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पाली में कोरोना काल के बाद पहली बार हुई NGT की बैठक

पाली में प्रदूषण समस्या को लेकर गुरुवार को एनजीटी की बैठक जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में आयोजित हुई. इस बैठक में पाली शहर में संचालित हो रही 558 कपड़ा इकाइयों को एनजीटी के नियमों के तहत संचालित करने के निर्देश दिए हैं.

NGT meeting held in pali, पाली में एनजीटी की बैठक
एनजीटी की आयोजित हुई बैठक
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Published : Jun 3, 2021, 7:39 PM IST

पाली. सबसे बड़ी समस्या प्रदूषण को लेकर एनजीटी की बैठक गुरुवार को जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में आयोजित हुई. इस बैठक में जिला कलेक्टर अंशदीप ने सभी अधिकारियों की बैठक लेते हुए पाली शहर में संचालित हो रही 558 कपड़ा इकाइयों को एनजीटी के नियमों के तहत संचालित करने के निर्देश दिए हैं.

पढ़ेंः राजस्थान में एक बार फिर कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम पर फिर सकता है पानी, जानें क्या है कारण...

उन्होंने कहा है कि अभी भी कहीं फैक्ट्री संचालक लगातार लापरवाही कर रहे हैं. इसका नतीजा यह हो रहा है कि बड़ी नदी में लगातार प्रदूषित पानी में कमी नहीं आई है. उन्होंने कहा है एक बार फिर से लापरवाह कपड़ा इकाई संचालकों के खिलाफ कार्रवाई आवश्यक है. तभी बड़ी नदी के प्रदूषण को रोका जा सकेगा.

बता दें कि कोरोना काल के चलते पाली प्रशासन की पूरी नजर कोरोना संक्रमण को कम करने और संक्रमित मरीजों की व्यवस्था करने में लगी हुई थी. इस कारण से एनजीटी की बैठक नहीं हो पाई. करोना काल में ही कपड़ा इकाई संचालकों की ओर से अंधाधुंध प्रदूषित पानी नदी में भी बहाया गया.

पढ़ें- धौलपुर में कचरे के ढेर में फेंक कर जलाई गई दवाइयां, सड़क पर भी मिले सरकारी दवाओं के कार्टन

इन सभी शिकायतों पर प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से कार्रवाई भी की गई थी, लेकिन अभी भी पाली शहर में एनजीटी के नियमों को सख्ती से लागू नहीं किया जा सका है. ऐसे में अब भी एनजीटी की तीखी नजरें पाली के कपड़ा उद्योग पर मंडरा रही है. इस बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर चंद्रभान सिंह भाटी, पाली एसडीएम देसलदान और प्रदूषण नियंत्रण मंडल के सभी अधिकारी और कई उद्यमी मौजूद थे.

पाली. सबसे बड़ी समस्या प्रदूषण को लेकर एनजीटी की बैठक गुरुवार को जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में आयोजित हुई. इस बैठक में जिला कलेक्टर अंशदीप ने सभी अधिकारियों की बैठक लेते हुए पाली शहर में संचालित हो रही 558 कपड़ा इकाइयों को एनजीटी के नियमों के तहत संचालित करने के निर्देश दिए हैं.

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उन्होंने कहा है कि अभी भी कहीं फैक्ट्री संचालक लगातार लापरवाही कर रहे हैं. इसका नतीजा यह हो रहा है कि बड़ी नदी में लगातार प्रदूषित पानी में कमी नहीं आई है. उन्होंने कहा है एक बार फिर से लापरवाह कपड़ा इकाई संचालकों के खिलाफ कार्रवाई आवश्यक है. तभी बड़ी नदी के प्रदूषण को रोका जा सकेगा.

बता दें कि कोरोना काल के चलते पाली प्रशासन की पूरी नजर कोरोना संक्रमण को कम करने और संक्रमित मरीजों की व्यवस्था करने में लगी हुई थी. इस कारण से एनजीटी की बैठक नहीं हो पाई. करोना काल में ही कपड़ा इकाई संचालकों की ओर से अंधाधुंध प्रदूषित पानी नदी में भी बहाया गया.

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इन सभी शिकायतों पर प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से कार्रवाई भी की गई थी, लेकिन अभी भी पाली शहर में एनजीटी के नियमों को सख्ती से लागू नहीं किया जा सका है. ऐसे में अब भी एनजीटी की तीखी नजरें पाली के कपड़ा उद्योग पर मंडरा रही है. इस बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर चंद्रभान सिंह भाटी, पाली एसडीएम देसलदान और प्रदूषण नियंत्रण मंडल के सभी अधिकारी और कई उद्यमी मौजूद थे.

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