ETV Bharat / state

जवाई बांध के पानी वितरण का विवाद गहराया, संभागीय आयुक्त ने कहा- किसी को नहीं होगी समस्या

पाली में जवाई बांध के पानी का वितरण होने के बाद लगातार पेयजल समस्या को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा था. वहीं इस बार बंटवारे में जलदाय विभाग की मांग पर 11 एमसीएफटी पानी कम दिया गया है. इसके बाद संभागीय आयुक्त ने एक प्रेस नोट जारी कर पाली के लोगों को आश्वस्त किया है कि किसी को पानी की समस्या नहीं होगी.

पाली न्यूज, राजस्थान न्यूज, pali news, rajasthan news
जिले में जवाई बांध के पानी का विवाद
author img

By

Published : Oct 16, 2020, 4:07 PM IST

पाली. जिले के सबसे बड़े पेयजल स्त्रोत जवाई बांध में पानी का वितरण होने के बाद लगातार पेयजल समस्या को लेकर विवाद हो रहा था. वहीं इस बार बंटवारे में जलदाय विभाग की मांग पर 11 एमसीएफटी पानी कम दिया गया है. इसपर आने वाले 2 महीनों के बाद पाली में पेयजल संकट की आशंका जताई गई थी. इसके बाद संभागीय आयुक्त ने एक प्रेस नोट जारी कर पाली के लोगों को आश्वस्त रहने के लिए कहा है.

जिले में जवाई बांध के पानी का विवाद

उन्होंने कहा है कि जवाई बांध का पानी उन्होंने तकनीकी रूप से बांटा है. इससे न किसानों को समस्या आएगी और न पाली की जनता को. उन्होंने कहा कि जवाई बांध से उपलब्ध कराया गया पानी पाली की जनता को वर्ष भर मिलता रहेगा. साथ ही संभागीय आयुक्त ने बताया कि जवाई बांध जल वितरण के निर्णय के अनुसार विगत दो वर्षों में उपलब्ध जल के आरक्षण सिंचाई और पेयजल के लिए अनुपातिक रुप से किया जाना निर्धारित किया गया है.

वहीं इस वर्ष जवाई में उपलब्ध पानी 6192.51 मिलियन घनफुट में से सिंचाई के लिए 3900 एमसीएफटी (53%) और पेयजल के लिए 2292.51 (37%) मिलियन घनफुट आरक्षित किया गया है. संभागीय आयुक्त ने बताता कि वर्ष 2017-18 में कुल उपयोगी जल 7785.14 मिलियन घनफुट में से पेयजल के लिए 2885.14 मिलियन घनफुट 37 प्रतिशत व सिंचाई के लिए 4900 मिलियन घनफुट मतलब कुल 63 फीसदी जल राशि आरक्षित किया गया है.

पढ़ें: महिलाएं कृषि में अहम भूमिका निभाएं : कृषि उप निदेशक

इसी प्रकार वर्ष 2019-20 में कुल उपयोगी 5288.45 मिलियन घनफुट पानी में से पेयजल के लिए 1938.45 मिलियन घनफुट (37%) और सिंचाई के लिए 3350 मिलियन घनफुट (63%) पानी आरक्षित किया गया है. गत वर्षों के ट्रेंड के अनुरूप इसी भांति इस वर्ष 2020-21 में भी कुल उपलब्ध उपयोगी पानी 6192.51 मिलियन घनफुट में से सिंचाई के लिए 3900 (63%) व पेयजल के लिए 2292.51 (37%) मिलियन घनफुट पीने के पानी को उपयोग में लेना निर्धारित किया गया है.

जिसके बाद जन प्रतिनिधियों व जल उपभोक्ता संगम अध्यक्षों की ओर से कहा गया है कि जलदाय विभाग ने अतिरिक्त मांग की है. जिसमें पाईप लाइन बिछाने व रिजर्व वायर बनने की इस वर्ष संभावना नहीं है. वहीं जलदाय विभाग की ओर से नई परियोजना के लिए रिजर्व वायर निर्माण व पाइप लाइन बिछाने का कार्य दिसंबर 2020 तक पूरा नहीं होने की दशा में कम पानी की आवश्यकता जलदाय विभाग को होगी.

इस कारण 100 मिलियन घनफुट अतिरिक्त जल उपलब्ध होने पर सिंचाई के लिए 3900 व अतिरिक्त 100 एमसीएफटी अर्थात 4000 मिलियन घनफुट पानी सिंचाई के लिए उपलब्ध हो सकेगा. साथ ही शेष 2192.51 मिलियन घनफुट पानी पेयजल के लिए आरक्षित रहेगा. उन्होंने बताया कि 6 अक्टूबर को जिला कलेक्टर पाली व अध्यक्ष हेमावास जल वितरण समिति की बैठक में हेमावास बांध से पेयजल हेतु 230.14 एमसीएफटी पानी इस वर्ष आरक्षित किया जा चुका है. इस वर्ष जल संसाधन विभाग की ओर से छीजत रोकने के प्रभावी उपाय किए जाएंगे. जहां 250 एमसीएफटी अतिरिक्त उपलब्ध पानी पेयजल के लिए रखने के निर्देश दिए गए हैं.

