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पाली में निकाय चुनाव का दंगल, शहरी मुखिया का चेहरा बना चुनौती

निकाय चुनाव को लेकर 1 नवंबर से आवेदन की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है, जिसके चलते राजनीतिक गलियारों में दोनों ही पार्टियों में सरगर्मियां तेज हो चुकी है. पाली नगर परिषद चुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टी के कार्यकर्ता अपने आला पदाधिकारियों के आगे अपनी दावेदारी ठोक चुके हैं.

पाली नगर परिषद चुनाव, Pali Municipal Council Election
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Published : Oct 31, 2019, 6:25 PM IST

पाली. निकाय चुनाव को लेकर 1 नवंबर से आवेदन की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है, जिसके चलते राजनीतिक गलियारों में दोनों ही पार्टियों में सरगर्मियां तेज हो चुकी है. पाली नगर परिषद चुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टी के कार्यकर्ता अपने आला पदाधिकारियों के आगे अपनी दावेदारी ठोक चुके हैं. जिसके बाद अब गुरुवार शाम तक पाली के 65 वार्डों में प्रत्याशियों के चेहरे साफ होने की उम्मीद लगाई जा रही है.

पाली नगर परिषद चुनाव में शहरी मुखिया का चेहरा बना चुनौती

लेकिन इन कयासों के बीच इस बार दोनों ही पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती पाली चेयरमैन के लिए सक्रिय महिला कार्यकर्ता के चेहरे को आगे लाना है. दोनों ही पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं की ओर से पिछले 5 सालों से पार्टी के लिए सक्रिय भूमिका निभाने वाले चेहरे को इस बार आगे लाने का दावा किया जा रहा है. लेकिन समस्या यह है कि दोनों ही पार्टी के पास अभी तक सीधे तौर पर पाली नगर परिषद के चेयरमैन पद के लिए ओबीसी महिला के चेहरे का संकट बना हुआ है.

ऐसे में एक बार फिर से राजनीति की पुरानी परंपरा के तहत पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता अपने रिश्तेदार महिलाओं को ही चेयरमैन का चेहरा बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. दरअसल, इस बार पाली नगर परिषद चेयरमैन पद के लिए ओबीसी महिला सीट के रूप में आरक्षित की गई है.

ऐसे में पिछले 6 माह से पाली में सामान्य सीट आने की उम्मीद लगा कर बैठे आधे से ज्यादा चेयरमैन के चेहरे वाले नेताओं के मंसूबों पर पानी फिर चुका है. वहीं, अब शहरी सरकार की राजनीति के ओबीसी धड़े से जुड़े सक्रिय नेता अपने परिचित महिलाओं को पाली शहरी मुखिया का चेहरा बनाने की जुगत में है.

पढ़ेंः अलवर लिचिंग मामलाः राजस्थान हाईकोर्ट ने पहलू खान और उनके बेटों पर दर्ज FIR रद्द करने के दिए आदेश

इसको लेकर पाली के कांग्रेस भवन और पाली विधायक ज्ञानचंद पारख के घर कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा है. इस संबंध में ईटीवी भारत की टीम ने दोनों ही पार्टी के पदाधिकारियों से बात की, जिसमें दोनों पार्टी के नेताओं ने महिला चेहरे के नाम को लेकर गंभीरता से जवाब दिया. हालांकि, दोनों ने पार्टी के पदाधिकारियों से सक्रिय महिला कार्यकर्ताओं को ही चेयरमैन का चेहरा बनाने की बात कही. जिसके बाद यह भी कहा कि जिस महिला के पास ज्यादा पार्षदों का समर्थन होगा. वहीं पाली शहर की नई शहरी मुखिया होगी. दोनों ही पार्टी की ओर से सभी नामों पर अंतिम निर्णय लगभग हो चुका है. कयास लगाए जा रहे हैं कि गुरुवार देर रात तक दोनों ही पार्टी की ओर से सभी नामों पर मुहर लग जाएगी.

पाली. निकाय चुनाव को लेकर 1 नवंबर से आवेदन की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है, जिसके चलते राजनीतिक गलियारों में दोनों ही पार्टियों में सरगर्मियां तेज हो चुकी है. पाली नगर परिषद चुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टी के कार्यकर्ता अपने आला पदाधिकारियों के आगे अपनी दावेदारी ठोक चुके हैं. जिसके बाद अब गुरुवार शाम तक पाली के 65 वार्डों में प्रत्याशियों के चेहरे साफ होने की उम्मीद लगाई जा रही है.

पाली नगर परिषद चुनाव में शहरी मुखिया का चेहरा बना चुनौती

लेकिन इन कयासों के बीच इस बार दोनों ही पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती पाली चेयरमैन के लिए सक्रिय महिला कार्यकर्ता के चेहरे को आगे लाना है. दोनों ही पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं की ओर से पिछले 5 सालों से पार्टी के लिए सक्रिय भूमिका निभाने वाले चेहरे को इस बार आगे लाने का दावा किया जा रहा है. लेकिन समस्या यह है कि दोनों ही पार्टी के पास अभी तक सीधे तौर पर पाली नगर परिषद के चेयरमैन पद के लिए ओबीसी महिला के चेहरे का संकट बना हुआ है.

