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पंचायत का हुक्म नहीं मानने पर एक परिवार का हुक्का पानी बन्द - परिवार का हुक्का पानी बन्द

भले ही हम आजादी का 73वां साल मनाकर अपने आप को भारत का स्वतंत्र नागरिक मान रहे हों. लेकिन, आज भी समाज की बंदिशों और रूढ़िवादी पंचायतों के फरमान खत्म नहीं हो रहे हैं. इन पंचायत के आगे न तो पुलिस कुछ कर पाती है और न ही कोर्ट का फैसला इनके लिए मायने रखता है.

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Published : Sep 27, 2019, 2:14 PM IST

पाली. ऐसा ही एक मामला गुड़ा एंदला थाना क्षेत्रे से सामने आया. जहां एक परिवार के युवक को भाई के निधन पर उसके गोद जाने के लिए दबाव बनाया गया. जबकि मृतक के पहले से ही पुत्री है. जब मृतक के परिजनों ने गोद जाने की बजाय उसकी जायदाद उसकी पुत्री के नाम करने की सहमति दे दी. इस पर पंच नाराज हो गए और मृतक के भाई और उसके पुत्रों को पंचों से बिना पूछे सहमति देने के नाम पर 30 हजार रुपये मांगे. मांग पूरी नहीं करने पर समाज से बहिष्कृत करने की धमकी दी.

पंचायत का हुक्म नहीं मानने पर मिल रही सजा

पीड़ित परिवार ने समाज के पंचों को 30 हजार रुपये दे दिए. कुछ पंचों ने इसका विरोध किया, लेकिन कुछ पंच इससे सहमत नहीं हुए. पीड़ित परिवार ने अपने भाई के 12 दिन पूरे होने पर पंचों से पैसों के बारे में पूछा. इस पर समाज के पंच लक्ष्मणराम, भगवानलाल और हकाराम ने पूरे परिवार को ही समाज से बहिष्कृत करने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया. इसके अलावा पंचों ने पीड़ित परिवार से समाज में सम्मलित होने के लिए 50 हजार की ओर मांग करने लगे.

पढे़ं- आज होगी सलमान खान की याचिका पर सुनवाई

तब पीड़ित परिवार ने एसपी आनन्द शर्मा से मिलकर पूरे मामले को बताया. एसपी शर्मा ने गुड़ा एंदला थाना प्रभारी को मामला दर्ज कर जांच करने के आदेश दिए. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की, हालांकि यह भी सामने आ रहा है कि समाज के पन्चो ने पुलिस के सामने पीड़ित से परिवार लिए पैसे भी वापस कर दिए. पुलिस अभी पैसे वापस करने की बात स्वीकार बजाय जांच की बात कह रही है. जिले में समाज के पंचों के तुगलकी फरमान का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई मामले दर्ज हो चुके है.

पाली. ऐसा ही एक मामला गुड़ा एंदला थाना क्षेत्रे से सामने आया. जहां एक परिवार के युवक को भाई के निधन पर उसके गोद जाने के लिए दबाव बनाया गया. जबकि मृतक के पहले से ही पुत्री है. जब मृतक के परिजनों ने गोद जाने की बजाय उसकी जायदाद उसकी पुत्री के नाम करने की सहमति दे दी. इस पर पंच नाराज हो गए और मृतक के भाई और उसके पुत्रों को पंचों से बिना पूछे सहमति देने के नाम पर 30 हजार रुपये मांगे. मांग पूरी नहीं करने पर समाज से बहिष्कृत करने की धमकी दी.

पंचायत का हुक्म नहीं मानने पर मिल रही सजा

पीड़ित परिवार ने समाज के पंचों को 30 हजार रुपये दे दिए. कुछ पंचों ने इसका विरोध किया, लेकिन कुछ पंच इससे सहमत नहीं हुए. पीड़ित परिवार ने अपने भाई के 12 दिन पूरे होने पर पंचों से पैसों के बारे में पूछा. इस पर समाज के पंच लक्ष्मणराम, भगवानलाल और हकाराम ने पूरे परिवार को ही समाज से बहिष्कृत करने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया. इसके अलावा पंचों ने पीड़ित परिवार से समाज में सम्मलित होने के लिए 50 हजार की ओर मांग करने लगे.

