पाली. देसूरी थाना क्षेत्र के नारलाई गांव में रहने वाली गवरा की हत्या एक अनसुलझी पहेली बनती जा रही है. इस पहेली को सुलझाने के लिए पिछले 15 दिनों से पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा सहित पाली के अधिकारी देसूरी में कैंप लगाकर बैठे हैं. लेकिन पुलिस के हाथ अबतक एक भी आरोपी नहीं लग पाया है. जबकि पुलिस ने 7 हजार से ज्यादा कॉल रिकॉर्ड खंगाले हैं. 700 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की है और करीब 500 लोगों से मृतका के बारे में जानकारी भी जुटाई है. परिजनों से भी पूछताछ की है.
गवरा हत्याकांड के बाद में सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्वीट किया और उसके बाद दूसरे भाजपा नेताओं ने ट्वीट कर इस मामले को प्रदेश स्तर पर उठा दिया. इसके बाद से ही आनन-फानन में पुलिस अधिकारी पिछले 15 दिनों से देसूरी में इस मामले का पर्दाफाश करने में जुटे हुए हैं. पुलिस अधिकारियों का कहना है, कि उनकी ओर से अभी तफ्तीश जारी है और जल्द ही आरोपी सबके सामने होगा. हालांकि पुलिस की इन सभी कार्रवाई के बीच पाली में सरगरा समाज भी लगातार पुलिस की नाकामयाबी पर अपना विरोध प्रदर्शन करता नजर आ रहा है.
इस जघन्य हत्याकांड को 15 दिन हो जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली होने के विरोध में बुधवार को जिले भर के सरगरा समाज पाली जिला मुख्यालय पर इकट्ठा होकर अपना विरोध प्रदर्शन करने वाले हैं. ऐसे में लगातार गवरा की हत्या के बाद यह मामला सियासी रंग पकड़ता जा रहा है.
मृतका गवरा 4 दिसंबर के दिन रहस्यमयी तरीके से अपने खेत से कुछ दूरी से गायब हो गई थी. उस समय परिजनों ने बताया था, कि गवरा के चिल्लाने की आवाज आई थी. उसके बाद उसे काफी ढूंढने की कोशिश की गई लेकिन वह नहीं मिल पाई. उसके बाद उनके खेत से डेढ़ किलोमीटर दूर 5 दिसंबर को उसका रक्तरंजित शव मिला.
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जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने गवरा का पहला पोस्टमार्टम देसूरी के अस्पताल में करवाया. जहां मृतका की हत्या का ही मामला सामने आया. लेकिन परिजनों ने मृतका के साथ दुष्कर्म की आशंका जताते हुए कार्रवाई में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर दिया. इसके बाद 8 दिसंबर को मृतका का दोबारा पाली में पोस्टमार्टम करवाया गया. जहां मृतका के साथ दुष्कर्म का प्रयास होने की संभावना सामने आई.
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी. लेकिन अबतक पुलिस गवरा के हत्यारों को नहीं ढूंढ पाई है. ऐसे में लगातार पुलिस अधिकारियों की देसूरी में ही कैंप बनाकर चहल-पहल बढ़ी हुई है. इस मामले की गम्भीरता को देखते हुए आईजी सचिन मित्तल ने भी देसूरी आकर पुलिस अधिकारियों की बैठक लेकर इस केस की रिपोर्ट ली. पाली पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा पिछले 15 दिनों से देसूरी में ही कैंप बनाकर बैठे हैं.