ETV Bharat / state

मुंबई से पैदल चले युवक की अहमदाबाद में तबियत बिगड़ने से मौत, जोबा प्रशासन ने शव को नहीं ले जाने दिया घर

पाली के देसूरी उपखंड में लॉकडाउन के दौर की एक बुरी खबर आयी हैं. दरअसल, मुंबई से पैदल चले जोबा के युवक की अहमदाबाद के निकट तबियत बिगड़ गई. इस बीच उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया. वहीं, प्रशासन ने शव को मृतक के घर भी नहीं ले जाने दिया.

pali news, पाली न्यूज
मृतक हिम्मताराम राईका
author img

By

Published : May 16, 2020, 11:14 AM IST

बाली (पाली). लॉकडाउन के चलते काम-धंधे चौपट होने के बाद प्रवासी पैदल ही शहरों से अपने गांव को निकल पड़े हैं. लेकिन इसी की एक दर्दनाक दास्तान सामने आयी हैं. दरअसल, जोबा निवासी एक युवक हिम्मताराम पुत्र पाबूराम राईका बीते 17 अप्रैल को मुंबई से पैदल ही निकल पड़ा. उसके मालिक ने पगार देने से भी मना कर दिया, जिसके बाद वह सात दिन तक कभी सड़क तो कभी रेल पटरियों के सहारे चलता रहा.

मुंबई से पैदल चले युवक की अहमदाबाद में तबियत बिगड़ने से मौत

इस दौरान उसे कही से खाने-पीने की व्यवस्था हो जाती तो कही उसे कुछ ना मिलता. इसी बीच अहमदाबाद पहुंचते-पहुंचते उसके पैर बुरी तरह से जवाब दे गए. अहमदाबाद में ही उसका एक भाई छोगाराम मिठाई की दुकान पर काम करता है. उसने बताया कि जब उसे पता चला की वह पैदल आ रहा है और बीमार हालत में है तो उसने उसे सिविल अस्पताल में भर्ती करा दिया. इलाज के दौरान 20 दिन बाद गुरुवार की सुबह उसने दम तोड़ दिया.

पढ़ें- पालीः सोजत के मंडला गांव में दंपत्ति सहित 2 साल का बच्चा कोरोना पॉजिटिव

सादड़ी सीएचसी के प्रभारी डॉ. राजेंद्र पुनमिया ने बताया कि पैदल चलने से उसकी हालत खराब होती गई. अहमदाबाद के सिविल अस्पताल से उसका शव जोबा लाया गया. छोगाराम ने बताया कि प्रशासन ने उसका शव घर भी ले जाने नहीं दिया और उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया.

बता दें कि पिछले साल ही उसका विवाह हुआ था. वह मुंबई के डोम्बिवली इलाके में मिठाई की दुकान पर काम करता था और उसके तीन भाई हैं. वे भी महाराष्ट्र में अलग-अलग जगहों पर नौकरी करते हैं. दो भाई लॉकडाउन की वजह से महाराष्ट्र में ही फंसे हैं और उन्हें भी शुक्रवार को सादड़ी में निर्धारित आश्रय स्थल पर आइसोलेट कर दिया गया हैं. अब घर पर बूढ़े मां-बाप अकेले ही रह गए हैं.

बाली (पाली). लॉकडाउन के चलते काम-धंधे चौपट होने के बाद प्रवासी पैदल ही शहरों से अपने गांव को निकल पड़े हैं. लेकिन इसी की एक दर्दनाक दास्तान सामने आयी हैं. दरअसल, जोबा निवासी एक युवक हिम्मताराम पुत्र पाबूराम राईका बीते 17 अप्रैल को मुंबई से पैदल ही निकल पड़ा. उसके मालिक ने पगार देने से भी मना कर दिया, जिसके बाद वह सात दिन तक कभी सड़क तो कभी रेल पटरियों के सहारे चलता रहा.

मुंबई से पैदल चले युवक की अहमदाबाद में तबियत बिगड़ने से मौत

इस दौरान उसे कही से खाने-पीने की व्यवस्था हो जाती तो कही उसे कुछ ना मिलता. इसी बीच अहमदाबाद पहुंचते-पहुंचते उसके पैर बुरी तरह से जवाब दे गए. अहमदाबाद में ही उसका एक भाई छोगाराम मिठाई की दुकान पर काम करता है. उसने बताया कि जब उसे पता चला की वह पैदल आ रहा है और बीमार हालत में है तो उसने उसे सिविल अस्पताल में भर्ती करा दिया. इलाज के दौरान 20 दिन बाद गुरुवार की सुबह उसने दम तोड़ दिया.

पढ़ें- पालीः सोजत के मंडला गांव में दंपत्ति सहित 2 साल का बच्चा कोरोना पॉजिटिव

सादड़ी सीएचसी के प्रभारी डॉ. राजेंद्र पुनमिया ने बताया कि पैदल चलने से उसकी हालत खराब होती गई. अहमदाबाद के सिविल अस्पताल से उसका शव जोबा लाया गया. छोगाराम ने बताया कि प्रशासन ने उसका शव घर भी ले जाने नहीं दिया और उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया.

बता दें कि पिछले साल ही उसका विवाह हुआ था. वह मुंबई के डोम्बिवली इलाके में मिठाई की दुकान पर काम करता था और उसके तीन भाई हैं. वे भी महाराष्ट्र में अलग-अलग जगहों पर नौकरी करते हैं. दो भाई लॉकडाउन की वजह से महाराष्ट्र में ही फंसे हैं और उन्हें भी शुक्रवार को सादड़ी में निर्धारित आश्रय स्थल पर आइसोलेट कर दिया गया हैं. अब घर पर बूढ़े मां-बाप अकेले ही रह गए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.