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प्रतापगढ़: किसानों के सामने खाद-बीज का संकट, बाजार बंद होने से बढ़ने लगी चिंताएं

कोरोना के चलते प्रदेश में लॉकडाउन लागू है. हालांकि, अब लॉकडाउन में कुछ छूट दे दी गई है. लेकिन हालात में मामूली सुधार होते नजर आ रहे हैं. ऐसे में धरतीपुत्रों को अब अपनी खेती की चिंता सताने लगी है. खाद, बीज और पानी समय पर न उपलब्ध होने से किसानों के सामने समस्याएं खड़ी हो सकती हैं.

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किसानों के सामने खाद-बीज का संकट
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Published : Jun 1, 2021, 3:20 PM IST

प्रतापगढ़. पिछले डेढ़ महीने से जहां लॉकडाउन लगा हुआ है. इस दौरान बाजार बंद है और दूसरी ओर किसानों के पास खाद-बीज की सुविधा भी नहीं है. मानसून भी एक पखवाड़े बाद आने को है. जिससे किसानों को चिंता सता रही है कि खाद-बीज समय पर उपलब्ध नहीं हो पाएंगे. जिससे बुवाई पर संकट खड़ा हो जाएगा.

किसानों ने बाजार में कृषि खाद्यान्नों की दुकानें समय पर खुलवाने की गुहार सरकार से लगाई है. इस समय लॉकडाउन के कारण बाजार बंद है और आवाजाही पर रोक है. हालात यह है कि किसानों को आगामी एक पखवाड़े बाद आने वाले मानसून में खरीफ में बुवाई की चिंता सता रही है. गत वर्ष सोयाबीन की फसल खराब हो गई थी. ऐसे में कई किसानों के पास बीज भी नहीं है. इसे देखते हुए अब किसान चिंतित हैं.

दोगुना हुए सोयाबीन के भाव

एक तरफ वर्ष सोयाबीन के उत्पादन में कमी होने के कारण किसानों के पास बीज की कमी है. इस बार सोयाबीन के भाव दोगुना हो गए हैं. ऐसे में किसानों को खरीफ की सीजन में बुवाई के लिए बीज नहीं मिल पा रहा है. गौरतलब है कि सोयाबीन की थ्रेसरिंग के बाद उत्पादन हुआ था. समर्थन मूल्य 3800 रुपए प्रति क्विंटल हो गया था. तब बाजार में भाव चार हजार रुपए प्रति क्विंटल तक थे. पहले ही उत्पादन कम हुआ था.

पढ़ें: राजस्थान में 80 लाख कर्मचारियों को वेतन कटौती के लिए मानने की कवायद, इन अधिकारियों को दी जिम्मेदारी

उस दौरान किसानों ने बाजार में ही सोयाबीन बेच दी थी. इसके बाद गत तीन माह से भावों में एकाएक उछाल आया है. अभी भाव 8 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक हो गए हैं. किसानों के पास बीज की कमी है. लॉकडउान के कारण पहले ही किसानों के पास रुपए नहीं है. जिसके कारण अब किसान बीज के लिए भटक रहे हैं.

कृषि विभाग जुटा तैयारियों में

दूसरी ओर कृषि विभाग की ओर से खरीफ को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है. इसके लिए बुवाई का लक्ष्या भी बनाया गया है. इस वर्ष खरीफ में एक लाख 90 हजार हेक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य रखा गया है.

कृषि उपकरण, ट्रैक्टर रिपेयरिंग दुकानें भी बंद

बाजार बंद में ट्रेक्टरों की रिपेयरिंग, कृषि औजारों और उपकरणों की दुकानें भी बंद है. जबकि खरीद के साथ पुराने कृषि उपकरणों का रखरखाव करने का कार्य भी किसानों के लिए आवश्यक होता है.

जिले में खरीफ बुवाई का आंकड़ा...

  • फसल वर्ष- 2015-20 वर्ष- 2020 वर्ष- 2021
  • मक्का 41000 46000 5100
  • सोयाबीन 132450 183427 172800
  • उड़द 4332 3094 5000
  • मूंगफली 662 1929 2000
  • अरहर 23 150 201
  • धान 432 676 1000
  • कपास 986 920 1000
  • ज्वार 915 30 1000
  • अन्य 2460 779 250
  • कुल 183260 191361 190000

(आंकड़े कृषि विभाग के अनुसार हेक्टेयर में)

प्रतापगढ़ में कृषि उपज मंडी मंगलवार से शुरू

प्रतापगढ़ में एक माह से अधिक समय से बंद कृषि उपज मंडी मंगलवार से शुरू होगी. इसके लिए कोविड-19 की सख्ती से पालना करनी होगी. इसके तहत मंडी प्रशासन की ओर से पूरी व्यवस्थाएं की गई है. मंडी सचिव मदनलाल गुर्जर ने बताया कि कृषि उपज मंडी में कंट्रोल तरीके से सिर्फ अनाज की मंडी चालू की जा रही है.

