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प्रतापगढ़ में घर-घर औषधि योजना में 89 हजार परिवारों में बंटेंगे 7.74 लाख पौधे - ayurvedic medicine

प्रतापगढ़ में घर-घर औषधि योजना के तहत प्रत्येक परिवार को 8-8 औषधीय पौधे नि:शुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे. ये पौधे लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के काम आएंगे.

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घर-घर औषधि योजना की समीक्षा बैठक
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Published : Jun 9, 2021, 12:06 PM IST

प्रतापगढ़. घर-घर औषधि योजना के तहत जिले के 89 हजार 117 परिवारों को 22 नर्सरियों के माध्यम से विभिन्न औषधीय प्रजातियों के पौधे वितरित किये जाएंगे.इसके लिए जिले की विभिन्न नर्सरियों में 7 लाख 84 हजार 203 पौधे तैयार किये जा रहे हैं. जिला कलक्टर रेणु जयपाल (District Collector Renu Jaipal) की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित जिला टास्क फोर्स की बैठक में विभिन्न विभागों एवं आमजन को औषधीय एवं विभिन्न प्रजाति के पौधे वितरण को लेकर समीक्षा की गई. ये चार औषधीय पौधे तुलसी, कालमेघ, अश्वगंधा और गिलोय (गुडूची) हैं.

जिला कलक्टर ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों से औषधीय पौधों को घर-घर में लगाने के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए. उन्होंने औषधीय पौधों को लगाने के उपरांत उसकी देखभाल करने सहित उसकी उपयोगिता के बारे में भी जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि औषधीय पौधे वितरण करने व लगाने के लिए लोगों में जागृति पैदा करने व वितरण में भी सभी विभागों व संस्थाओं का सहयोग जरूरी है. उन्होंने जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, विद्यालयों, राजकीय कार्यालयों, राजकीय छात्रावासों में भी पौधे लगाने के लिए जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए. जिला कलेक्टर ने 4 औषधीय पौधों की उपयोगिता व किस प्रकार उनके सेवन करने और लोगों में जन जागरूकता का माहौल तैयार करने के पैम्पलेट प्रकाशन करने के निर्देश भी आयुर्वेद विभाग के अधिकारी को दिए.

यह भी पढे़ं: आयुर्वेद चिकित्सक फोन पर देंगे सलाह, कलेक्टर की पहल पर जारी हुई हेल्प लाइन

उपवन संरक्षक सुनील कुमार ने बैठक में बताया कि जिले में चार औषधिय पौधे तुलसी, कालमेघ, अश्वगंधा, गिलोय (गुडूची) के आगामी पांच वर्षों में सभी परिवारो को तीन-तीन बार बांटे जाएंगे. सभी परिवारों को 8-8 औषधीय पौधे नि:शुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे. उन्होंने बताया कि ये पौधे लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के काम आएंगे. उपवन संरक्षक ने बताया कि प्रतापगढ़ जिले में 22 नर्सरी में 7 लाख 84 हजार 230 पौधों का लक्ष्य रखा गया है. जिनमें से 89 हजार 117 परिवारों को लाभान्वित किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि औषधीय पौधे वितरण व आम लोगों को जागरूक करने के लिए पंचायतराज विभाग, शिक्षा विभाग,आयुर्वेद विभाग, कृषि विभाग, जनजाति विभाग, स्काउट व गाइड व संस्थाओं, सहित अन्य राजकीय विभागों और जिला स्तरीय अधिकारियों का सहयोग लिया जाएगा. सहायक उपवन संरक्षक आशीष व्यास ने बताया कि वनमहोत्सव के दौरान जन-जन औषधी योजना के तहत पौधे वितरण अभियान चलाया जाएगा. बैठक के उपरांत मनरेगा के तहत तैयार किए जा रहे 4.52 लाख पौधों को मानसून सत्र के दौरान मनरेगा योजना के तहत लगाने के निर्देश भी दिए. बैठक में अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक चिरंजीलाल, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिनेश कुमार, मंडोवरा आयुर्वेद विभाग के मुकेश कुमार शर्मा, रैंजर धारासिंह, विकास अधिकारी, मनरेगा अधीक्षण अभियंता सहित जिला स्तरीय अधिकारी व कर्मचारी थे.

