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SPECIAL: सुमेरपुर में बनेगी राजस्थान की पहली फिल्म सिटी 'शिल्पाली' - Film City in Rajasthan

पाली जिले के कोलीवाड़ा और जाखोड़ा गांव के बीच अब राजस्थान की पहली फिल्म सिटी बनने वाली है. इसको लेकर प्रशासनिक कवायद तेज हो चुकी है. जाखोड़ा गांव के समीप 500 बीघा जमीन फिल्म सिटी के लिए निश्चित कर दी गई है. जहां तारबंदी और जमीन नापने का काम पूरा हो चुका है. देखिए ये खास रिपोर्ट...

Film City of Rajasthan in Sumerpur, Film City in Rajasthan
राजस्थान की पहली फिल्म सिटी
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Published : Aug 27, 2020, 11:00 PM IST

पाली. अपने प्राकृतिक सौंदर्य और पहाड़ों की खूबसूरती के लिए पाली का सुमेरपुर और जवाई बांध क्षेत्र विश्व प्रसिद्ध है. यहां का प्राकृतिक वातावरण और इन जंगलों में बसने वाले पैंथरों को देखने के लिए देशी और विदेशी सैलानी यहां आते हैं. अब पाली का जवाई बांध क्षेत्र अपनी नई पहचान बनाने की तैयारी कर रहा है.

जवाई बांध क्षेत्र के कोलीवाड़ा और जाखोड़ा गांव के बीच अब राजस्थान की पहली फिल्म सिटी बनने वाली है. इसको लेकर प्रशासनिक कवायद तेज हो चुकी है. जाखोड़ा गांव के समीप 500 बीघा जमीन फिल्म सिटी के लिए निश्चित कर दी गई है. जहां तारबंदी और जमीन नापने का काम पूरा हो चुका है. इस जमीन के रूपांतरण के लिए फाइल भी कंप्लीट हो चुकी है.

500 बीघा जमीन फिल्म सिटी के लिए निश्चित

सरकार की हरी झंडी का इंतजार

अब इस फिल्म सिटी के निर्माण के लिए सरकार की हरी झंडी का इंतजार है. फिल्म सिटी के बनने के बाद सुमेरपुर क्षेत्र में 4 हजार से ज्यादा लोगों के लिए अलग-अलग प्रकार से रोजगार के नए आयाम खुल जाएंगे. यहां फिल्म सिटी बनने के बाद पर्यटक और बड़ी कंपनियों का प्रवेश भी ज्यादा हो जाएगा. जिससे सुमेरपुर एक बार फिर से लोगों के लिए बड़े स्तर पर रोजगार का केंद्र बनकर उभरेगा.

ये भी पढ़ें- SPECIAL: राजस्थान में हर साल 10 हजार मासूमों की जिंदगी को बनाया जा रहा नर्क

पैंथर कंजर्वेशन की है अलग पहचान

बता दें कि सुमेरपुर और जवाई पैंथर कंजर्वेशन अपने आप में भारत में अलग पहचान बना चुका है. सुमेरपुर की तिलहन मंडी पूरे देश में पहचानी जाती है. वहीं, जवाई बांध क्षेत्र की पहाड़ियों में बसा पैंथर लोगों को लुभाता है. यहां गांधी परिवार से लेकर बॉलीवुड के सभी अभिनेता और बड़े बिजनेस घरानों के लोग भी सुंदरता को निहारने के लिए आते हैं. उसी बढ़ती सुंदरता को और बढ़ाने के लिए वर्ष 2016 से यहां पर रोजगार के नए आयाम स्थापित करने की कवायद की जा रही थी.

वर्ष 2016 में जवाई बांध क्षेत्र को पैंथर कंजर्वेशन में बदलने के लिए सबसे पहले कवायद शुरू हुई थी. उसके बाद इस सुंदर अरावली की पहाड़ियों के बीच फिल्म सिटी बनाने की कवायद शुरू की गई थी, जो अब लगभग पूरी हो चुकी है. इस फिल्म सिटी को शिल्पाली नाम दिया गया है. इसे स्थापित करने के लिए जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की ओर से कोलीवाड़ा के साथ ही जाखोड़ा गांव के बीच अरावली पर्वत माला के मैदानी भाग की 500 बीघा जमीन को निश्चित किया गया है. इसकी कागजी कार्रवाई पूरी हो चुकी है और फाइल को जयपुर भेज दिया गया है.

स्थानीय जनप्रतिनिधियों को उम्मीद है कि जल्द ही मुख्यमंत्री द्वारा सुमेरपुर में फिल्म सिटी की घोषणा कर दी जाएगी और इसका कार्य भी शुरू हो जाएगा. इस फिल्म सिटी को यहां पर स्थापित करने के लिए करीब ढाई सौ करोड़ रुपए का खर्च आएगा. इसको लेकर भी भारत की कई जानी-मानी कंपनियां इसमें रुझान ले रही हैं.