प्रतापगढ़. पिछले डेढ़ महीने से जहां लॉकडाउन लगा हुआ है. इस दौरान बाजार बंद है और दूसरी ओर किसानों के पास खाद-बीज की सुविधा भी नहीं है. मानसून भी एक पखवाड़े बाद आने को है. जिससे किसानों को चिंता सता रही है कि खाद-बीज समय पर उपलब्ध नहीं हो पाएंगे. जिससे बुवाई पर संकट खड़ा हो जाएगा.

किसानों ने बाजार में कृषि खाद्यान्नों की दुकानें समय पर खुलवाने की गुहार सरकार से लगाई है. इस समय लॉकडाउन के कारण बाजार बंद है और आवाजाही पर रोक है. हालात यह है कि किसानों को आगामी एक पखवाड़े बाद आने वाले मानसून में खरीफ में बुवाई की चिंता सता रही है. गत वर्ष सोयाबीन की फसल खराब हो गई थी. ऐसे में कई किसानों के पास बीज भी नहीं है. इसे देखते हुए अब किसान चिंतित हैं.

दोगुना हुए सोयाबीन के भाव

एक तरफ वर्ष सोयाबीन के उत्पादन में कमी होने के कारण किसानों के पास बीज की कमी है. इस बार सोयाबीन के भाव दोगुना हो गए हैं. ऐसे में किसानों को खरीफ की सीजन में बुवाई के लिए बीज नहीं मिल पा रहा है. गौरतलब है कि सोयाबीन की थ्रेसरिंग के बाद उत्पादन हुआ था. समर्थन मूल्य 3800 रुपए प्रति क्विंटल हो गया था. तब बाजार में भाव चार हजार रुपए प्रति क्विंटल तक थे. पहले ही उत्पादन कम हुआ था.

पढ़ें: राजस्थान में 80 लाख कर्मचारियों को वेतन कटौती के लिए मानने की कवायद, इन अधिकारियों को दी जिम्मेदारी

उस दौरान किसानों ने बाजार में ही सोयाबीन बेच दी थी. इसके बाद गत तीन माह से भावों में एकाएक उछाल आया है. अभी भाव 8 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक हो गए हैं. किसानों के पास बीज की कमी है. लॉकडउान के कारण पहले ही किसानों के पास रुपए नहीं है. जिसके कारण अब किसान बीज के लिए भटक रहे हैं.

कृषि विभाग जुटा तैयारियों में

दूसरी ओर कृषि विभाग की ओर से खरीफ को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है. इसके लिए बुवाई का लक्ष्या भी बनाया गया है. इस वर्ष खरीफ में एक लाख 90 हजार हेक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य रखा गया है.

कृषि उपकरण, ट्रैक्टर रिपेयरिंग दुकानें भी बंद

बाजार बंद में ट्रेक्टरों की रिपेयरिंग, कृषि औजारों और उपकरणों की दुकानें भी बंद है. जबकि खरीद के साथ पुराने कृषि उपकरणों का रखरखाव करने का कार्य भी किसानों के लिए आवश्यक होता है.

जिले में खरीफ बुवाई का आंकड़ा...

  • फसल वर्ष- 2015-20 वर्ष- 2020 वर्ष- 2021
  • मक्का 41000 46000 5100
  • सोयाबीन 132450 183427 172800
  • उड़द 4332 3094 5000
  • मूंगफली 662 1929 2000
  • अरहर 23 150 201
  • धान 432 676 1000
  • कपास 986 920 1000
  • ज्वार 915 30 1000
  • अन्य 2460 779 250
  • कुल 183260 191361 190000

(आंकड़े कृषि विभाग के अनुसार हेक्टेयर में)

प्रतापगढ़ में कृषि उपज मंडी मंगलवार से शुरू

प्रतापगढ़ में एक माह से अधिक समय से बंद कृषि उपज मंडी मंगलवार से शुरू होगी. इसके लिए कोविड-19 की सख्ती से पालना करनी होगी. इसके तहत मंडी प्रशासन की ओर से पूरी व्यवस्थाएं की गई है. मंडी सचिव मदनलाल गुर्जर ने बताया कि कृषि उपज मंडी में कंट्रोल तरीके से सिर्फ अनाज की मंडी चालू की जा रही है.

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