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बुरी आत्माओं के प्रकोप और निरोगी रहने के लिए मनाया जाता है ढूंढोत्सव, नवजात बच्चों के साथ परिजन लगाते हैं होली की परिक्रमा

प्रतापगढ़ में सोमवार को ढूंढोत्सव का पर्व बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया. इस दौरान ढोल धमाकों के साथ छोटे-छोटे बच्चों को होलिका दहन स्थल पर ले जाकर परिजन परिक्रमा करवा रहे हैं. होली के दूसरे दिन विभिन्न समाजों की ओर से इस तरह के आयोजन किए जाते हैं.

प्रतापगढ़ में ढूंढोत्सव का पर्व, Latest hindi news of pratapgarh
प्रतापगढ़ में मनाया गया ढूंढोत्सव
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Published : Mar 29, 2021, 3:57 PM IST

प्रतापगढ़. जिले में सोमवार को ढूंढोत्सव का पर्व बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. ढोल धमाकों के साथ छोटे-छोटे बच्चों को होलिका दहन स्थल पर ले जाकर परिजन परिक्रमा करवा रहे हैं. होली के दूसरे दिन विभिन्न समाजों की ओर से इस तरह के आयोजन किए जाते हैं.

प्रतापगढ़ में मनाया गया ढूंढोत्सव

प्रतापगढ़ में बेटे बेटियों के जन्म के बाद पहली होली पर ढूंढ का ये उत्सव मनाया जाता है. इस दौरान ढोल ढमाकों के साथ परिवार और समाज के लोग 1 वर्ष से कम उम्र के बच्चे बच्चियों को लेकर होलिका दहन स्थल पर पहुंचते हैं. यहां पर झ्नको होलिका दहन स्थल की परिक्रमा करवाई जाती है.

पढ़ें- SPECIAL : पलाश के फूलों से बने हर्बल रंगों से रंगतेरस खेलते हैं आदिवासी....प्रतापगढ़ में बरसते हैं प्राकृतिक रंग

पालीवाल समाज के अध्यक्ष लोकेंद्र पालीवाल ने बताया कि ऐसा करने से बच्चों पर बुरी आत्माओं का प्रकोप नहीं रहता है और बच्चा हमेशा स्वस्थ और निरोगी रहता है. प्रतापगढ़ जिले में बरसों से इस तरह की परंपरा का निर्वहन किया जाता है. समाज के लोग भी इस दौरान खुशी के इस प्रसंग में शामिल होते हैं.

प्रतापगढ़. जिले में सोमवार को ढूंढोत्सव का पर्व बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. ढोल धमाकों के साथ छोटे-छोटे बच्चों को होलिका दहन स्थल पर ले जाकर परिजन परिक्रमा करवा रहे हैं. होली के दूसरे दिन विभिन्न समाजों की ओर से इस तरह के आयोजन किए जाते हैं.

प्रतापगढ़ में मनाया गया ढूंढोत्सव

प्रतापगढ़ में बेटे बेटियों के जन्म के बाद पहली होली पर ढूंढ का ये उत्सव मनाया जाता है. इस दौरान ढोल ढमाकों के साथ परिवार और समाज के लोग 1 वर्ष से कम उम्र के बच्चे बच्चियों को लेकर होलिका दहन स्थल पर पहुंचते हैं. यहां पर झ्नको होलिका दहन स्थल की परिक्रमा करवाई जाती है.

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पालीवाल समाज के अध्यक्ष लोकेंद्र पालीवाल ने बताया कि ऐसा करने से बच्चों पर बुरी आत्माओं का प्रकोप नहीं रहता है और बच्चा हमेशा स्वस्थ और निरोगी रहता है. प्रतापगढ़ जिले में बरसों से इस तरह की परंपरा का निर्वहन किया जाता है. समाज के लोग भी इस दौरान खुशी के इस प्रसंग में शामिल होते हैं.

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