पाली. रोहट थाने के हिस्ट्रीशीटर व कलाली गांव के पूर्व सरपंच सरदारा राम भाट ने शुक्रवार को एक बार फिर से पुलिस को चकमा देने की कोशिश की. लेकिन उसकी यह तरकीब इस बार काम नहीं आई. आरोपी हिस्ट्रीशीटर के खिलाफ 3 साल पहले एससी एसटी एक्ट में दर्ज 3 मामलों में हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी थी.
हाईकोर्ट ने इन तीनों मामलों में गिरफ्तारी पर रोक हटाते ही पुलिस को अग्रिम कार्रवाई के आदेश दिए. इसकी सूचना पर पुलिस ने शुक्रवार सुबह आरोपी के कलाली गांव स्थित घर पर दबिश दी. लेकिन इसकी भनक लगते ही आरोपी पेट दर्द का नाटक करते हुए रोहट अस्पताल में भर्ती हो गया. पुलिस के पहुंचने से पहले उसने ज्यादा पेट दर्द का नाटक करते हुए स्टाफ से कथित सांठगांठ कर जोधपुर रेफर कर आने का बहाना बनाया और वहां से भाग निकला.
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पुलिस ने जोधपुर के कई अस्पतालों में दबिश दी, लेकिन उसका सुराग नहीं मिला. आखिरकार पीछा करते हुए पुलिस दल ने शाम को नागौर जिले के खींवसर में भी नाकाबंदी करवाई. लेकिन पुलिस की नाकाबंदी देख आरोपी गाड़ी मोड़ कर करवड़ की ओर भागने लगा. जिसे रोहट थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. आरोपी से पुलिस पूछताछ कर अन्य आरोपियों का पता लगाने में जुटी है. पुलिस ने आरोपी सरदाराराम का चेक करवाया, लेकिन उसे ऐसी कोई शिकायत नहीं थी.
18 से ज्यादा मामले हैं सरदाराराम पर दर्ज
पुलिस के अनुसार रोहट के कलाली गांव के पूर्व सरपंच सरदाराराम भाट के खिलाफ वर्ष 2017 से लेकर 2020 तक मारपीट, शराब तस्करी, हथियार तस्करी, जानलेवा हमला व एससी एसटी के लोगों से मारपीट कर प्रताड़ित करने के कुल 18 मामले दर्ज हैं. जून 2020 में पूर्व विधायक भीमराज भाटी पर हमला कराने का मुकदमा भी सरदाराराम भाट पर दर्ज हैं. तब पुलिस एससी एसटी एक्ट के एक मामले में आरोपी को गुजरात से गिरफ्तार कर लाई थी.
उसके बाद अन्य मामलों में उसकी गिरफ्तारी कर पुलिस ने उसके हिस्ट्रीशीटर फाइल खोली थी. इससे पहले 2018 में कलाली गांव में दलित वर्ग पर हमला मारपीट जैसे 5 मामले दर्ज हुए थे. जिनमें आरोपी ने हाई कोर्ट से याचिका दायर कर गिरफ्तारी पर स्टे ला रखा था.