पाली. शहर में कपड़े के द्वारा लगातार फैलाए जा रहे प्रदूषण को लेकर किसानों की समस्या सुनने के लिए शुक्रवार को विधानसभा पर्यावरण कमेटी पाली पहुंची. इस कमेटी ने गोपनीय तौर पर पहले पाली के विभिन्न प्रदूषित एरियों की जांच की. उसके बाद में सर्किट हाउस पहुंचकर नेहड़ा के किसानों से बात की.
किसानों ने अपनी समस्या में अपने नेहड़ा बांध के प्रदूषित होने और उनके खेतों के बंजर होने की कहानी को सुनाया और अधिकारियों और उद्यमियों की ओर से उनको अनसुनी करने की पीड़ा भी सुनाई. इस पर कमेटी के 4 सदस्यों की टीम ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को पाली से बांडी नदी में डिस्चार्ज होने वाले पानी को जीरो लेवल पर डिस्चार्ज करने के निर्देश दिए हैं. हालांकि अधिकारियों की ओर से एनजीटी में इस मामले के चलने की बात कहने के बाद कमेटी के सदस्यों ने इस मामले को और गंभीरता से लेने की बात कही.
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गौरतलब है कि पाली में पिछले 20 सालों से संचालित हो रही कपड़ा इकाइयों की ओर से निकाला जा रहा रंगीन पानी एंट्रीट किए हुए बांडी नदी में सीधा प्रवाहित करने का किसान आरोप लगा रहे हैं.
इस पानी से रोहट क्षेत्र में बना नेहड़ा बांध पूरी तरह से प्रदूषित हो चुका है. वर्तमान में पाली में अच्छी बारिश होने के बाद में नोएडा बांध में बरसात का शुद्ध पानी इकट्ठा हुआ है. अब किसान पिछले 20 दिनों से इस नेहड़ा बांध में प्रदूषित पानी नहीं आने की मांग को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
इसके बाद भी पाली से निकला रंगीन पानी बांडी नदी के जरिए नेहड़ा बांध में पहुंच रहा है. ऐसे में नेहड़ा बांध का पानी प्रदूषित हो चुका है. ऐसे में किसान अब अपना आक्रोश जताना शुरू कर चुके हैं. किसानों की इसी समस्या को सुनने के लिए विधानसभा द्वारा गठित पर्यावरण की विशेष कमेटी पाली पहुंची किसानों की समस्या और उसके बाद अधिकारियों से भी बात की अंत में कमेटी ने जल्द से जल्द किसानों दोनों ही मामले में पक्ष में कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.