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सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने का विरोध, प्रतापगढ़ रहा बंद, झालावाड़ में निकला मौन जुलूस - ETV Bharat Rajasthan news

सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में जैन समाज ने प्रतापगढ़ बंद का आह्वान (Jain samaj Pratapgarh Band) किया गया. स्थानीय किला परिसर से रैली निकाल कर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और झारखंड सरकार के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया. वहीं झालावाड़ में भी मौन जुलूस निकालकर निर्णय का विरोध किया गया. उन्होंने सम्मेद शिखरजी जैन तीर्थ को पर्यटन स्थल घोषित नहीं करने की मांग की.

Pratapgarh Band as a protest
Pratapgarh Band as a protest
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Published : Dec 21, 2022, 3:52 PM IST

प्रतापगढ़. जैन धर्म के 20 तीर्थंकरों की निर्वाण भूमि तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के झारखंड सरकार के निर्णय के विरोध (Jain samaj Pratapgarh Band) में बुधवार को भारत बंद का आह्वान सकल जैन समाज की ओर से किया गया है. इसी क्रम में बुधवार को प्रतापगढ़ जिले में भी बंद का आह्वान किया गया. गिरनारजी महातीर्थ और शत्रुंजय महातीर्थ पर हो रहे अतिक्रमण के विरोध में सकल जैन समाज ने सभी व्यापारियों से आह्वान किया कि वे अपने प्रतिष्ठान बंद कर सहयोग करें.

शहर में सर्व समाज ने बंद का समर्थन किया. जिले की कृषि उपज मंडियां भी आज (Jain Samaj Protest in Pratapgarh) बंद हैं. सुबह से ही सर्व समाज के लोग रैली के रूप में शहर में घूम कर दुकानदारों से दुकान बंद रखने की अपील कर रहे हैं. स्थानीय किला परिसर से रैली निकाल कर गांधी चौराहे पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और झारखंड सरकार के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया.

पढ़ें. सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने से नाराज जैन समाज उतरा सड़कों पर, निकाला मौन जुलूस

कृषि उपज मंडी सचिव मदनलाल गुर्जर ने बताया कि मंडी व्यापार मंडल के व्यापारियों ने इस (Sammed Shikharji Tirth into a tourist spot) संबंध में ज्ञापन दिया है. इसमें बताया कि सकल जैन समाज के प्रमुख तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी को झारखंड सरकार व केंद्र सरकार की ओर से पर्यटक स्थल घोषित किया जा रहा है. इसके विरोध में संपूर्ण भारत के जैन समाज ने बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया है. ऐसे में प्रतापगढ़, छोटीसादड़ी, अरनोद मंडियों में भी क्रय-विक्रय नहीं होगा.

झालावाड़ में भी निकाला गया मौन जुलूस : झालावाड़ में जैन समाज के लोगों ने शहर में मौन जुलूस निकालकर प्रधानमंत्री व झारखंड के मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान जैन समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि जैन समाज ने आज तक सरकार से न मंदिर के लिए जमीन मांगी, न किसी प्रकार से सरकार से कोई स्थान मांगा है. ऐसे में जैन समाज केवल स्थल की पवित्रता बनाए रखने की मांग करता है. उन्होंने सम्मेद शिखरजी जैन तीर्थ को पर्यटन स्थल घोषित नहीं करने की मांग की.

प्रतापगढ़. जैन धर्म के 20 तीर्थंकरों की निर्वाण भूमि तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के झारखंड सरकार के निर्णय के विरोध (Jain samaj Pratapgarh Band) में बुधवार को भारत बंद का आह्वान सकल जैन समाज की ओर से किया गया है. इसी क्रम में बुधवार को प्रतापगढ़ जिले में भी बंद का आह्वान किया गया. गिरनारजी महातीर्थ और शत्रुंजय महातीर्थ पर हो रहे अतिक्रमण के विरोध में सकल जैन समाज ने सभी व्यापारियों से आह्वान किया कि वे अपने प्रतिष्ठान बंद कर सहयोग करें.

शहर में सर्व समाज ने बंद का समर्थन किया. जिले की कृषि उपज मंडियां भी आज (Jain Samaj Protest in Pratapgarh) बंद हैं. सुबह से ही सर्व समाज के लोग रैली के रूप में शहर में घूम कर दुकानदारों से दुकान बंद रखने की अपील कर रहे हैं. स्थानीय किला परिसर से रैली निकाल कर गांधी चौराहे पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और झारखंड सरकार के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया.

पढ़ें. सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने से नाराज जैन समाज उतरा सड़कों पर, निकाला मौन जुलूस

कृषि उपज मंडी सचिव मदनलाल गुर्जर ने बताया कि मंडी व्यापार मंडल के व्यापारियों ने इस (Sammed Shikharji Tirth into a tourist spot) संबंध में ज्ञापन दिया है. इसमें बताया कि सकल जैन समाज के प्रमुख तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी को झारखंड सरकार व केंद्र सरकार की ओर से पर्यटक स्थल घोषित किया जा रहा है. इसके विरोध में संपूर्ण भारत के जैन समाज ने बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया है. ऐसे में प्रतापगढ़, छोटीसादड़ी, अरनोद मंडियों में भी क्रय-विक्रय नहीं होगा.

झालावाड़ में भी निकाला गया मौन जुलूस : झालावाड़ में जैन समाज के लोगों ने शहर में मौन जुलूस निकालकर प्रधानमंत्री व झारखंड के मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान जैन समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि जैन समाज ने आज तक सरकार से न मंदिर के लिए जमीन मांगी, न किसी प्रकार से सरकार से कोई स्थान मांगा है. ऐसे में जैन समाज केवल स्थल की पवित्रता बनाए रखने की मांग करता है. उन्होंने सम्मेद शिखरजी जैन तीर्थ को पर्यटन स्थल घोषित नहीं करने की मांग की.

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