प्रतापगढ़. घर-घर औषधि योजना के तहत जिले के 89 हजार 117 परिवारों को 22 नर्सरियों के माध्यम से विभिन्न औषधीय प्रजातियों के पौधे वितरित किये जाएंगे.इसके लिए जिले की विभिन्न नर्सरियों में 7 लाख 84 हजार 203 पौधे तैयार किये जा रहे हैं. जिला कलक्टर रेणु जयपाल (District Collector Renu Jaipal) की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित जिला टास्क फोर्स की बैठक में विभिन्न विभागों एवं आमजन को औषधीय एवं विभिन्न प्रजाति के पौधे वितरण को लेकर समीक्षा की गई. ये चार औषधीय पौधे तुलसी, कालमेघ, अश्वगंधा और गिलोय (गुडूची) हैं.

जिला कलक्टर ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों से औषधीय पौधों को घर-घर में लगाने के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए. उन्होंने औषधीय पौधों को लगाने के उपरांत उसकी देखभाल करने सहित उसकी उपयोगिता के बारे में भी जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि औषधीय पौधे वितरण करने व लगाने के लिए लोगों में जागृति पैदा करने व वितरण में भी सभी विभागों व संस्थाओं का सहयोग जरूरी है. उन्होंने जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, विद्यालयों, राजकीय कार्यालयों, राजकीय छात्रावासों में भी पौधे लगाने के लिए जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए. जिला कलेक्टर ने 4 औषधीय पौधों की उपयोगिता व किस प्रकार उनके सेवन करने और लोगों में जन जागरूकता का माहौल तैयार करने के पैम्पलेट प्रकाशन करने के निर्देश भी आयुर्वेद विभाग के अधिकारी को दिए.

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उपवन संरक्षक सुनील कुमार ने बैठक में बताया कि जिले में चार औषधिय पौधे तुलसी, कालमेघ, अश्वगंधा, गिलोय (गुडूची) के आगामी पांच वर्षों में सभी परिवारो को तीन-तीन बार बांटे जाएंगे. सभी परिवारों को 8-8 औषधीय पौधे नि:शुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे. उन्होंने बताया कि ये पौधे लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के काम आएंगे. उपवन संरक्षक ने बताया कि प्रतापगढ़ जिले में 22 नर्सरी में 7 लाख 84 हजार 230 पौधों का लक्ष्य रखा गया है. जिनमें से 89 हजार 117 परिवारों को लाभान्वित किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि औषधीय पौधे वितरण व आम लोगों को जागरूक करने के लिए पंचायतराज विभाग, शिक्षा विभाग,आयुर्वेद विभाग, कृषि विभाग, जनजाति विभाग, स्काउट व गाइड व संस्थाओं, सहित अन्य राजकीय विभागों और जिला स्तरीय अधिकारियों का सहयोग लिया जाएगा. सहायक उपवन संरक्षक आशीष व्यास ने बताया कि वनमहोत्सव के दौरान जन-जन औषधी योजना के तहत पौधे वितरण अभियान चलाया जाएगा. बैठक के उपरांत मनरेगा के तहत तैयार किए जा रहे 4.52 लाख पौधों को मानसून सत्र के दौरान मनरेगा योजना के तहत लगाने के निर्देश भी दिए. बैठक में अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक चिरंजीलाल, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिनेश कुमार, मंडोवरा आयुर्वेद विभाग के मुकेश कुमार शर्मा, रैंजर धारासिंह, विकास अधिकारी, मनरेगा अधीक्षण अभियंता सहित जिला स्तरीय अधिकारी व कर्मचारी थे.

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