ये भी पढ़ें- SPECIAL: जैविक कृषि ने बढ़ाया खेती की ओर रुझान, युवा किसान राकेश कुमार ने हासिल किया अलग मुकाम

इन उपियोगिता के चलते बनाई जा रही फिल्म सिटी

  • जवाई बांध के निकट है इसलिए.
  • यहां फिल्मसिटी के लिए आवश्यक सभी तरह की लोकेशन उपलब्ध है.
  • एक ही जगह, पानी, प्राकृतिक सौंदर्य, हरियाली, पहाड़, मैदान, टीले उपलब्ध हैं.
  • नजदीक ही वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन है.
  • डीएमआईसी कॉरिडोर के निकट है.
  • जोधपुर, जैसलमेर, उदयपुर, पुष्कर से सीधे कनेक्टिविटी.
  • एयरपोर्ट, स्टेशन, फोरलेन सड़क मार्ग से आवागमन में सुगमता.
  • हेरिटेज और अच्छी होटलें भी बड़ी संख्या में.

पाली. अपने प्राकृतिक सौंदर्य और पहाड़ों की खूबसूरती के लिए पाली का सुमेरपुर और जवाई बांध क्षेत्र विश्व प्रसिद्ध है. यहां का प्राकृतिक वातावरण और इन जंगलों में बसने वाले पैंथरों को देखने के लिए देशी और विदेशी सैलानी यहां आते हैं. अब पाली का जवाई बांध क्षेत्र अपनी नई पहचान बनाने की तैयारी कर रहा है.

जवाई बांध क्षेत्र के कोलीवाड़ा और जाखोड़ा गांव के बीच अब राजस्थान की पहली फिल्म सिटी बनने वाली है. इसको लेकर प्रशासनिक कवायद तेज हो चुकी है. जाखोड़ा गांव के समीप 500 बीघा जमीन फिल्म सिटी के लिए निश्चित कर दी गई है. जहां तारबंदी और जमीन नापने का काम पूरा हो चुका है. इस जमीन के रूपांतरण के लिए फाइल भी कंप्लीट हो चुकी है.

500 बीघा जमीन फिल्म सिटी के लिए निश्चित

सरकार की हरी झंडी का इंतजार

अब इस फिल्म सिटी के निर्माण के लिए सरकार की हरी झंडी का इंतजार है. फिल्म सिटी के बनने के बाद सुमेरपुर क्षेत्र में 4 हजार से ज्यादा लोगों के लिए अलग-अलग प्रकार से रोजगार के नए आयाम खुल जाएंगे. यहां फिल्म सिटी बनने के बाद पर्यटक और बड़ी कंपनियों का प्रवेश भी ज्यादा हो जाएगा. जिससे सुमेरपुर एक बार फिर से लोगों के लिए बड़े स्तर पर रोजगार का केंद्र बनकर उभरेगा.

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पैंथर कंजर्वेशन की है अलग पहचान

बता दें कि सुमेरपुर और जवाई पैंथर कंजर्वेशन अपने आप में भारत में अलग पहचान बना चुका है. सुमेरपुर की तिलहन मंडी पूरे देश में पहचानी जाती है. वहीं, जवाई बांध क्षेत्र की पहाड़ियों में बसा पैंथर लोगों को लुभाता है. यहां गांधी परिवार से लेकर बॉलीवुड के सभी अभिनेता और बड़े बिजनेस घरानों के लोग भी सुंदरता को निहारने के लिए आते हैं. उसी बढ़ती सुंदरता को और बढ़ाने के लिए वर्ष 2016 से यहां पर रोजगार के नए आयाम स्थापित करने की कवायद की जा रही थी.

वर्ष 2016 में जवाई बांध क्षेत्र को पैंथर कंजर्वेशन में बदलने के लिए सबसे पहले कवायद शुरू हुई थी. उसके बाद इस सुंदर अरावली की पहाड़ियों के बीच फिल्म सिटी बनाने की कवायद शुरू की गई थी, जो अब लगभग पूरी हो चुकी है. इस फिल्म सिटी को शिल्पाली नाम दिया गया है. इसे स्थापित करने के लिए जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की ओर से कोलीवाड़ा के साथ ही जाखोड़ा गांव के बीच अरावली पर्वत माला के मैदानी भाग की 500 बीघा जमीन को निश्चित किया गया है. इसकी कागजी कार्रवाई पूरी हो चुकी है और फाइल को जयपुर भेज दिया गया है.

स्थानीय जनप्रतिनिधियों को उम्मीद है कि जल्द ही मुख्यमंत्री द्वारा सुमेरपुर में फिल्म सिटी की घोषणा कर दी जाएगी और इसका कार्य भी शुरू हो जाएगा. इस फिल्म सिटी को यहां पर स्थापित करने के लिए करीब ढाई सौ करोड़ रुपए का खर्च आएगा. इसको लेकर भी भारत की कई जानी-मानी कंपनियां इसमें रुझान ले रही हैं.

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इन उपियोगिता के चलते बनाई जा रही फिल्म सिटी

  • जवाई बांध के निकट है इसलिए.
  • यहां फिल्मसिटी के लिए आवश्यक सभी तरह की लोकेशन उपलब्ध है.
  • एक ही जगह, पानी, प्राकृतिक सौंदर्य, हरियाली, पहाड़, मैदान, टीले उपलब्ध हैं.
  • नजदीक ही वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन है.
  • डीएमआईसी कॉरिडोर के निकट है.
  • जोधपुर, जैसलमेर, उदयपुर, पुष्कर से सीधे कनेक्टिविटी.
  • एयरपोर्ट, स्टेशन, फोरलेन सड़क मार्ग से आवागमन में सुगमता.
  • हेरिटेज और अच्छी होटलें भी बड़ी संख्या में.
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