किया बालिका आश्रय गृह का निरीक्षण

विधायक को भी दिया था ज्ञापन...

इस मामले में रविवार को स्थानीय निवासियों ने विधायक रामलाल मीणा को भी ज्ञापन दिया था. स्थानीय निवासियों ने प्लांट स्थल पर प्रदर्शन किया था. वहां विधायक रामलाल मीणा ने पहुंच कर इस प्लांट को शहर से दूर बनवाने का भरोसा दिलाया था.

इससे पहले जब प्लांट का काम शुरू हुआ तक पेड़ काटने को लेकर भी विवाद हुआ था. मंदिर ट्रस्ट के लोगों ने तब विरोध किया था. इसके बाद कंपनी ने सीएसआर प्रोजेक्ट के तहत दीपेश्वर महादेव मंदिर के विकास का भरोसा दिलाया था.

पढ़ें: Horoscope today 15 june 2021 राशिफल : वृषभ, कन्या, तुला, कुंभ और मीन राशि वालों के लिए अच्छा समय

रूडिप ने दिया पक्षकार बनाने का प्रार्थना पत्र...

गौरतलब है कि सीवर लाइन डालने का कार्य निजी फर्म खिलाड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कर रही है. इसकी देखरेख और फंडिंग का काम राजस्थान आधारभूत सरंचना विकास परियोजना (रूडिप) नामक सरकारी संस्था कर रही है.

इस बीच संस्था ने अपने अधिवक्ता अशोक राठौड़ के जरिए अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर इस मामले में रूडिप को भी पक्षकार बनाने का लेकर प्रार्थना पत्र दिया. इसमें कहा गया कि प्रतापगढ़ में सीवरलाइन का काम रूडिप करवा रही है. इसलिए अदालत इस वाद में कोई भी फैसला सुनाने से पहले रूडिप का भी पक्ष सुनें.

प्रतापगढ़. शहर में सीवर लाइन के लिए लगाए जा रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) में प्रदूषण नियंत्रण के मानकों के उल्लंघन का आरोप लगा है. जिसे लेकर स्थानीय लोग लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. इस मामले में कुछ लोगों ने याचिका दाखिल की थी, जिसकी अगली सुनवाई 16 जून को होनी है.

दरअसल, सीवर लाइन के लिए लगाए जा रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को नियमों के अनुसार शहर की सीमा से पांच से दस किलोमीटर दूर बनाया जाना चाहिए. लेकिन यह दो किलोमीटर के दायरे में ही है.

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साथ ही यह शहर की कुछ कॉलोनियों और दीपेश्वर महादेव मंदिर से 100 मीटर दूर भी नहीं है. ऐसे में मंदिर के श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों को इलाके में वायु प्रदूषण फैलने की आशंका है.

सिविल न्यायालय में यह याचिका धर्मराज सोनी, विश्वदीपसिंह राणावत निवासी बाणेश्वरी कॉलोनी, संजय सोनी निवासी इंदिरा कॉलोनी, मनसुख सोनी निवासी गोपालगंज, गजेन्द्र खत्री और मनीष रावल की ओर से दायर किया गया. वाद में जिला कलक्टर, नगर परिषद, स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक, तहसीलदार और सीवरलाइन डालने का काम करने वाली फर्म खिलाड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ दायर की है.

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याचिका में कहा गया है कि शहर में सीवर लाइन डाली जा रही है. इसके गंदे पानी को साफ करने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है. यह प्लांट शहर की बाणेश्वर कॉलोनी के पास और गोशाला के पीछे वाले हिस्से में एराव नदी के किनारे बनाया जा रहा है. इस प्लांट की दूरी बाणेश्वरी कॉलानी से मात्र 50 मीटर और दीपेश्वर मंदिर से मात्र सौ मीटर से भी कम है.

याचिका में आशंका जताई गई कि यह प्लांट बनने से बाणेश्वरी कॉलोनी, इंदिरा कॉलोनी सहित आसपास के क्षेत्र में बदबू आएगी. इससे जन स्वास्थ्य को हानि होगी. दूसरी ओर प्रस्तावित प्लांट के पास ही दीपेश्वर, गुप्तेश्वर महादेव और श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ जैसे सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थल है. दीपेश्वर महादेव मंदिर करीब 250 वर्ष पुराना है. यह प्रसिद्ध तपोभूमि है.

प्लांट लगाने के लिए मंदिर और नदी के पास के वर्षों पुराने आम व अन्य पेड़ काटे जा रहे हैं. इससे पर्यावरण संतुलन बिगडऩे का खतरा है. इसलिए अदालत इस प्लांट को रुकवाने के लिए पाबंद करे.

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विधायक को भी दिया था ज्ञापन...

इस मामले में रविवार को स्थानीय निवासियों ने विधायक रामलाल मीणा को भी ज्ञापन दिया था. स्थानीय निवासियों ने प्लांट स्थल पर प्रदर्शन किया था. वहां विधायक रामलाल मीणा ने पहुंच कर इस प्लांट को शहर से दूर बनवाने का भरोसा दिलाया था.

इससे पहले जब प्लांट का काम शुरू हुआ तक पेड़ काटने को लेकर भी विवाद हुआ था. मंदिर ट्रस्ट के लोगों ने तब विरोध किया था. इसके बाद कंपनी ने सीएसआर प्रोजेक्ट के तहत दीपेश्वर महादेव मंदिर के विकास का भरोसा दिलाया था.

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रूडिप ने दिया पक्षकार बनाने का प्रार्थना पत्र...

गौरतलब है कि सीवर लाइन डालने का कार्य निजी फर्म खिलाड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कर रही है. इसकी देखरेख और फंडिंग का काम राजस्थान आधारभूत सरंचना विकास परियोजना (रूडिप) नामक सरकारी संस्था कर रही है.

इस बीच संस्था ने अपने अधिवक्ता अशोक राठौड़ के जरिए अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर इस मामले में रूडिप को भी पक्षकार बनाने का लेकर प्रार्थना पत्र दिया. इसमें कहा गया कि प्रतापगढ़ में सीवरलाइन का काम रूडिप करवा रही है. इसलिए अदालत इस वाद में कोई भी फैसला सुनाने से पहले रूडिप का भी पक्ष सुनें.

Last Updated : Jun 15, 2021, 10:12 AM IST
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