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पाली: धनतेरस के मौके पर बाजार में बरसा धन, बाजार में करोड़ों का हुआ कारोबार

पाली में शुक्रवार शाम को बाजारों में जमकर खरीदारी होने से धन की बारिश हुई. भाई दूज तक चलने वाले इस पंचदीप पर्व के अवसर पर पाली में सोना चांदी, ऑटोमोबाइल्स, इलेक्ट्रिक और गारमेंट का कारोबार करोड़ों रुपए में पहुंच चुका है.

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Published : Oct 26, 2019, 3:42 PM IST

दीपावली की खबर, dipawli news, पाली में दिपावली की तैयारीयां, Preparations for Diwali in Pali

पाली. शुक्रवार को शाम 7:07 पर त्रयोदशी लगते ही पाली के बाजारों में धन की बारिश होने लगी. भाई दूज तक चलने वाले इस पंचदीप पर्व के अवसर पर पाली में सोना चांदी, ऑटोमोबाइल्स, इलेक्ट्रिक और गारमेंट का कारोबार करोड़ों रुपए में पहुंच चुका है. धनतेरस का अबूझ मुहूर्त शनिवार को दोपहर 3:46 तक रहने वाला है. इसके चलते व्यापारियों को उम्मीद है कि इन 2 दिनों में पाली बाजार का कारोबार काफी अच्छा होने वाला है.

धनतेरस के मौके पर पाली बाजार में बरसा धन

इधर दीपावली को लेकर बाजारों में सजावट भी हो गई है. सूरज पोल से सोमनाथ मंदिर और धान मंडी, सराफा बाजार, रूई कटला, फतेहपुरा बाजार और गोला निमड़ा बाजार में शाम 8 बजे तक पैर रखने की जगह नही रही.बता दें कि रूप चतुर्दशी शनिवार को मनाई जाएगी. इसे नरक चतुर्दशी, छोटी दिवाली, काली चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि दिवाली से पहले रूप चौदस के दिन घर के कई हिस्सों में यम के लिए दीपक जलाए जाते हैं.

पढ़ेंः दिवाली विशेष: शहरों की भूली संस्कृति गांवों में आज भी जिंदा

मान्यता के अनुसार इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर उबटन और तेल आदि लगाकर स्नान करना चाहिए. इस दिन दीपदान करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. साथ ही शारीरिक कष्ट और पीड़ा का निवारण होता है. गोधूलि बेला में शिवालय में दीप प्रज्वलित करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि रूप चौदस पर व्रत रखने से भगवान कृष्ण व्यक्तियों को सौंदर्य प्रदान करते हैं. चतुर्दशी का पूजन कर अकाल मृत्यु से मुक्ति और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए यमराज की पूजा और उपासना की जाती है.

पाली. शुक्रवार को शाम 7:07 पर त्रयोदशी लगते ही पाली के बाजारों में धन की बारिश होने लगी. भाई दूज तक चलने वाले इस पंचदीप पर्व के अवसर पर पाली में सोना चांदी, ऑटोमोबाइल्स, इलेक्ट्रिक और गारमेंट का कारोबार करोड़ों रुपए में पहुंच चुका है. धनतेरस का अबूझ मुहूर्त शनिवार को दोपहर 3:46 तक रहने वाला है. इसके चलते व्यापारियों को उम्मीद है कि इन 2 दिनों में पाली बाजार का कारोबार काफी अच्छा होने वाला है.

धनतेरस के मौके पर पाली बाजार में बरसा धन

इधर दीपावली को लेकर बाजारों में सजावट भी हो गई है. सूरज पोल से सोमनाथ मंदिर और धान मंडी, सराफा बाजार, रूई कटला, फतेहपुरा बाजार और गोला निमड़ा बाजार में शाम 8 बजे तक पैर रखने की जगह नही रही.बता दें कि रूप चतुर्दशी शनिवार को मनाई जाएगी. इसे नरक चतुर्दशी, छोटी दिवाली, काली चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि दिवाली से पहले रूप चौदस के दिन घर के कई हिस्सों में यम के लिए दीपक जलाए जाते हैं.

पढ़ेंः दिवाली विशेष: शहरों की भूली संस्कृति गांवों में आज भी जिंदा

मान्यता के अनुसार इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर उबटन और तेल आदि लगाकर स्नान करना चाहिए. इस दिन दीपदान करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. साथ ही शारीरिक कष्ट और पीड़ा का निवारण होता है. गोधूलि बेला में शिवालय में दीप प्रज्वलित करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि रूप चौदस पर व्रत रखने से भगवान कृष्ण व्यक्तियों को सौंदर्य प्रदान करते हैं. चतुर्दशी का पूजन कर अकाल मृत्यु से मुक्ति और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए यमराज की पूजा और उपासना की जाती है.

Intro:पाली. शुक्रवार को शाम 7:07 पर यह त्रयोदशी लगते ही पाली के बाजारों में धन की बारिश होने लगी। भाई दूज तक चलने वाले इस पंचदीप पर्व के अवसर पर पाली में सोना चांदी, ऑटोमोबाइल्स, इलेक्ट्रिक व गारमेंट का जिले में कारोबार करोड़ों रुपए में पहुंच चुका है। धनतेरस का अबूझ मुहूर्त शनिवार को दोपहर 3:46 तक रहने वाला है। इसके चलते व्यापारियों को उम्मीद है कि इन 2 दिनों में पाली का कारोबार काफी अच्छा होने वाला है। इधर दीपावली को लेकर बाजारों में सजावट भी हो गई है ।सूरज पोल से सोमनाथ मंदिर और धान मंडी, सराफा बाजार रूई कटला, फतेहपुरा बाजार व गोला निमड़ा बाजार में शाम 8:00 बजे तक पैर रखने की जगह नही रही।


Body:रूप चतुर्दशी शनिवार को मनाई जाएगी। इसे नरक चतुर्दशी, छोटी दिवाली, काली चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है।मान्यता है कि दिवाली से पहले रूप चौदस के दिन घर के कई हिस्सों में यम के लिए दीपक जलाए जाते हैं। मान्यता के अनुसार इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर उबटन व तेल आदि लगाकर स्नान करना चाहिए। इस दिन दीपदान करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। एवं शारीरिक कष्ट और पीड़ा का निवारण होता है। गोधूलि बेला में शिवालय में दीप प्रज्वलित करने से विशेष फल प्राप्ति होती है। मान्यता है कि रूप चौदस पर व्रत रखने से भगवान कृष्ण व्यक्तियों को सौंदर्य प्रदान करते हैं ।चतुर्दशी का पूजन कर अकाल मृत्यु से मुक्ति तथा स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए यमराज की पूजा और उपासना की जाती है।

समाचार में जिला कलेक्टर दिनेशचंद्र जैन की लोगों को शुभकामनाएं देते हुए बाईट है।


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