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Gangaur Festival 2023: ढोल नगाड़ों के साथ निकली ईसर गणगौर की सवारी, सोलह श्रृंगार में नजर आईं महिलाएं

प्रतापगढ़ में शुक्रवार को महिलाएं सोलह श्रृंगार कर ईसर पार्वती की पूजा की. इसके बाद वो सावरी में शामिल हुईं. इस दौरान महिलाएं गीत गाते नजर (Isar Gangaur ride came out in Pratapgarh) आईं.

Isar Gangaur ride came out in Pratapgarh
Isar Gangaur ride came out in Pratapgarh
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Published : Mar 24, 2023, 9:10 PM IST

प्रतापगढ़. गणगौर का पर्व शुक्रवार को बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया. सुहागन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर ईसर पार्वती की पूजा की. वहीं, व्रत उद्यापन के साथ ही ईसर गणगौर की सवारी निकाली गई. इस दौरान विभिन्न समाज की महिलाओं की ओर से अलग-अलग आयोजन किए गए. शहर के प्रसिद्ध रघुनाथ मंदिर में सुबह से ही महिलाएं सोलह श्रृंगार कर ईसर पार्वती की पूजा करने पहुंची.

दरअसल, विवाहित महिलाएं सुहाग की लंबी उम्र और कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की कामना को लेकर गणगौर का व्रत करती हैं. इस दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की कुमकुम, चावल, हल्दी, मेहंदी, गुलाल, अबीर आदि से पूजा की जाती है. व्रती आशा पालीवाल ने बताया कि भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित यह त्यौहर होली से शुरू होकर 16 दिनों तक चलता है. वहीं, तीज पर इसका उद्यापन होता है.

इसे भी पढ़ें - Gangaur Festival 2023: अखंड सुहाग के लिए सुहागिनों ने पूजी गणगौर, शाही लवाजमे के साथ निकलेगी माता की सवारी

उन्होंने बताया कि इस दौरान महिलाएं 16 दिनों तक सोलह श्रृंगार कर परिवार में सुख समृद्धि की कामना करती हैं. व्रती पालीवाल ने बताया कि शुक्रवार को व्रत का उद्यापन करने के साथ ही ईसर गणगौर की सवारी निकाली गई. इस दौरान देवी को प्रसन्न करने के लिए महिलाओं ने गीत गाए.

स्वर्णकार समाज की महिलाओं ने निकाला जुलूस - गणगौर पर्व पर स्वर्णकार समाज की महिलाओं ने गणगौर का जुलूस निकाला. जुलूस नजरबाग के पास सत्यनारायण मंदिर से शाम को बैंड बाजों के साथ शुरू हुआ. यह जुलूस माणक चौक, लोहार गली, गोपालगंज, सूरजपोल चौराहा, नगर परिषद की परिक्रमा करके सदर बाजार होते हुए पुन: सत्यनारायण मंदिर पहुंचा. जिसमें महिलाएं गणगौरजी की सवारी को सिर पर उठाकर चल रही थी. वहीं, जुलूस के सत्यनारायण मंदिर पहुंचने पर आरती उतारी गई व प्रसाद वितरित की गई.

प्रतापगढ़. गणगौर का पर्व शुक्रवार को बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया. सुहागन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर ईसर पार्वती की पूजा की. वहीं, व्रत उद्यापन के साथ ही ईसर गणगौर की सवारी निकाली गई. इस दौरान विभिन्न समाज की महिलाओं की ओर से अलग-अलग आयोजन किए गए. शहर के प्रसिद्ध रघुनाथ मंदिर में सुबह से ही महिलाएं सोलह श्रृंगार कर ईसर पार्वती की पूजा करने पहुंची.

दरअसल, विवाहित महिलाएं सुहाग की लंबी उम्र और कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की कामना को लेकर गणगौर का व्रत करती हैं. इस दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की कुमकुम, चावल, हल्दी, मेहंदी, गुलाल, अबीर आदि से पूजा की जाती है. व्रती आशा पालीवाल ने बताया कि भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित यह त्यौहर होली से शुरू होकर 16 दिनों तक चलता है. वहीं, तीज पर इसका उद्यापन होता है.

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उन्होंने बताया कि इस दौरान महिलाएं 16 दिनों तक सोलह श्रृंगार कर परिवार में सुख समृद्धि की कामना करती हैं. व्रती पालीवाल ने बताया कि शुक्रवार को व्रत का उद्यापन करने के साथ ही ईसर गणगौर की सवारी निकाली गई. इस दौरान देवी को प्रसन्न करने के लिए महिलाओं ने गीत गाए.

स्वर्णकार समाज की महिलाओं ने निकाला जुलूस - गणगौर पर्व पर स्वर्णकार समाज की महिलाओं ने गणगौर का जुलूस निकाला. जुलूस नजरबाग के पास सत्यनारायण मंदिर से शाम को बैंड बाजों के साथ शुरू हुआ. यह जुलूस माणक चौक, लोहार गली, गोपालगंज, सूरजपोल चौराहा, नगर परिषद की परिक्रमा करके सदर बाजार होते हुए पुन: सत्यनारायण मंदिर पहुंचा. जिसमें महिलाएं गणगौरजी की सवारी को सिर पर उठाकर चल रही थी. वहीं, जुलूस के सत्यनारायण मंदिर पहुंचने पर आरती उतारी गई व प्रसाद वितरित की गई.

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