पढे़ं- आज होगी सलमान खान की याचिका पर सुनवाई

तब पीड़ित परिवार ने एसपी आनन्द शर्मा से मिलकर पूरे मामले को बताया. एसपी शर्मा ने गुड़ा एंदला थाना प्रभारी को मामला दर्ज कर जांच करने के आदेश दिए. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की, हालांकि यह भी सामने आ रहा है कि समाज के पन्चो ने पुलिस के सामने पीड़ित से परिवार लिए पैसे भी वापस कर दिए. पुलिस अभी पैसे वापस करने की बात स्वीकार बजाय जांच की बात कह रही है. जिले में समाज के पंचों के तुगलकी फरमान का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई मामले दर्ज हो चुके है.

Intro:पाली. भले ही हम आजादी का 73 वां साल मनाकर अपने आप को भारत का स्वतंत्र नागरीक मान रहे है। लेकिन, आज भी समाज की बंदिषे और रूढिवादी पंचायतों के तुगलकी फरमान खत्म नहीं हो रहे है। इन पंचायत के आगे न तो पुलिस कुछ कर पाती है और न ही कोर्ट का फैसला इनके लिए मायने रखता है। यहा चलता है तो सिर्फ इनका फैसला और जिसने इस फैसले को नहीं मानने की हिमाकत की। तो उसका समाज से हुक्का पानी बंद। 


Body:ऐसा ही एक मामला पाली जिले के गुड़ा एंदला थाना क्षेत्र के चांचौड़ी गांव का सामने आया। जंहा एक परिवार के युवक को भाई के निधन पर उसके गोद जाने के लिए दबाव बनाया गया। जबकि मृतक के पहले से ही पुत्री है। जब मृतक के परिजनों ने गोद जाने की बजाय उसकी जायदाद उसकी पुत्री के नाम करने की सहमति दे दी। इस पर पंच नाराज हो गए और मृतक के भाई व उसके पुत्रो को पंचों से बिना पूछे सहमति देने के नाम पर 30 हजार रुपये मांगे। ओर नही देने  समाज से बहिष्कृत करने की धमकी दी।  पीड़ित परिवार ने समाज के पंचों को 30 हजार रुपये दे दिए। कुछ पन्चो ने इसका विरोध किया, लेकिन कुछ पंच इससे सहमत नही हुए ।पीड़ित परिवार ने अपने भाई के 12 दिन पूरे होने पर पन्चो से पैसों के बारे में पूछा। इस पर समाज के पंच लक्ष्मणराम, भगवानलाल तथा हकाराम ने पूरे परिवार को ही समाज से बहिष्कृत करने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया। जिसके चलते दूसरे लोग भी पंचों के डर से इनसे दूर रहने लगे गए।और पूरा परिवार समाज से अलग थलग पड़ गया। पीड़ित परिवार से समाज मे सम्मलित होने के लिए 50 हजार की ओर मांग करने लगे। तब पीड़ित परिवार ने एसपी आनन्द शर्मा से मिलकर पूरे मामले को बताया। एसपी शर्मा ने गुड़ा एंदला थाना प्रभारी को मामला दर्ज कर जांच करने के आदेश दिए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। हालांकि यह भी सामने आ रहा है कि समाज के पन्चो ने पुलिस के सामने पीड़ित से परिवार लिए पैसे भी वापस कर दिए। लेकिन पुलिस अभी पैसे वापस करने की बात स्वीकार बजाय जांच की बात कह रही है। पाली जिले में समाज के पन्चो के तुगलकी फरमान का यह पहला मामला नही इससे पूर्व भी कई मामले दर्ज हो चुके है ।

बाइट 01 सुरेश कुमार पीड़ितConclusion:
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