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लॉकडाउन में बंद पड़े होटल में मादा पैंथर ने डाला डेरा, दो-तीन शावकों को दिया जन्म

पाली में लॉकडाउन के चलते पैंथर खुलेआम घूमते नजर आने लगे है. राणकपुर क्षेत्र में एक निर्माणाधीन होटल में पैंथर की एक कुनबे ने अपना डेरा डाल दिया है. साथ ही मादा पैंथर ने हाल में इस होटल में शावकों को भी जन्म दिया है और अपने पूरे परिवार के साथ यह पैंथर होटल में ही रह रहे हैं.

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पैंथर ने होटल में डाला डेरा
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Published : May 5, 2020, 9:18 PM IST

Updated : May 6, 2020, 12:04 PM IST

पाली. लॉकडाउन के चलते पाली में पैंथर कंजर्वेशन राणकपुर जैन मंदिर पर्यटन स्थल पूरी तरह से बंद है. साथ ही यहां की सभी बड़े होटल पिछले डेढ़ माह से पूरी तरह से बंद हैं और यहां के स्टाफ भी अपने घर चला गया है. ऐसे में इस जंगल एरिया में वन्यजीवों का स्वच्छंद विचरण नजर आने लगा है. लॉकडाउन के पसरे सन्नाटे के बीच राणकपुर क्षेत्र की एक निर्माणाधीन होटल में पैंथर के एक कुनबे ने अपना डेरा डाल दिया है. मादा पैंथर ने हाल में इस होटल में शावकों को जन्म दिया है जिनकी संख्या दो से तीन बताई जा रही है.

मादा पैंथर ने तीन शावकों को यहां दिया जन्म

जानकारी के अनुसार पिछले 20 दिनों से पैंथर का पूरा परिवार इसी निर्माणाधीन होटल को सुरक्षित स्थान समझकर रहने लगा है. रविवार देर रात को इसी होटल के कर्मचारियों ने खिड़की से बाहर ताक रहे पैंथर के शावक को देखने के बाद इस मामले की सूचना वन विभाग को दी. सोमवार को वन विभाग की टीम इसका जायजा लेने के लिए होटल पहुंची और होटल के आसपास के क्षेत्र को पूरी तरह से सीज किया, ताकि इन पैंथर के कुनबे के पास कोई भी इंसानी दखल ना हो सके.

पढ़ेंः फंसे हुए श्रमिकों के अलावा अन्य प्रवासी धैर्य रखें : CM गहलोत

बताया जा रहा है कि इस निर्माणाधीन होटल में एक मादा पैंथर, एक नर पैंथर और इसके दो या तीन शावक अंदर निवास कर रहे हैं. हालांकि अभी तक वन विभाग ने इस होटल के आसपास एक्टिव ट्रेकर लगाए हैं. ताकि पता चल सके कि इस निर्माणाधीन होटल में कितने पैंथर निवास कर रहे हैं.

पढ़ेंः सांसद ने ओलावृष्टि क्षेत्र का दौरा कर जाना किसानों का हाल

वहीं उच्च अधिकारियों से बात करने के बाद अब पता चला है कि इन पैंथर का किसी भी प्रकार से रेस्क्यू नहीं किया जाएगा. वन विभाग इस होटल के पास आसपास ऐसी गतिविधि करेगा कि यह पैंथर कुनबा अपने आप ही अपनी जगह बदल कर जंगल की ओर चला जाएगा.

बता दें कि अरावली पर्वतमाला के बीच फैला राणकपुर वन क्षेत्र और पैंथर कंजर्वेशन में करीब 80 से ज्यादा पैंथर के कुनबे निवास करते हैं. पाली में पर्यटन को बढ़ावा देने में इन्हीं पैंथर की भूमिका सबसे ज्यादा है. लगातार इंसानी दखल के बढ़ने के कारण यह पैंथर भीतरी जंगलों में जाकर अपना घर बना चुके थे, लेकिन पिछले डेढ़ माह से लॉकडाउन होने के बाद वन क्षेत्र में किसी भी प्रकार की इंसानी दखल नहीं है और वन क्षेत्र के करीब ही बनी इन होटलों में भी पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है.

पढ़ेंः राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने लिया ओलावृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का जायजा, CM गहलोत से की ये मांग

ऐसे में एक बार फिर से यह वन्य जीव अपने आपको वन और इसके आसपास की सीमा में सुरक्षित मान रहे हैं. इसके चलते यह जीव अपने सहायकों के लिए सुरक्षित स्थान समझ इन होटलों में आकर रहने लग गए हैं. हालांकि वन विभाग पैंथर के इस तरीके से खुले विचरण को देख कर काफी खुश है कि एक बार फिर से पाली के वन क्षेत्र में पैंथर का आंकड़ा और बढ़ता नजर आ रहा है.

