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पाली: प्रभारी सचिव ने ली अधिकारियों की बैठक, प्रदूषण के मुद्दे को बताया गंभीर

पाली जिले की प्रभारी सचिव ने शनिवार को जिला कलेक्टर सभागार कक्ष में एनजीटी के आदेश के क्रियान्विति के संबंध में अब तक की गई कार्रवाई की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.

Officers meeting in Pali,  Pollution problem in Pali
अधिकारियों की बैठक
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Published : Dec 20, 2020, 8:37 AM IST

पाली. जिले की प्रभारी सचिव श्रेया गुहा ने कहा कि पाली में जल प्रदूषण की समस्या के स्थाई समाधान के लिए गंभीरता से कार्य करने की जरूरत है. प्रभारी सचिव ने शनिवार को जिला कलेक्टर सभागार कक्ष में एनजीटी के आदेश के क्रियान्विति के संबंध में अब तक की गई कार्रवाई की समीक्षा करते हुए कहा कि पाली में प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार हर संभव सहायता करने की तैयार है. पाली में प्रदूषण के निजात के साथ औद्योगिक क्षेत्र में निरंतर विकास भी जरूरी है.

उन्होंने सीईटीपी के अध्यक्ष को कहा कि जल उपचारित संयंत्रों से निर्धारित मानक पर पानी को ट्रीट किया जाए. किसी भी सूरत में प्रदूषित पानी नदी में नहीं जाए. इसकी सुनिचितता की जाए. उन्होंने कहा कि पाली को जनता को प्रदूषण से बचाना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है. सभी को मिलकर इस समस्या का स्थाई समाधान ढूंढना चाहिए. साथ ही उद्योगिक क्षेत्र से जुड़े व्यापारी और सरकारी अधिकारियों की मंशा होनी चाहिए कि पाली को किस तरह प्रदूषण मुक्त कर लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के साथ पर्यावरण को बचाया जा सके.

पढ़ें- प्रभारी मंत्री सालेह मोहम्मद का आज पाली दौरा, सरकार की 2 साल की उपलब्धियों से करवाएंगे रूबरू

श्रेया गुहा ने कहा कि समस्या से निपटने के लिए एनजीटी के आदेश की पालना करते हुए एक प्लान तैयार करें और आवश्यकता पड़ने पर दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि जिला स्तर गठित कमेटियां युद्धस्तर पर प्रदूषण समस्याओं का निदान करें. शिकायत प्राप्त होते ही अधिकारियों को मौके पर भेजकर दोषी के विरूद्ध पुख्ता कार्रवाई करें. नदी और अन्य स्थानों पर प्रदूषित पानी के टैंकर खाली करने वालों को बख्शा नहीं जाए.

गुहा ने एनजीटी के निर्देशों के संबंध में अब तक जिला स्तर कार्रवाई की विभागवार समीक्षा की. उन्होंने जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को प्रदूषण से निपटने के लिए और अधिक सक्रिय होकर कार्य करने को कहा. उन्होंने कहा कि अवैध रूप से संचालित इकाईयों की पहचान कर कार्रवाई करें.

जिला कलेक्टर अंशदीप ने प्रभारी सचिव को पाली में प्रदूषण समस्या के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए जिला प्रशासन की ओर से तैयार की गई कार्रवाई की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जिला, उपखंड और तहसील स्तर पर कमेटियों का गठन कर एनजीटी के आदेशों की पालना की.

अंशदीप ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से अब तक नियमानुसार कार्य नहीं करने पर 44 फैक्ट्रियों को बंद कराने के साथ ही अवैध रूप से संचालित हो रही 82 औद्योगिक इकाईयों को पूर्ण रूप से बंद करा दिया है. इस संबंध में कार्रवाई निरंतर जारी है. चयनित क्षेत्र में कृषि खराबा रिपोर्ट लेने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की स्वास्थ्य जांच एवं मिट्टी पानी के नमूनों की जांच करवाई जा रही है.