ऐसे में एक बार फिर से राजनीति की पुरानी परंपरा के तहत पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता अपने रिश्तेदार महिलाओं को ही चेयरमैन का चेहरा बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. दरअसल, इस बार पाली नगर परिषद चेयरमैन पद के लिए ओबीसी महिला सीट के रूप में आरक्षित की गई है.

ऐसे में पिछले 6 माह से पाली में सामान्य सीट आने की उम्मीद लगा कर बैठे आधे से ज्यादा चेयरमैन के चेहरे वाले नेताओं के मंसूबों पर पानी फिर चुका है. वहीं, अब शहरी सरकार की राजनीति के ओबीसी धड़े से जुड़े सक्रिय नेता अपने परिचित महिलाओं को पाली शहरी मुखिया का चेहरा बनाने की जुगत में है.

पढ़ेंः अलवर लिचिंग मामलाः राजस्थान हाईकोर्ट ने पहलू खान और उनके बेटों पर दर्ज FIR रद्द करने के दिए आदेश

इसको लेकर पाली के कांग्रेस भवन और पाली विधायक ज्ञानचंद पारख के घर कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा है. इस संबंध में ईटीवी भारत की टीम ने दोनों ही पार्टी के पदाधिकारियों से बात की, जिसमें दोनों पार्टी के नेताओं ने महिला चेहरे के नाम को लेकर गंभीरता से जवाब दिया. हालांकि, दोनों ने पार्टी के पदाधिकारियों से सक्रिय महिला कार्यकर्ताओं को ही चेयरमैन का चेहरा बनाने की बात कही. जिसके बाद यह भी कहा कि जिस महिला के पास ज्यादा पार्षदों का समर्थन होगा. वहीं पाली शहर की नई शहरी मुखिया होगी. दोनों ही पार्टी की ओर से सभी नामों पर अंतिम निर्णय लगभग हो चुका है. कयास लगाए जा रहे हैं कि गुरुवार देर रात तक दोनों ही पार्टी की ओर से सभी नामों पर मुहर लग जाएगी.

Intro:स्पेशल स्टोरी

- अंदर ही अंदर दोनों दलों के सक्रिय कार्यकर्ता तैयार कर रहे हैं अपनी रिश्तेदार महिलाओं को

पाली. निकाय चुनाव को लेकर 1 नवंबर से आवेदन की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। राजनीतिक गलियारों के दोनों ही बड़ी पार्टियों में सरगर्मियां तेज हो चुकी है। पाली नगर परिषद चुनाव को लेकर कांग्रेस व भाजपा दोनों ही पार्टी के कार्यकर्ता अपने आला पदाधिकारियों के आगे अपनी दावेदारी ठोक चुके हैं। अब गुरुवार शाम तक पाली के 65 वार्डों में प्रत्याशियों के चेहरे साफ होने की उम्मीद लगाई जा रही है। लेकिन इन कयासों के बीच इस बार दोनों ही पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती पाली चेयरमैन के लिए सक्रिय महिला कार्यकर्ता के चेहरे को आगे लाना है। दोनों ही पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं द्वारा पिछले 5 सालों से पार्टी के लिए सक्रिय भूमिका निभाने वाले चेहरे को इस बार आगे लाने का दावा किया जा रहा है। लेकिन समस्या यह है कि दोनों ही पार्टी के पास अभी तक सीधे तौर पर पाली नगर परिषद के चेयरमैन पद के लिए ओबीसी महिला चेहरे का ही संकट बना हुआ है। ऐसे में एक बार फिर से राजनीति की पुरानी परंपरा के तहत पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता अपने रिश्तेदार महिलाओं को ही चेयरमैन का चेहरा बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं।


Body:दरअसल इस बार पाली नगर परिषद चेयरमैन पद के लिए ओबीसी महिला सीट के रूप में आरक्षित की गई है। ऐसे में पिछले 6 माह से पाली में सामान्य सीट आने की उम्मीद लगा कर बैठे आधे से ज्यादा चेयरमैन के चेहरे वाले नेता जी के मंसूबों पर पानी फेर चुका है। अब शहरी सरकार की राजनीति के ओबीसी धड़े से जुड़े सक्रिय नेता अपने परिचित महिलाओं को पाली शहरी मुखिया का चेहरा बनाने की जुगत में है। इसको लेकर पाली के कांग्रेस भवन व पाली विधायक ज्ञानचंद पारख के घर कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा है। इस संबंध में ईटीवी भारत की टीम ने दोनों ही पार्टी के पदाधिकारियों से बात की। दोनों ने ही महिला चेहरे के नाम को लेकर गंभीरता से जवाब दिया। हालांकि दोनों ने पार्टी के पदाधिकारियों ने सक्रिय महिला कार्यकर्ताओं को ही चेयरमैन का चेहरा बनाने की बात कही। उसके बाद भी यह भी कहा कि जिस महिला के पास ज्यादा पार्षदों का समर्थन होगा वही पाली शहर की नई शहरी मुखिया होगी। दोनों ही पार्टी की ओर से सभी नामों पर अंतिम निर्णय लगभग हो चुका है। कयास लगाए जा रहे हैं कि गुरुवार देर रात तक दोनों ही पार्टी की ओर से सभी नामों पर मुहर लग जाएगी।

समाचार में पहली बाइट पाली विधायक ज्ञानचंद पारख व दूसरी बाइट पाली जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष चुन्नीलाल चाडवास की है


Conclusion:
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