पाली. जिले में लगातार मौसम की उठापटक अब किसानों की चिंता को और ज्यादा बढ़ा रहा है. किसानों की खेतों में फसलें अब अंतिम कगार पर हैं और पूरी तरह से तैयार हो चुकी हैं, लेकिन पिछले दो दिनों से पाली में मौसम के बदलाव के चलते बादलों ने अपना डेरा डाल रखा है.
बता दें, कि इन बादलों के डेरा डालते ही किसान को अपनी फसलों के खराबे होने की चिंता सता रही है. ऐसे में किसान अपने खेतों में अतिरिक्त श्रमिक लगाकर फसलों को सुरक्षित करने की कोशिश कर रहे हैं. इसके चलते किसानों पर श्रमिकों का अतिरिक्त भार भी पड़ रहा है.
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दरअसल, इस बार पाली में मानसून की अच्छी बारिश ने सभी बांध और तालाब पूरी तरह से लबालब कर दिए थे. किसानों के खेतों में भी पानी की अच्छी आवक हुई थी. इसके चलते इस बार किसानों ने सबसे ज्यादा अपने खेतों में चने की फसल की बुवाई की. साथ ही इस बार बाजार में भी चने की फसल के अच्छे भाव होने की उम्मीद लगाई जा रही है, लेकिन पिछले दो दिनों से पाली जिले में बादलों ने मौसम को पूरी तरह से बदल रखा है. बारिश की आशंका के चलते किसानों के चेहरे पर अब अपने चने की फसल खराब होने की चिंता साफ नजर आ रही है.