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स्पेशल रिपोर्ट: पाली के सरकारी स्कूल में बच्चों की सेहत से खिलवाड़, सड़े गले गेहूं से पकता है यहां पोषाहार

प्रदेश में स्कूली बच्चों की सेहत पर ध्यान देते हुए पोषाहार योजना चल रही है. लेकिन अब ये ही पोषाहार बच्चों की सेहत पर भारी पड़ता दिखाई दे रहा है. क्योंकि सरकारी स्कूलों में पोषाहार में भ्रष्टाचार की बू खत्म होने का नाम नहीं ले रही. पाली के सुमेरपुर में सामने आए पोषाहार के मामले से साफ होता है कि कैसे पोषाहार के नाम पर घटिया अनाज का खाना बच्चों को खिलाया जा रहा है. देखिए स्पेशल रिपोर्ट

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Published : Nov 16, 2019, 1:13 PM IST

Updated : Nov 16, 2019, 3:48 PM IST

कीड़े पड़े गेहूं का पोषाहार, insects nutrition wheat sumerpur pali

पाली. सुमेरपुर के जाणा गांव की राजकीय प्राथमिक स्कूल में बच्चों को सड़े गले व कीड़े पड़े हुए गेहूं का पोषाहार खिलाने का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. इस बात खुलासा उस वक्त हुआ जब राजकीय प्राथमिक विद्यालय से कर्मचारी सुबह स्कूल खुलने के बाद हर रोज की तरह गेहूं पिसाई के लिए आटे की चक्की गया. जब गेहूं की हालत देखी तो चक्की मालिक ने गेहूं पीसने से साफ मना कर दिया.

स्पेशल रिपोर्ट: पाली की सरकारी स्कूल में बच्चों की सेहत से खिलवाड़

इतना ही नहीं चक्की मालिक ने ग्रामीणों को बुलाकर पूरी बात बताई. जिसके बाद ग्रामीणों की शिकायत के बाद मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मोहनलाल सोनी व अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी गोवर्धन सिंह मौके पर पहुंचे और पोषाहार कक्ष का निरीक्षण कर प्रधानाध्यापक को लताड़ लगाते हुए खराब गेहूं को बच्चों कों नहीं खिलाने के कड़े शब्दों में निर्देश दिए.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: राजस्थान में 43 हजार भर्तियों पर बना हुआ है संकट, बेरोजगार परेशान..कब होगा हल कुछ पता नहीं

सवाल पूछने पर प्रिंसिपल करता रहा टालमटोल
वहीं जब प्रिसिंपल भंवरलाल से इस पूरे मामले की जानकारी ली तो कुछ भी बोलने से बचते रहे. एक तरफ तो बच्चों को सडे़ और कीड़े वाले गेहूं का पोषाहार पकाकर खिलाया जा रहा है. दूसरी तरफ मीडिया ने सवाल जवाब किया तो मास्टरजी की बोलती बंद हो गई. मास्टर जी के पास में कोई जवाब ही नहीं था. प्रिंसिपल का कहना है कि जिम्मेदारी मेरी बनती है, लेकिन सड़े हुए गेहूं चक्की पर कैसे पहुंचे उसकी उनको जानकारी नहीं है.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरी: मासूम चेहरों पर खिलौनों से खिलखिलाहट, 'संदीप और स्वाति' ने गरीब बच्चों की मुस्कुराहट को बना लिया Mission

विद्यालय प्रधानाध्यापक को गेहूं बेचते पकड़ा गया: ग्रामीण
जब मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मोहनलाल सोनी शिकायत करने पर स्कूल पहुंचे तो ग्रामीणों ने प्रधानाध्यापक पर आरोप लगाते हुए एक ज्ञापन दिया. जिसमें ग्रामीणों ने प्रधानाध्यापक की ओर से स्कूल से गेहूं बेचते हुए पकड़ने की बात कही.

