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बढ़ते प्रदूषण को लेकर पाली कलेक्टर ने ली उद्यमियों की बैठक

पाली कलेक्टर अंशदीप ने जिले के उद्यमियों और सीईटीपी फाउंडेशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में पाली में संचालित हो रही 600 से ज्यादा कपड़ा इकाइयों से निकलने वाले रंगीन और प्रदूषित पानी को ट्रीट करके नदी में छोड़ने को लेकर बात की गई. साथ ही अधिकारियों को सभी कपड़ा इकाइयों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए.

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जिला कलेक्टर ने ली उधमियों की बैठक
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Published : Aug 31, 2020, 6:57 PM IST

पाली. जिले में हुई बारिश के बाद में एक बार फिर से पाली की बांडी नदी में ये प्रदूषित पानी बहने के मामले सामने आने लगे हैं. नेहड़ा बांध के किसानों की ओर से पिछले दिनों बांडी नदी में आ रहे प्रदूषित पानी को लेकर शिकायत की गई थी. इसके बाद सोमवार दोपहर को जिला कलेक्टर अंशदीप ने पाली के सभी उद्यमियों और सीईटीपी फाउंडेशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की.

जिला कलेक्टर ने ली उद्यमियों की बैठक

इस बैठक का मुख्य उद्देश्य पाली में संचालित हो रही 600 से ज्यादा कपड़ा मीलों से निकलने वाले रंगीन और प्रदूषित पानी को ट्रीट करके नदी में छोड़ने को लेकर था. इस मामले में जिला कलेक्टर ने प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों को भी पाली में संचालित हो रही सभी कपड़ा इकाइयों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं.

बैठक में सीईटीपी फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने जिला कलेक्टर अंशदीप को आश्वस्त किया है कि उनकी ओर से संचालित हो रहे सभी ट्रीटमेंट प्लांट से एनजीटी के मानकों के तहत प्रदूषित पानी को ट्रीट करके नदी में छोड़ा जा रहा है. हालांकि इन सभी के बीच वाली नदी में रंगीन पानी की शिकायतें प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से भी की गई है.

पढ़ें- पाली में कोरोना का कहर जारी, 148 नए मामलों के साथ कुल आंकड़ा 4511

पिछले दिनों प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से पाली की कई कपड़े इकाइयों पर छापे भी मारे गए, लेकिन उस समय सभी कपड़ा इकाई बंद थी. ऐसे में एक बार फिर से कपड़े का काम शुरू होने के बाद चोरी छिपे कपड़ा इकाइयों की ओर से रंगीन पानी सीधा ही बांदी नदी में बहाने के मामले बढ़ने लगे हैं. एनजीटी की ओर से दिए गए आदेश के अनुसार सभी उद्यमियों को पालन करने के लिए कहा है और इसके साथ ही लापरवाह दिनों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है.

पाली. जिले में हुई बारिश के बाद में एक बार फिर से पाली की बांडी नदी में ये प्रदूषित पानी बहने के मामले सामने आने लगे हैं. नेहड़ा बांध के किसानों की ओर से पिछले दिनों बांडी नदी में आ रहे प्रदूषित पानी को लेकर शिकायत की गई थी. इसके बाद सोमवार दोपहर को जिला कलेक्टर अंशदीप ने पाली के सभी उद्यमियों और सीईटीपी फाउंडेशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की.

जिला कलेक्टर ने ली उद्यमियों की बैठक

इस बैठक का मुख्य उद्देश्य पाली में संचालित हो रही 600 से ज्यादा कपड़ा मीलों से निकलने वाले रंगीन और प्रदूषित पानी को ट्रीट करके नदी में छोड़ने को लेकर था. इस मामले में जिला कलेक्टर ने प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों को भी पाली में संचालित हो रही सभी कपड़ा इकाइयों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं.

बैठक में सीईटीपी फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने जिला कलेक्टर अंशदीप को आश्वस्त किया है कि उनकी ओर से संचालित हो रहे सभी ट्रीटमेंट प्लांट से एनजीटी के मानकों के तहत प्रदूषित पानी को ट्रीट करके नदी में छोड़ा जा रहा है. हालांकि इन सभी के बीच वाली नदी में रंगीन पानी की शिकायतें प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से भी की गई है.

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पिछले दिनों प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से पाली की कई कपड़े इकाइयों पर छापे भी मारे गए, लेकिन उस समय सभी कपड़ा इकाई बंद थी. ऐसे में एक बार फिर से कपड़े का काम शुरू होने के बाद चोरी छिपे कपड़ा इकाइयों की ओर से रंगीन पानी सीधा ही बांदी नदी में बहाने के मामले बढ़ने लगे हैं. एनजीटी की ओर से दिए गए आदेश के अनुसार सभी उद्यमियों को पालन करने के लिए कहा है और इसके साथ ही लापरवाह दिनों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है.

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