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नए कृषि बिल पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जताया विरोध, राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन - कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जताया विरोध

पाली में कृषि व्यापार के संबंध में अध्यादेश जारी करने के बाद कांग्रेस ने अपने विरोध के स्वर तेज कर दिए हैं. सोमवार को पाली विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रहे महावीर सिंह ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ केंद्र सरकार के इस आदेश का विरोध जताया, साथ ही राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी सौंपा.

Opposition to agricultural bill, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कृषि बिल का जताया विरोध
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कृषि बिल का जताया विरोध
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Published : Sep 21, 2020, 2:37 PM IST

पाली. केंद्र सरकार की ओर से देश के किसानों और कृषि व्यापार के संबंध में अध्यादेश जारी करने के बाद कांग्रेस ने अपने विरोध के स्वर तेज कर दिए हैं. सोमवार को पाली विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रहे महावीर सिंह ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ केंद्र सरकार के इस आदेश का विरोध जताते हुए राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन में उन्होंने आदेश को वापस लेने की मांग की है.

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कृषि बिल का जताया विरोध

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का यह आदेश किसानों के हित के खिलाफ है. यह अध्यादेश देश के किसानों के लिए खासा नुकसानदायक साबित होगा. कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा सौंपा गया ज्ञापन में उन्होंने कृषि उपज वाणिज्य और व्यापार अध्यादेश के माध्यम से केंद्र सरकार वन पेंशन, वन मार्केट की अवधारणा में किसानों की उपज को किसी भी व्यापारी प्लेटफार्म पर बेचने की इजाजत देना बताया है.

जबकि इस अध्यादेश के माध्यम से मंडी व्यवस्था खत्म होगी और व्यापारियों की मनमानी चलेगी. उन्होंने कहा कि दूसरे अध्यादेश मूला आवश्यक आश्वासन और कृषि सेवा समझौता अध्यादेश में व्यापारिक खेती को किसान हित में बताया है. जबकि अध्यादेश केवल मात्र कॉर्पोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने का एक जरिया है.

पढ़ेंः जोधपुर में कोरोना की रोकथाम के लिए लगी धारा-144, सक्रिय हुई पुलिस

वहीं आवश्यक वस्तु संशोधन अध्यादेश के माध्यम से अनाज, दलहन, खाद्य तेल, आलू और प्याज को अनिवार्य वस्तुओं की सूची से हटाकर खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को मुक्त करने का दावा किया गया, लेकिन वास्तविकता यह है कि इस अध्यादेश के लागू होने से किसान द्वारा दी गई कृषि उपज को जमा करने की अधिकतम सीमा तय करने और कालाबाजारी को रोकने के लिए बनाए गए अधिनियम को समाप्त किया गया है. सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इन तीनों ही अध्यादेश को वापस लेने की मांग ज्ञापन में की है.

पाली. केंद्र सरकार की ओर से देश के किसानों और कृषि व्यापार के संबंध में अध्यादेश जारी करने के बाद कांग्रेस ने अपने विरोध के स्वर तेज कर दिए हैं. सोमवार को पाली विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रहे महावीर सिंह ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ केंद्र सरकार के इस आदेश का विरोध जताते हुए राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन में उन्होंने आदेश को वापस लेने की मांग की है.

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कृषि बिल का जताया विरोध

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का यह आदेश किसानों के हित के खिलाफ है. यह अध्यादेश देश के किसानों के लिए खासा नुकसानदायक साबित होगा. कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा सौंपा गया ज्ञापन में उन्होंने कृषि उपज वाणिज्य और व्यापार अध्यादेश के माध्यम से केंद्र सरकार वन पेंशन, वन मार्केट की अवधारणा में किसानों की उपज को किसी भी व्यापारी प्लेटफार्म पर बेचने की इजाजत देना बताया है.

जबकि इस अध्यादेश के माध्यम से मंडी व्यवस्था खत्म होगी और व्यापारियों की मनमानी चलेगी. उन्होंने कहा कि दूसरे अध्यादेश मूला आवश्यक आश्वासन और कृषि सेवा समझौता अध्यादेश में व्यापारिक खेती को किसान हित में बताया है. जबकि अध्यादेश केवल मात्र कॉर्पोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने का एक जरिया है.

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वहीं आवश्यक वस्तु संशोधन अध्यादेश के माध्यम से अनाज, दलहन, खाद्य तेल, आलू और प्याज को अनिवार्य वस्तुओं की सूची से हटाकर खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को मुक्त करने का दावा किया गया, लेकिन वास्तविकता यह है कि इस अध्यादेश के लागू होने से किसान द्वारा दी गई कृषि उपज को जमा करने की अधिकतम सीमा तय करने और कालाबाजारी को रोकने के लिए बनाए गए अधिनियम को समाप्त किया गया है. सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इन तीनों ही अध्यादेश को वापस लेने की मांग ज्ञापन में की है.

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