वन विभाग की टीम ने इस होटल के आसपास 10 एक्टिव ट्रेकर लगाए हैं, ताकि अगर यह पैंथर दूसरे स्थान पर मूवमेंट करते हैं तो उसकी जानकारी वन विभाग को मिल पाए. साथ ही इनके संख्याओं का भी पता चल सके. वन विभाग की टीम ने इन होटल के आसपास इंसानी दखल पूरी तरह से बंद कर दी है, ताकि मादा पैंथर अपने शावकों को अपने साथ ही लेकर जाए.

पाली. लॉकडाउन के चलते पाली में पैंथर कंजर्वेशन राणकपुर जैन मंदिर पर्यटन स्थल पूरी तरह से बंद है. साथ ही यहां की सभी बड़े होटल पिछले डेढ़ माह से पूरी तरह से बंद हैं और यहां के स्टाफ भी अपने घर चला गया है. ऐसे में इस जंगल एरिया में वन्यजीवों का स्वच्छंद विचरण नजर आने लगा है. लॉकडाउन के पसरे सन्नाटे के बीच राणकपुर क्षेत्र की एक निर्माणाधीन होटल में पैंथर के एक कुनबे ने अपना डेरा डाल दिया है. मादा पैंथर ने हाल में इस होटल में शावकों को जन्म दिया है जिनकी संख्या दो से तीन बताई जा रही है.

मादा पैंथर ने तीन शावकों को यहां दिया जन्म

जानकारी के अनुसार पिछले 20 दिनों से पैंथर का पूरा परिवार इसी निर्माणाधीन होटल को सुरक्षित स्थान समझकर रहने लगा है. रविवार देर रात को इसी होटल के कर्मचारियों ने खिड़की से बाहर ताक रहे पैंथर के शावक को देखने के बाद इस मामले की सूचना वन विभाग को दी. सोमवार को वन विभाग की टीम इसका जायजा लेने के लिए होटल पहुंची और होटल के आसपास के क्षेत्र को पूरी तरह से सीज किया, ताकि इन पैंथर के कुनबे के पास कोई भी इंसानी दखल ना हो सके.

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बताया जा रहा है कि इस निर्माणाधीन होटल में एक मादा पैंथर, एक नर पैंथर और इसके दो या तीन शावक अंदर निवास कर रहे हैं. हालांकि अभी तक वन विभाग ने इस होटल के आसपास एक्टिव ट्रेकर लगाए हैं. ताकि पता चल सके कि इस निर्माणाधीन होटल में कितने पैंथर निवास कर रहे हैं.

पढ़ेंः सांसद ने ओलावृष्टि क्षेत्र का दौरा कर जाना किसानों का हाल

वहीं उच्च अधिकारियों से बात करने के बाद अब पता चला है कि इन पैंथर का किसी भी प्रकार से रेस्क्यू नहीं किया जाएगा. वन विभाग इस होटल के पास आसपास ऐसी गतिविधि करेगा कि यह पैंथर कुनबा अपने आप ही अपनी जगह बदल कर जंगल की ओर चला जाएगा.

बता दें कि अरावली पर्वतमाला के बीच फैला राणकपुर वन क्षेत्र और पैंथर कंजर्वेशन में करीब 80 से ज्यादा पैंथर के कुनबे निवास करते हैं. पाली में पर्यटन को बढ़ावा देने में इन्हीं पैंथर की भूमिका सबसे ज्यादा है. लगातार इंसानी दखल के बढ़ने के कारण यह पैंथर भीतरी जंगलों में जाकर अपना घर बना चुके थे, लेकिन पिछले डेढ़ माह से लॉकडाउन होने के बाद वन क्षेत्र में किसी भी प्रकार की इंसानी दखल नहीं है और वन क्षेत्र के करीब ही बनी इन होटलों में भी पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है.

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ऐसे में एक बार फिर से यह वन्य जीव अपने आपको वन और इसके आसपास की सीमा में सुरक्षित मान रहे हैं. इसके चलते यह जीव अपने सहायकों के लिए सुरक्षित स्थान समझ इन होटलों में आकर रहने लग गए हैं. हालांकि वन विभाग पैंथर के इस तरीके से खुले विचरण को देख कर काफी खुश है कि एक बार फिर से पाली के वन क्षेत्र में पैंथर का आंकड़ा और बढ़ता नजर आ रहा है.

वन विभाग की टीम ने इस होटल के आसपास 10 एक्टिव ट्रेकर लगाए हैं, ताकि अगर यह पैंथर दूसरे स्थान पर मूवमेंट करते हैं तो उसकी जानकारी वन विभाग को मिल पाए. साथ ही इनके संख्याओं का भी पता चल सके. वन विभाग की टीम ने इन होटल के आसपास इंसानी दखल पूरी तरह से बंद कर दी है, ताकि मादा पैंथर अपने शावकों को अपने साथ ही लेकर जाए.

Last Updated : May 6, 2020, 12:04 PM IST
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