पाली. सुमेरपुर के जाणा गांव की राजकीय प्राथमिक स्कूल में बच्चों को सड़े गले व कीड़े पड़े हुए गेहूं का पोषाहार खिलाने का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. इस बात खुलासा उस वक्त हुआ जब राजकीय प्राथमिक विद्यालय से कर्मचारी सुबह स्कूल खुलने के बाद हर रोज की तरह गेहूं पिसाई के लिए आटे की चक्की गया. जब गेहूं की हालत देखी तो चक्की मालिक ने गेहूं पीसने से साफ मना कर दिया.

स्पेशल रिपोर्ट: पाली की सरकारी स्कूल में बच्चों की सेहत से खिलवाड़

इतना ही नहीं चक्की मालिक ने ग्रामीणों को बुलाकर पूरी बात बताई. जिसके बाद ग्रामीणों की शिकायत के बाद मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मोहनलाल सोनी व अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी गोवर्धन सिंह मौके पर पहुंचे और पोषाहार कक्ष का निरीक्षण कर प्रधानाध्यापक को लताड़ लगाते हुए खराब गेहूं को बच्चों कों नहीं खिलाने के कड़े शब्दों में निर्देश दिए.

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सवाल पूछने पर प्रिंसिपल करता रहा टालमटोल
वहीं जब प्रिसिंपल भंवरलाल से इस पूरे मामले की जानकारी ली तो कुछ भी बोलने से बचते रहे. एक तरफ तो बच्चों को सडे़ और कीड़े वाले गेहूं का पोषाहार पकाकर खिलाया जा रहा है. दूसरी तरफ मीडिया ने सवाल जवाब किया तो मास्टरजी की बोलती बंद हो गई. मास्टर जी के पास में कोई जवाब ही नहीं था. प्रिंसिपल का कहना है कि जिम्मेदारी मेरी बनती है, लेकिन सड़े हुए गेहूं चक्की पर कैसे पहुंचे उसकी उनको जानकारी नहीं है.

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विद्यालय प्रधानाध्यापक को गेहूं बेचते पकड़ा गया: ग्रामीण
जब मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मोहनलाल सोनी शिकायत करने पर स्कूल पहुंचे तो ग्रामीणों ने प्रधानाध्यापक पर आरोप लगाते हुए एक ज्ञापन दिया. जिसमें ग्रामीणों ने प्रधानाध्यापक की ओर से स्कूल से गेहूं बेचते हुए पकड़ने की बात कही.

Intro:सुमेरपुर उपखण्डं के जाणा गांव के राजकीय प्राथमिक विधालय में स्कुली बच्चों कों सडे गले व किडे पडे हुए गेहू का पोषाहार खिलानें को लेकर मामला सामने आया,
Body:
सुमेरपुर के जाणा गांव के राजकीय प्राथमिक विधालय से कर्मचारी को सवेरें स्कुल खुलनें के बाद हर रोज कि तरह गेहू पिचाई के लिए आटे की चक्की पर कट्टे में डालकर भेजा गया । तो चक्की मालिक नें गेहू पिचाई सें मना कर दिया कि ऐसा सडा हुआ गेहू में नही पिचुंगा तब उसने ग्रामीणों कों बुलाकर बात बताई जब ग्रामिणों की शिकायत के बाद मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मोहनलाल सोनी व अतिरिक्त मुख्य बलॉक शिक्षा अधिकारी गोवरधनसिंह मौके पर पहुचें एवं पोषाहार कक्ष का निरक्षण कर प्रधानाध्यापक कों लताड लगाते हुए कहा कि आप कों शर्म आनी चाहिए आप ऐसे बच्चों कों सडे हुए गेहू खिलाते हों ऐसे गेहू कों आप बच्चों कों नही खिलाओंगे कडे शब्दों में निर्देश दिया कि आज के बाद ऐसी शिकायत नही आनी चाहिए।

