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स्पेशल: पाली में पिछले कई चुनाव से आपसी गुटबाजी का शिकार रही कांग्रेस पार्टी - Congress had to face defeat due to mutual factionalism

पाली जिले में पिछले तीन चुनाव से खुद को खड़ा करने में लगी कांग्रेस को इस बार भी निकाय चुनाव में मुंह की खानी पड़ी. इस बार राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद यह उम्मीद लगाई जा रही थी कि पाली निकाय चुनाव में कांग्रेस का बोर्ड बनेगा. लेकिन इस बार भी कांग्रेस पार्टी गुटबाजी का शिकार रही और पार्टी को एक बार फिर पाली में हार का मुंह देखना पड़ा.

कांग्रेस में गुटबाजी, Factionalism in congress
कांग्रेस में गुटबाजी
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Published : Dec 6, 2019, 8:39 PM IST

पाली. जिले में निकाय चुनाव संपन्न हो चुके हैं लेकिन पिछले तीन चुनाव की तरह कांग्रेस को इस बार भी मुंह की खानी पड़ी. पिछले तीन चुनावों से खुद को खड़ा करने में लगी कांग्रेस हर बार खेमेबाजी का शिकार हो जाती है.

पाली में आपसी गुटबाजी का शिकार रही कांग्रेस

वहीं, इस बार राजस्थान में प्रदेश सरकार बनने के बाद उम्मीद लगाई जा रही थी कि पाली निकाय चुनाव में कांग्रेस का बोर्ड बनेगा. लेकिन इस बार भी कांग्रेस पिछले कई चुनावों की तरह खेमेबाजी का शिकार रही.

इस बार निकाय चुनाव की चर्चाएं गरम होने के साथ ही कांग्रेस के अलग-अलग खेमों में बटने की कहानी ने जोर पकड़ लिया था. जहां कांग्रेस का एक गुट कांग्रेस भवन में अपनी रणनीति तैयार कर रहा था. वहीं, दूसरा गुट किसी चाय चौपाल पर चर्चा करता नजर आ रहा था. इसी तरह तीसरा गुट भी अपनी अलग ही तैयारी में देखने को मिला.

वहीं, जब टिकट वितरण का समय आया तो कांग्रेस में यहां भी गुटबाजी देखने को मिली. जिसका नतीजा यह रहा कि कांग्रेस के पदाधिकारियों की ओर से निर्वाचन अधिकारी को सिंबल जमा करवाने के बाद भी प्रत्याशियों के नाम बदलते रहे.

पढ़ें- Special: पाली में कपड़ा उद्योग होंगे प्रदूषण मुक्त, CETP फाउंडेशन ने उठाए कदम

पाली में कांग्रेस की गुटबाजी को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पवन बंसल ने कहा कि हम लोग इसको लेकर बहुत गंभीर हैं. उन्होंने कहा कि यहां कुछ ना कुछ घटनाक्रम होता रहा है चाहे वह लोकसभा चुनाव रहा हो या अन्य चुनाव लेकिन हम लोग इसको लेकर कुछ ठोस कदम उठाएंगे, जो संगठन को यहां एकजुट करे. जिससे यहां गुटबाजी को समाप्त किया जा सके.

निकाय चुनाव में ही नहीं बल्कि कांग्रेस की गुटबाजी का नजारा चेयरमैन के मतदान और उपसभापति के मतदान में भी नजर आया. जहां कांग्रेस की प्रत्याशी नेतल मेवाड़ा 30 पार्षदों के साथ चुनाव के लिए मतदान करने पहुंची थी, लेकिन उन्हें सिर्फ 28 वोट ही मिल पाए.

वहीं, उपसभापति चुनाव के दौरान कांग्रेस के प्रत्याशी को मात्र 25 वोट ही मिल पाए. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि यहां भी गुटबाजी के चलते ही पदाधिकारियों ने क्रॉस वोटिंग कर पार्टी को हार का मुंह दिखाया है.

पाली. जिले में निकाय चुनाव संपन्न हो चुके हैं लेकिन पिछले तीन चुनाव की तरह कांग्रेस को इस बार भी मुंह की खानी पड़ी. पिछले तीन चुनावों से खुद को खड़ा करने में लगी कांग्रेस हर बार खेमेबाजी का शिकार हो जाती है.

पाली में आपसी गुटबाजी का शिकार रही कांग्रेस

वहीं, इस बार राजस्थान में प्रदेश सरकार बनने के बाद उम्मीद लगाई जा रही थी कि पाली निकाय चुनाव में कांग्रेस का बोर्ड बनेगा. लेकिन इस बार भी कांग्रेस पिछले कई चुनावों की तरह खेमेबाजी का शिकार रही.

इस बार निकाय चुनाव की चर्चाएं गरम होने के साथ ही कांग्रेस के अलग-अलग खेमों में बटने की कहानी ने जोर पकड़ लिया था. जहां कांग्रेस का एक गुट कांग्रेस भवन में अपनी रणनीति तैयार कर रहा था. वहीं, दूसरा गुट किसी चाय चौपाल पर चर्चा करता नजर आ रहा था. इसी तरह तीसरा गुट भी अपनी अलग ही तैयारी में देखने को मिला.

वहीं, जब टिकट वितरण का समय आया तो कांग्रेस में यहां भी गुटबाजी देखने को मिली. जिसका नतीजा यह रहा कि कांग्रेस के पदाधिकारियों की ओर से निर्वाचन अधिकारी को सिंबल जमा करवाने के बाद भी प्रत्याशियों के नाम बदलते रहे.

पढ़ें- Special: पाली में कपड़ा उद्योग होंगे प्रदूषण मुक्त, CETP फाउंडेशन ने उठाए कदम

पाली में कांग्रेस की गुटबाजी को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पवन बंसल ने कहा कि हम लोग इसको लेकर बहुत गंभीर हैं. उन्होंने कहा कि यहां कुछ ना कुछ घटनाक्रम होता रहा है चाहे वह लोकसभा चुनाव रहा हो या अन्य चुनाव लेकिन हम लोग इसको लेकर कुछ ठोस कदम उठाएंगे, जो संगठन को यहां एकजुट करे. जिससे यहां गुटबाजी को समाप्त किया जा सके.

निकाय चुनाव में ही नहीं बल्कि कांग्रेस की गुटबाजी का नजारा चेयरमैन के मतदान और उपसभापति के मतदान में भी नजर आया. जहां कांग्रेस की प्रत्याशी नेतल मेवाड़ा 30 पार्षदों के साथ चुनाव के लिए मतदान करने पहुंची थी, लेकिन उन्हें सिर्फ 28 वोट ही मिल पाए.

वहीं, उपसभापति चुनाव के दौरान कांग्रेस के प्रत्याशी को मात्र 25 वोट ही मिल पाए. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि यहां भी गुटबाजी के चलते ही पदाधिकारियों ने क्रॉस वोटिंग कर पार्टी को हार का मुंह दिखाया है.

Intro:समाचार पहले ही भेज दिए गए है समाचार में कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव पवन बंसल की बाईट है।


Body:कांग्रेस खेमेबाजी खबर में पीटीसी


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