पाली. जिले के सबसे बड़े पेयजल स्त्रोत जवाई बांध में पानी का वितरण होने के बाद लगातार पेयजल समस्या को लेकर विवाद हो रहा था. वहीं इस बार बंटवारे में जलदाय विभाग की मांग पर 11 एमसीएफटी पानी कम दिया गया है. इसपर आने वाले 2 महीनों के बाद पाली में पेयजल संकट की आशंका जताई गई थी. इसके बाद संभागीय आयुक्त ने एक प्रेस नोट जारी कर पाली के लोगों को आश्वस्त रहने के लिए कहा है.

जिले में जवाई बांध के पानी का विवाद

उन्होंने कहा है कि जवाई बांध का पानी उन्होंने तकनीकी रूप से बांटा है. इससे न किसानों को समस्या आएगी और न पाली की जनता को. उन्होंने कहा कि जवाई बांध से उपलब्ध कराया गया पानी पाली की जनता को वर्ष भर मिलता रहेगा. साथ ही संभागीय आयुक्त ने बताया कि जवाई बांध जल वितरण के निर्णय के अनुसार विगत दो वर्षों में उपलब्ध जल के आरक्षण सिंचाई और पेयजल के लिए अनुपातिक रुप से किया जाना निर्धारित किया गया है.

वहीं इस वर्ष जवाई में उपलब्ध पानी 6192.51 मिलियन घनफुट में से सिंचाई के लिए 3900 एमसीएफटी (53%) और पेयजल के लिए 2292.51 (37%) मिलियन घनफुट आरक्षित किया गया है. संभागीय आयुक्त ने बताता कि वर्ष 2017-18 में कुल उपयोगी जल 7785.14 मिलियन घनफुट में से पेयजल के लिए 2885.14 मिलियन घनफुट 37 प्रतिशत व सिंचाई के लिए 4900 मिलियन घनफुट मतलब कुल 63 फीसदी जल राशि आरक्षित किया गया है.

पढ़ें: महिलाएं कृषि में अहम भूमिका निभाएं : कृषि उप निदेशक

इसी प्रकार वर्ष 2019-20 में कुल उपयोगी 5288.45 मिलियन घनफुट पानी में से पेयजल के लिए 1938.45 मिलियन घनफुट (37%) और सिंचाई के लिए 3350 मिलियन घनफुट (63%) पानी आरक्षित किया गया है. गत वर्षों के ट्रेंड के अनुरूप इसी भांति इस वर्ष 2020-21 में भी कुल उपलब्ध उपयोगी पानी 6192.51 मिलियन घनफुट में से सिंचाई के लिए 3900 (63%) व पेयजल के लिए 2292.51 (37%) मिलियन घनफुट पीने के पानी को उपयोग में लेना निर्धारित किया गया है.

जिसके बाद जन प्रतिनिधियों व जल उपभोक्ता संगम अध्यक्षों की ओर से कहा गया है कि जलदाय विभाग ने अतिरिक्त मांग की है. जिसमें पाईप लाइन बिछाने व रिजर्व वायर बनने की इस वर्ष संभावना नहीं है. वहीं जलदाय विभाग की ओर से नई परियोजना के लिए रिजर्व वायर निर्माण व पाइप लाइन बिछाने का कार्य दिसंबर 2020 तक पूरा नहीं होने की दशा में कम पानी की आवश्यकता जलदाय विभाग को होगी.

इस कारण 100 मिलियन घनफुट अतिरिक्त जल उपलब्ध होने पर सिंचाई के लिए 3900 व अतिरिक्त 100 एमसीएफटी अर्थात 4000 मिलियन घनफुट पानी सिंचाई के लिए उपलब्ध हो सकेगा. साथ ही शेष 2192.51 मिलियन घनफुट पानी पेयजल के लिए आरक्षित रहेगा. उन्होंने बताया कि 6 अक्टूबर को जिला कलेक्टर पाली व अध्यक्ष हेमावास जल वितरण समिति की बैठक में हेमावास बांध से पेयजल हेतु 230.14 एमसीएफटी पानी इस वर्ष आरक्षित किया जा चुका है. इस वर्ष जल संसाधन विभाग की ओर से छीजत रोकने के प्रभावी उपाय किए जाएंगे. जहां 250 एमसीएफटी अतिरिक्त उपलब्ध पानी पेयजल के लिए रखने के निर्देश दिए गए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.