मारवाड़ जंक्शन (पाली). कोरोना संक्रमण के खिलाफ जंग में हर कोई अपना योगदान दे रहा है. वहीं इस लड़ाई के लिए चिकित्साकर्मी घर-परिवार को छोड़ कर जी जान से जुटे हुए हैं. इसीलिए चिकित्सकों को धरती पर भगवान का रूप माना जाता है. जिले के मारवाड़ उपखंड के धनला गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत डॉक्टर अमित शर्मा भी इसी तरह काम में जुटे हैं.
डॉ. अमित शर्मा बीते 20 दिनों से अपने परिवार और 3 साल के बेटे को छोड़कर चिकित्सालय में लोगों को महामारी से बचाने में लगे हैं. इतना ही नहीं अस्पताल समय के बाद इनका स्टाफ अस्पताल मुख्यालय में रहकर रात दिन अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
लोगों को कर रहे जागरूक
इसके अलावा डॉ. अमित शर्मा समय-समय पर गांवों का दौरा कर ग्रामीणों को इस महामारी के बारे में जागरूक कर रहे हैं. वो ग्रामीणों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और मास्क लगाने सहित सुझाव दे रहे हैं. साथ ही सरकार द्वारा लागू किए गए लॉकडाउन की पालना करने को लेकर भी जागरूक कर रहे हैं.
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उन्होंने बताया कि उनका 3 वर्षीय बेटा है. परिवार से मिलने और घर का खाना खाने की बहुत इच्छा होती है, लेकिन इस मुसीबत की घड़ी में लोगों की सेवा करने का मौका है. इस परोपकार का काम करने से उन्हें संतुष्टि मिलती है. डॉ. अमित शर्मा ने कहा कि जब तक शरीर में जान है, वो लोगों की सेवा करते रहेंगे. अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाएंगे.
साथ ही बताया कि धनला सहित आसपास के क्षेत्र में 8 उप केंद्र हैं. सभी जगह वे और उनका स्टाफ समय-समय पर जाकर आए प्रवासियों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे हैं. साथ ही उनको को होम आइसोलेशन के लिए पाबंद कर रहे हैं. वहीं ग्रामीण इलाका होते होने की वजह से ग्रामीणों का बहुत ही अच्छा सहयोग प्रदान हो रहा है.