पाली. प्रदेश स्तर पर चल रहा सियासी ड्रामे का असर पाली में भी नजर आ रहा है. पाली में भी अब कांग्रेसी नेता दो खेमों में बंट चुके हैं. जहां गहलोत सरकार बनने के बाद गहलोत गुट काफी खुश नजर आ रहा है. वहीं पायलट खेमे के कार्यकर्ता अपना इस्तीफा देना शुरू कर दिया है. इसी क्रम में पाली कांग्रेस जिला अध्यक्ष चुन्नीलाल चाडवास ने अपना इस्तीफा दे दिया है.
यह भी पढ़ें- विश्वेंद्र सिंह दिनभर करते रहे TWITTER पर बयान जारी, कहा- आज तो 20-20 था, कल से टेस्ट मैच चालू है
उन्होंने कहा है कि पायलट के नेतृत्व में मैंने दो साल तक पाली जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद का निर्वहन किया है, लेकिन अब मैं यह पद नहीं संभाल सकता. इसके साथ ही कांग्रेस प्रदेश कमेटी के सचिव सोमेंद्र गुर्जर और राजेश कुमावत ने भी अपना इस्तीफा दे दिया है. वहीं कांग्रेस खनन विकास एवं उत्थान प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. दुर्गा सिंह राठौड़ ने भी अपना इस्तीफा दे दिया है. यह तीनों कद्दावर नेता सचिन पायलट के काफी करीबी माने जाते हैं.
हालांकि, पाली जिले में गहलोत खेमे के कार्यकर्ता सर्वाधिक हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद से ही सचिन पायलट अशोक गहलोत के बीच बढ़ रही दूरियों के साथ-साथ पाली में भी कार्यकर्ता आपसी दूरी बनाना शुरू कर दिए थे. अब इन सभी ने अपना इस्तीफा देकर कांग्रेस से मुंह मोड़ लिया है.
बता दें कि पाली में भी गहलोत और पायलट गुट का विवाद लंबे समय से चल रहा है. कांग्रेस कार्यालय में भी इन दोनों ही गुटों की खेमे बाजी साफ तौर पर देखने को मिली है. इसी के चलते कई बार इन कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में तकरार भी देखने को मिली है.
यह भी पढ़ें- Rajasthan Crisis: कांग्रेस महासचिव अविनाश पांडे ने प्रदेश कार्यकारिणी को भंग किया
बताया जा रहा है कि पाली कांग्रेस कार्यालय में इस तरह दोनों खेमे में गुटबाजी था कि जब कार्यालय में एक गुट के कार्यकर्ता बैठे हो, तो दूसरे कांग्रेस कार्यालय में नहीं आते हैं. इन्हीं विवादों के चलते पाली में कांग्रेस को हर चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा है. अब पायलट को कांग्रेस से निकालने के बाद पायलट के समर्थक कार्यकर्ताओं ने भी पाली में अपना इस्तीफा देना शुरू कर दिया है. साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से भी कांग्रेसी मुंह मोड़ने की बात रख रहे हैं.