सवाल पुछनें पर करते रहें टालमटोल, ग्रामीणों कों जोडनें लगे हाथ
एक तरफ तो बच्चों कों सडे हुए बेहू का पोषाहार पकाकर खिलाते है और दुसरी तरफ मिडिया नें सवाल जवाब किया तों मास्टरजी की बोलती बंद हो गई , मास्टर जी के पास में कोई जवाब ही नही था। मास्टर जी का कहना है कि जिम्मेदारी मेरी बनती है लेकिन सडे हुए गेहू चक्की पर केसे पहुचें वों मालूम नही है। और जब हकीकत में पोषाहार कक्ष का निरक्षण किया तों सडे हुए गेहू पाये गये।



-विधालय प्रधानाध्यापक कों गेहू बेचते पकडा गया-ग्रामीण
जब मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मोहनलाल सोनी शिकायत करनें पर विधालय में पहुचें तों ग्रामीणों नें प्रधानाध्यापक पर आरोप लगाते हुए एक ज्ञापन दिया कि विधालय प्रधानाध्यापक द्वारा विधालय सें गेहू बेचते हुए पकडा तों प्रधानाध्यापक पैसे देने लगे। जिसका ग्रामीणों द्वारा मना करनें पर उग्र होते हुए कहा कि आपकों जो करना है करों सब खाते है कौन नही खाता औश्र कौनसी नई बात है । मै जों खा रहा हु सरकार का खा रहा हू तुम्हारें तों नही खा रहा हूं। इस प्रकार का ग्रामीणों के साथ में रवैया अपनानें कों लेकर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मोहनलाल सोनी कों लिखित में शिकायत की है।

सडे हुए गेहू भेजे चक्की पर पिचनें सें किया मना-भरतसिंह, चक्कील मालिक
हर रोज की तरह स्कुल सें पिचाई के लिए गेहू चक्की की दुकान पर भेजा तों चक्की मालिक भरत सिंह नें पिचाई करनें सें मना कर दिया कि ऐसे सडे हुए गेहू में मेरे गांव के बच्चों कों नही खिलाउंगा । ऐसे गेहू में में मेरे पशूओं कों भी नही खिलाता तों ऐसे बच्चों कों क्यु खिलाउ।

क्या कहना का मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मोहनलाल सोनी।
सडे हुए गेहू कि शिकायत होनें पर राजकीय प्राथमिक विधालय में पहुचे मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मोहनलाल सोनी नें बताया कि ग्रामीणों नें सडे हुए गेहू कि शिकायत की जिसकों लेकर में विधालय पहुचा हु। जिसमें वेसे तों आज मिनू में चावल की खिचडी है लेकिन गेहू का अवलोकन किया तां उसमें कुछ पुराना गेहू लगा तों मेने उनका निर्देश दियें कि इसका उपयोग नही करें और ऐसे खराब गेहू का संस्थाप्रधान कों मना कर दिया है इसका उपयोग नही करें। औश्र जों भीर विभागीय कार्यवाही होगी वो अमल में लाई जायेंगी।

क्याक कहना प्रधानाध्यापक भंवरलाल मीणा का
जों आगे सें सप्लाई आती है वों हम बच्चों कों खिलाते है। वैसे सडे हुए गेहू बच्चों कों नही खिलाते है खराब गेहू कों साईड में रखते है। और ऐसा सडा हुआ गेहू तों तों उसकों हम साइड में रखवा देंगे और भविष्य में ऐसी शिकायत नही आयेगी।
और जब चक्की पर पिचाई के लिए भेजे गेहू के बारें में पुछा गया तों संस्थाप्रधानजी के पास कोई जवाब नही ओर बोलना बंद हो गया।

बाईट 1- मोहनलाल सोनी, मुख्यं ब्लॉंक शिक्षा अधिकारी, सुमेरपुर
बाईट 2- भंवरलाल, प्रिन्सीयपल, राजकीय प्राथमिक विधालय, जाणा
बाईट 3- भरतसिंह, चक्की् संचालक जाणा
Conclusion:
Last Updated : Nov 16, 2019, 3:48 PM IST
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