परिवहन विभाग की ओर से प्रदूषित पानी छोड़ने वाले टैंकरों की धरपकड़ की जा रही है. जल प्रदूषण समस्या की शिकायत प्राप्त करने व्हाट्सअप और मोबाइल नंबर जारी किए गए. उन्होंने कहा कि सीईटीपी में जेडएलडी प्लांट के निर्माण की निरंतर समीक्षा के साथ स्लज, बायोवेस्ट निस्तारण की कार्रवाई की जा रही है.

पाली. जिले की प्रभारी सचिव श्रेया गुहा ने कहा कि पाली में जल प्रदूषण की समस्या के स्थाई समाधान के लिए गंभीरता से कार्य करने की जरूरत है. प्रभारी सचिव ने शनिवार को जिला कलेक्टर सभागार कक्ष में एनजीटी के आदेश के क्रियान्विति के संबंध में अब तक की गई कार्रवाई की समीक्षा करते हुए कहा कि पाली में प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार हर संभव सहायता करने की तैयार है. पाली में प्रदूषण के निजात के साथ औद्योगिक क्षेत्र में निरंतर विकास भी जरूरी है.

उन्होंने सीईटीपी के अध्यक्ष को कहा कि जल उपचारित संयंत्रों से निर्धारित मानक पर पानी को ट्रीट किया जाए. किसी भी सूरत में प्रदूषित पानी नदी में नहीं जाए. इसकी सुनिचितता की जाए. उन्होंने कहा कि पाली को जनता को प्रदूषण से बचाना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है. सभी को मिलकर इस समस्या का स्थाई समाधान ढूंढना चाहिए. साथ ही उद्योगिक क्षेत्र से जुड़े व्यापारी और सरकारी अधिकारियों की मंशा होनी चाहिए कि पाली को किस तरह प्रदूषण मुक्त कर लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के साथ पर्यावरण को बचाया जा सके.

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श्रेया गुहा ने कहा कि समस्या से निपटने के लिए एनजीटी के आदेश की पालना करते हुए एक प्लान तैयार करें और आवश्यकता पड़ने पर दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि जिला स्तर गठित कमेटियां युद्धस्तर पर प्रदूषण समस्याओं का निदान करें. शिकायत प्राप्त होते ही अधिकारियों को मौके पर भेजकर दोषी के विरूद्ध पुख्ता कार्रवाई करें. नदी और अन्य स्थानों पर प्रदूषित पानी के टैंकर खाली करने वालों को बख्शा नहीं जाए.

गुहा ने एनजीटी के निर्देशों के संबंध में अब तक जिला स्तर कार्रवाई की विभागवार समीक्षा की. उन्होंने जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को प्रदूषण से निपटने के लिए और अधिक सक्रिय होकर कार्य करने को कहा. उन्होंने कहा कि अवैध रूप से संचालित इकाईयों की पहचान कर कार्रवाई करें.

जिला कलेक्टर अंशदीप ने प्रभारी सचिव को पाली में प्रदूषण समस्या के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए जिला प्रशासन की ओर से तैयार की गई कार्रवाई की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जिला, उपखंड और तहसील स्तर पर कमेटियों का गठन कर एनजीटी के आदेशों की पालना की.

अंशदीप ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से अब तक नियमानुसार कार्य नहीं करने पर 44 फैक्ट्रियों को बंद कराने के साथ ही अवैध रूप से संचालित हो रही 82 औद्योगिक इकाईयों को पूर्ण रूप से बंद करा दिया है. इस संबंध में कार्रवाई निरंतर जारी है. चयनित क्षेत्र में कृषि खराबा रिपोर्ट लेने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की स्वास्थ्य जांच एवं मिट्टी पानी के नमूनों की जांच करवाई जा रही है.

परिवहन विभाग की ओर से प्रदूषित पानी छोड़ने वाले टैंकरों की धरपकड़ की जा रही है. जल प्रदूषण समस्या की शिकायत प्राप्त करने व्हाट्सअप और मोबाइल नंबर जारी किए गए. उन्होंने कहा कि सीईटीपी में जेडएलडी प्लांट के निर्माण की निरंतर समीक्षा के साथ स्लज, बायोवेस्ट निस्तारण की कार्रवाई की जा रही है.

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